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This Article is From May 22, 2024

किस वजह से बनती है पित्त की थैली में पथरी? जानिए पित्ताशय की पथरी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में सब कुछ

Gall bladder Stones: पित्ताशय की पथरी एक आम समस्या है जो कि हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए कंट्रोल की जा सकती है. यहां हम बता रहे हैं कि पित्त की थैली में पथरी कैसे बनती हैं और इसके लक्षण, कारण और इलाज क्या है.

किस वजह से बनती है पित्त की थैली में पथरी? जानिए पित्ताशय की पथरी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में सब कुछ
Gallstones: ये पथरी मेनली कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और अन्य चीजों से बनी होती हैं.

What Is Gallbladder Stone: पित्ताशय एक छोटा, नाशपाती के आकार का अंग है जो पेट के दाईं ओर लिवर (Liver) के नीचे होता है. इसका मुख्य कार्य पित्त (Bile) को संग्रहित करना और पाचन में सहायता करना है. पित्ताशय की पथरी, जिसे गैलस्टोन भी कहा जाता है. ये पित्ताशय में बनने वाली कठोर और ठोस संरचनाएं होती हैं. ये पथरी मेनली कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और अन्य चीजों से बनी होती हैं. आसान भाषा में कहें तो जब पित्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल, बिलिरुबिन या अन्य पदार्थ ठोस रूप में जमा हो जाते हैं, तो इन्हें पित्ताशय की पथरी या पित्त की थैली की पथरी कहा जाता है.

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पित्ताशय की पथरी के प्रकार | Types of Gallstones

कोलेस्ट्रॉल पथरी: ये पथरी पीली-हरी रंग की होती हैं और मुख्यतः कोलेस्ट्रॉल से बनी होती हैं. ये सबसे आम प्रकार की पित्ताशय की पथरी होती हैं.
पिगमेंट पथरी: ये पथरी गहरे भूरे या काले रंग की होती हैं और बिलीरुबिन से बनी होती हैं. ये ज्याातर उन लोगों में पाई जाती हैं जिनको ब्लड डिसऑर्डर होते हैं, जैसे कि सिकल सेल एनीमिया.

पित्त की थैली में पथरी का कारण | Causes of Gallstones

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल: जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है, तो यह पथरी का कारण बन सकता है.
बिलीरुबिन की मात्रा ज्यादा होना: कुछ बीमारियां, जैसे कि लिवर सिरोसिस और कुछ ब्लड डिसऑर्डर, बिलीरुबिन के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं, जिससे पथरी बन सकती है.
पित्ताशय का ठीक से खाली न होना: अगर पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं होता है, तो यह पथरी बनने की संभावना बढ़ा देता है.

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पित्त की थैली में पथरी के लक्षण | Symptoms of gallstones

  • पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में तेज दर्द.
  • पीठ के दाहिने कंधे तक फैलने वाला दर्द.
  • मतली और उल्टी.
  • पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
  • भूख न लगना और बदहजमी.

पित्त की थैली में पथरी का पता कैसे लगाएं? | How to detect gallstones?

पित्ताशय की पथरी का डायग्नोस अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई या एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (EUS) द्वारा किया जा सकता है. ब्लड टेस्ट भी किये जा सकते हैं ताकि किसी इंफेक्शन या अन्य जटिलताओं का पता लगाया जा सके.

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पित्ताशय की पथरी का इलाज | Gallstone Treatment

दवाइयां: कुछ दवाइयां पथरी को घुलाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है और सभी प्रकार की पथरी पर प्रभावी नहीं होती.

लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी सर्जरी: यह सबसे आम सर्जरी है जिसमें पित्ताशय को निकाल दिया जाता है.
ओपन कोलेसिस्टेक्टोमी सर्जरी: जब लैप्रोस्कोपिक सर्जरी संभव नहीं होती, तो यह विधि अपनाई जाती है.
एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेन्जियोपैंक्रेटोग्राफी (ERCP): इस प्रक्रिया में एंडोस्कोप का उपयोग करके पथरी को निकाल दिया जाता है.

पित्ताशय की पथरी की रोकथाम करने के उपाय | Ways To Prevent Gallstones

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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