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बवासीर का देसी इलाज है नागदोन के पत्ते और ठंडे दूध में नींबू, बाबा रामदेव ने बताया नेचुरली ठीक करने के 5 उपाय

Piles Home Remedies: हाल ही में बाबा रामदेव ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बवासीर, फिशर और फिस्टुला जैसी समस्याओं के लिए कुछ बेहद आसान और प्राकृतिक उपाय बताए.

बवासीर का देसी इलाज है नागदोन के पत्ते और ठंडे दूध में नींबू, बाबा रामदेव ने बताया नेचुरली ठीक करने के 5 उपाय
Bavasir Ke Gahrel Upay: आयुर्वेद में बवासीर लिए कई असरदार देसी उपाय मौजूद हैं

How to Treat Piles Naturally : बवासीर (पाइल्स) एक बेहद तकलीफदेह बीमारी है, जिसमें गुदा के आसपास की नसों में सूजन आ जाती है. इससे मल त्यागते समय दर्द, जलन और कभी-कभी खून भी आता है. आजकल की इर्रेगुलर लाइफस्टाइल, फास्ट फूड, कब्ज और तनाव इस बीमारी को बढ़ावा देते हैं. लेकिन, आयुर्वेद में इसके लिए कई असरदार देसी उपाय मौजूद हैं, जिन्हें अपनाकर बिना ऑपरेशन के राहत पाई जा सकती है. हाल ही में बाबा रामदेव ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बवासीर, फिशर और फिस्टुला जैसी समस्याओं के लिए कुछ बेहद आसान और प्राकृतिक उपाय बताए.

बवासीर से छुटकारा दिलाने वाले घरेलू उपाय | Home remedies to get rid of piles

1. नागदोन के पत्ते बवासीर के लिए रामबाण

बाबा रामदेव के अनुसार, नागदोन नामक औषधीय पौधे की 3 पत्तियां सुबह और शाम खाने से बवासीर में काफी राहत मिलती है. नागदोन की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं और गुदा क्षेत्र की जलन को शांत करते हैं.

सेवन का तरीका:

  • ताजी पत्तियां लें.
  • धोकर सुबह खाली पेट और शाम को खाने से पहले चबाएं.

2. ठंडे दूध में नींबू

बाबा रामदेव ने बताया कि ठंडे दूध में नींबू निचोड़कर पीने से बवासीर के लक्षणों में कमी आती है. पेट को ठंडक मिलती है, कब्ज दूर होती है, मल त्याग आसान होता है.

सेवन का तरीका:

  • एक गिलास ठंडा दूध लें.
  • उसमें आधा नींबू निचोड़ें.
  • सुबह या रात को सोने से पहले पी लें.

3. त्रिफला चूर्ण और अभयारिष्ट

बवासीर का मुख्य कारण कब्ज होता है. त्रिफला और अभयारिष्ट दोनों ही पाचन तंत्र को सुधारते हैं और मल को नरम बनाते हैं. त्रिफला को रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लें. पेट साफ रहेगा और मल त्याग में जोर नहीं लगेगा.

अभयारिष्ट:

  • ये आयुर्वेदिक टॉनिक है.
  • दिन में दो बार 10–15 ml लें.

4. अर्शोघ्नी वटी

अर्शोघ्नी एक आयुर्वेदिक दवा है जो बवासीर, फिशर और फिस्टुला में बेहद असरदार मानी जाती है. सूजन कम करती है, दर्द और जलन में राहत देती है, ब्लीडिंग को रोकती है.

सेवन का तरीका:

  • दिन में दो बार पानी के साथ लें.
  • डॉक्टर की सलाह जरूरी है.

5. घृत और एलोवेरा

अगर गुदा क्षेत्र में जलन या घाव है, तो घृत (गाय का घी) और एलोवेरा जेल को मिलाकर लगाने से तुरंत आराम मिलता है. दोनों को मिलाकर हल्के हाथों से प्रभावित जगह पर लगाएं. दिन में दो बार करें.

बाबा रामदेव के बताए ये उपाय प्राकृतिक, सस्ते और साइड इफेक्ट्स से फ्री हैं. अगर आप बवासीर, फिशर या फिस्टुला से परेशान हैं, तो इन देसी नुस्खों को अपनाकर आप 100% राहत पा सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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