Happy Buddha Purnima 2024 Date: बुद्ध पूर्णिमा कब है? ये सवाल बहुत से लोगों के मन में होगा. आपको बता दें इस साल बुद्ध जयंती 23 मई, गुरुवार को है. इस साल गौतम बुद्ध की 2586वीं जयंती है. बुद्ध पूर्णिमा का शुभ त्योहार राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के जन्म का प्रतीक है, जो गौतम बुद्ध बने और बौद्ध धर्म की स्थापना की. इस पवित्र त्योहार को बुद्ध के जन्मदिन, बुद्ध दिवस या बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है. मुख्य रूप से एक बौद्ध त्योहार भारत, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, तिब्बत, थाईलैंड, तिब्बत, चीन, कोरिया, लाओस, वियतनाम, मंगोलिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया सहित कई दक्षिण, दक्षिणपूर्व और पूर्वी एशिया में मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर हम भगवान बुद्ध के उन अमूल्य विचारों के बारे में बता रहे हैं जो स्वास्थ्य और मानसिक शांति के महत्व को दर्शाते हैं.
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किस दिन मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा?
यह दिन हिंदू माह वैशाख की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो अप्रैल या मई में पड़ता है. बौद्ध इस दिन को बड़ी भक्ति और खुशी के साथ मनाते हैं, कई धार्मिक समारोहों और अनुष्ठानों में भाग लेते हैं.
स्वास्थ्य पर बुद्ध के प्रेरणादायक विचार | Buddha's inspirational thoughts on health
1. स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है
बुद्ध कहते थे कि, स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन है, वफादारी सबसे बड़ा संबंध है. स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे बड़ा और जरूरी पहलू है. बिना स्वास्थ्य के हमारे पास जो कुछ भी है, उसका आनंद नहीं ले सकते.
2. सभी बीमारियों का मूल मन है
बुद्ध का मानना था कि हमारा मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है. स्वस्थ मानसिकता से ही हम शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ रह सकते हैं.
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3. स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है
बुद्ध का कहते थे कि, सच्ची संपत्ति हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में निहित है, न कि भौतिक संपत्ति में.
मानसिक शांति पर बुद्ध के प्रेरणादायक विचार | Buddha's inspirational thoughts on mental peace
1. मन सब कुछ है, आप जैसा सोचते हैं, वैसा बन जाते हैं
बुद्ध का मानना था कि, हमारी सोच और मानसिक स्थिति हमारे जीवन के अनुभवों को आकार देती है. सकारात्मक और शांति पूर्ण विचारों से ही हम सच्ची मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं.
2. क्रोध को लेकर बुद्ध के विचार
क्रोध को पकड़कर रखना, गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने के इरादे से पकड़े रहने जैसा है, आप ही जलते हैं. क्रोध और नकारात्मकता को छोड़ना हमें मानसिक शांति और स्वतंत्रता प्रदान करता है.
3. सभी गलतियों का जड़ अज्ञानता है
बुद्ध कहते थे, सभी गलतियों का जड़ अज्ञानता है. जब मन शुद्ध होता है, तो आनंद उस छाया की तरह आता है जो कभी नहीं छोड़ता. ज्ञान और जागरूकता से ही हम मानसिक शांति और स्थिरता मिल सकती है.
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बुद्ध कहते थे, आपके पास जो कुछ भी है, उसका आनंद लें, इससे पहले कि वह चला जाए. वर्तमान क्षण में जीने की कला सिखाता है. वर्तमान में जीना मानसिक शांति और आनंद का स्रोत है.
बुद्ध पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है जो हमें आत्मनिरीक्षण और आत्म-प्रकाश की ओर प्रेरित करता है. भगवान बुद्ध के उपदेश हमें सिखाते हैं कि सच्ची खुशी और शांति हमारे भीतर है. स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने हजारों वर्ष पहले थे. इस शुभ दिन पर हम सभी से आग्रह करते हैं कि बुद्ध के विचारों को अपने जीवन में अपनाएं और एक शांतिपूर्ण, स्वस्थ और आनंदमय जीवन जीएं.
आप सभी को हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा!
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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