
गुलमोहर के रंग-बिरंगे फूल बसंत के दिनों में सबका मन मोह लेते हैं. अपने पीली और लाल फूलों की छटा से मन को आनंदित करने वाला गुलमोहर न केवल प्रकृति के सौंदर्य को बढ़ाता है, बल्कि आयुर्वेद में इसे एक पवित्र और स्वास्थ्यवर्धक पौधे के रूप में भी माना जाता है. इसके हर हिस्से में ऐसे औषधीय गुण छिपे हैं जो न केवल विभिन्न बीमारियों से राहत दिलाते हैं, बल्कि आपके शरीर को ताजगी से भर देते हैं.
चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में गुलमोहर के ताजगी और स्वास्थ्य लाभ को लेकर कई उल्लेख किए गए हैं. गुलमोहर के पत्ते, फूल और छाल सभी विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज में मददगार साबित होते हैं.
गुलमोहर का उपयोग घरों में हमारी दादी-नानियां सदियों से घरेलू नुस्खों में करती रही हैं. इसके फूलों और तने की छाल का उपयोग विभिन्न शारीरिक समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है. खासतौर पर महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया जैसी समस्या में गुलमोहर का प्रभावी रूप से उपयोग देखा गया है. इसके लिए पीले गुलमोहर के तने की छाल का पाउडर या फूलों के पाउडर सेवन करने से जल्द ही राहत मिल सकती है.
आयुर्वेद के अनुसार, गुलमोहर गठिया, अपच, दस्त, बालों के झड़ने और यहां तक कि पीरियड्स में होने वाली ऐंठन जैसी समस्याओं के इलाज में भी प्रभावी साबित होता है. इसके लिए गुलमोहर के सूखे फूलों का उपयोग किया जाता है. इसके फूलों को पीसकर उनका पाउडर बनाकर, उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से दर्द में राहत मिलती है.
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दस्त की समस्या में भी गुलमोहर के तने की छाल का पाउडर इस्तेमाल करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं. यह पेट की समस्याओं के उपचार में मदद करता है और आपको तुरंत राहत प्रदान करता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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