मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसे लगातार प्रबंधन यानी मैनेजमेंट की जरूरत होती है. आपको मधुमेह की जटिलताओं यानी डायबिटीज की कॉम्पलिकेश्न (Complications of Diabetes) से बचने के लिए स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर (healthy blood sugar levels) को बनाए रखने की जरूरत होती है. अगर आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं तो डायबिटीज के खतरे और इसकी जटिलताओं से बचे रह सकते हैं. अब सवाल यह उठता है कि आखिर डायबिटीज होता क्यों है या मधुमेह के कारण क्या हैं. असल में ऐसे बहुत से कारण और वजहे हैं जो आपको मधुमेह होने के उच्च जोखिम में डाल सकते हैं. टाइप -1 मधुमेह (Type-1 Diabetes) एक दुर्लभ प्रकार है, जिसे रोकना मुश्किल है. परिवार का इतिहास टाइप -1 मधुमेह (Type-1 Diabetes) के प्रमुख कारणों में से एक है. जबकि, टाइप -2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) को स्वस्थ आहार और जीवनशैली में बदलाव के साथ रोका जा सकता है. कई कारण हैं जो टाइप -2 मधुमेह के पीछे हो सकते हैं. इनमें मोटापा, लाइफस्टाइल वगैरह शामिल हैं. टाइप -2 डायबिटीज से बचाने के लिए आप क्या कर सकते हैं, चलिए जातने हैं-
कैसे बचें टाइप 2 डायबिटीज से (How to prevent type-2 Diabetes)
1. नियमित व्यायाम करें
शारीरिक व्यायाम के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है. यह आपको मधुमेह को रोकने में भी मदद कर सकता है. व्यायाम कोशिकाओं के इंसुलिन संवेदनशीलता को कंट्रोल करता है. नियमित रूप से व्यायाम करें, आप साधारण व्यायाम से शुरुआत कर सकते हैं.
2. अन्य पेय पदार्थों को पानी से बदलें
दिन भर में आपके द्वारा चुने गए अधिकांश पेय में एडिड शुगर होती है. इसलिए पीने के लिए अगर कुछ लेना है तो पानी सबसे अच्छा पेय है. बहुत अधिक चीनी के सेवन से बचने के लिए सोडा या पैक्ड जूस छोड़ दें. दिन भर में अधिक पानी पीना चाहिए. यह शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करेगा और आपको शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने में मदद करेगा.
3. अपने आहार में फाइबर शामिल करें
फाइबर आपके आहार का एक जरूरी हिस्सा होना चाहिए. यह आपके पाचन को स्वस्थ रखता है और आपको लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास कराता है. फाइबर स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर यानी हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में भी मदद करता है. यह आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है और वजन बढ़ने से रोकता है.
4. स्वस्थ वजन बनाए रखें
मोटापा मधुमेह के खतरे को बढ़ाने वाले बड़े कारणों में से एक है. अध्ययनों के अनुसार स्वस्थ वजन वाले लोगों में मोटापे से ग्रस्त लोगों की तुलना में मधुमेह विकसित होने का खतरा कम होता है. तो अपने वजन को नियंत्रण में रखें.
5. डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न करें
अब यह सबसे जरूरी बात है. आप अपने आहार पर ध्यान दें लाइफस्टाल पर भी नजर रखें और जरूरी बदलाव करें. लेकिन यह सब करने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं कि आप डायबिटीज के लक्षण दिखने पर भी उन्हें नजरअंदजा कर दें. मधुमेह के लक्षणों पर नजर रखें. अगर आप शुरुआत में ही इन्हें पहचान लेते हैं तो स्थिति को बदतर होने से रोका जा सकता है. अब सवाल उठता है कि मधुमेह के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं. तो डायबिटीज के लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं- टाइप -2 डायबिटीज के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, प्यास का बढ़ना, थकान, धुंधली दृष्टि, घावों की धीमी गति से उपचार, हाथों और पैरों में झुनझुनी, त्वचा के गहरे धब्बे और बढ़ती हुई भूख शामिल हैं. अगर आप इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए.
(अस्वीकरण : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें. एनडीटीवी इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता.)