![वायरल हेपेटाइटिस एक गंभीर समस्या, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय वायरल हेपेटाइटिस एक गंभीर समस्या, जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय](https://i.ndtvimg.com/i/2016-04/hepatitis_650x400_61460631890.jpg?downsize=773:435)
देश में वायरल हेपेटाइटिस बी एक गंभीर समस्या है. लगभग 40 करोड़ लोग दुनिया भर में हेपेटाइटिस बी और सी से संक्रमित हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए का कहना है कि भारत में चार करोड़ लोग लंबे समय से हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं और हेपेटाइटिस सी से पीड़ित भारतीयों की संख्या छह से 12 लाख के बीच हो सकती है. यकृत विफलता के सबसे अधिक गंभीर मामलों में हेपेटाइटिस ई वायरस (हेवीवी) को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. हेपेटाइटिस सी वाले लगभग 90 प्रतिशत लोगों को इलाज से ठीक किया जा सकता है.
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "हेपेटाइटिस ए वायरस, हेपेटाइटिस बी वायरस के बाद तीव्र वायरल हेपेटाइटिस का सबसे सामान्य कारण है. कुछ गतिविधियों में शामिल होना, जैसे कि टैटू बनवाना या जाने अनजाने में संक्रमित इंजेक्शन लगवाना या फिर कई सेक्स पार्टनर होने के कारण भी हेपेटाइटिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है."
डॉ. अग्रवाल ने कहा, "यकृत एक महत्वपूर्ण अंग है, जो प्रोटीन पोषक तत्वों और संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है. जब यकृत में सूजन आ जाती है या यह क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो इसका कार्य प्रभावित हो सकता है. हेपेटाइटिस बी को फोमाइट्स द्वारा भी प्रेषित किया जा सकता है जैसे कि रक्त प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाले फिंगर स्टिक उपकरणों से ग्लूकोज मापन, मल्टी डोज औषधि की शीशियों, जेट गन इंजेक्टर और एंडोस्कोप."
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