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वजन घटाने से लेकर मजबूत मांसपेशियों तक, नटराजासन से मिलते हैं ये बड़े फायदे

Natrajasan Yoga: इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार नटराजासन योग के सबसे बेहतरीन और प्रभावी आसनों में से एक है. यह आसन “'नृत्य के राजा' भगवान शिव के नटराज रूप से प्रेरित है, जिसमें एक पैर पर संतुलन बनाकर पूरा शरीर नृत्य की मुद्रा में आ जाता है.

वजन घटाने से लेकर मजबूत मांसपेशियों तक, नटराजासन से मिलते हैं ये बड़े फायदे
Natrajasan Yoga: नटराजासन करने के फायदे.

मांसपेशियों का शरीर की हर गतिविधियों में अहम योगदान होता है. यह संतुलन और शारीरिक कार्यों के लिए भी बेहद आवश्यक हैं. ऐसे में मांसपेशियों को भी स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक है. योग पद्धति के पास ऐसे कई आसन हैं, जिनके रोजाना अभ्यास से न केवल मांसपेशियों को मजबूत, बल्कि पूरी तरह से स्वस्थ रखा जा सकता है. ऐसे ही एक योगासन नटराजासन के बारे में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा जानकारी देता है.

नटराजासन करने के फायदे- Natrajasan Yoga Karne Ke Fayde:

संस्कृत शब्द 'नट' का अर्थ है नर्तक और 'राजा' का अर्थ है राजा. इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार नटराजासन योग के सबसे बेहतरीन और प्रभावी आसनों में से एक है. यह आसन “'नृत्य के राजा' भगवान शिव के नटराज रूप से प्रेरित है, जिसमें एक पैर पर संतुलन बनाकर पूरा शरीर नृत्य की मुद्रा में आ जाता है. नियमित अभ्यास से यह आसन शरीर में संतुलन, लचीलापन और एकाग्रता लाता है साथ ही कूल्हों, जांघों, टखनों, कंधों और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है.

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यह आसन संपूर्ण शरीर के लिए जितना फायदेमंद है, इसका अभ्यास उतना ही सरल है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा नटराजासन का अभ्यास कैसे करें, इसकी सही जानकारी भी देता है.

योग एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना नटराजासन के कुछ मिनटों के अभ्यास से शरीर में लचीलापन, मानसिक शांति का एहसास होने लगता है. यह आसन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि तनाव दूर करने और मन को स्थिर करने के लिए भी बेहतरीन माना जाता है. हालांकि, एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं, कमर-घुटने में गंभीर दर्द वाले व्यक्ति या हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को एहतियात बरतनी चाहिए.

कैसे करें नटराजासन- (How To Doing Natrajasan Yoga)

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. अपना पूरा भार बाएं पैर पर डालकर संतुलन बनाएं. अब दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए पीछे की ओर उठाएं. दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर पीछे से दाएं पैर या टखने को मजबूती से पकड़ लें. नजरें सामने किसी एक बिंदु पर स्थिर रखें और सांस लेते रहें. इसके बाद धीरे-धीरे इसी प्रक्रिया को बाएं पैर से भी दोहराएं और वापस स्थिति में आना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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