न्यूयॉर्क: स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क के बिंघमटन विश्वविद्यालय के हालिया शोध के अनुसार कोविड-19 महामारी के दौरान महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पुरुषों की तुलना में फिजिकल एक्टिविटी फ्रेक्वेंसी से अधिक प्रभावित होने की संभावना थी. मेंटल हेल्थ डाइट और लाइफस्टाइल ऑप्शन का प्रभाव एक ऐसा विषय है जिस पर बिंघमटन विश्वविद्यालय में हेल्थ और वेलबीइंग स्टडी की सहायक प्रोफेसर लीना बेगडाचे ने खोज की. उनकी टीम ने हाल ही में पुरुषों और महिलाओं के बीच स्पष्ट असमानताओं के साथ मानसिक परेशानी पर हेल्थ फ्रेक्वेंसी, वीक डे और कई इपेडिमिक स्टेज के प्रभावों की जांच की.
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लोगों से पूछे गए 41 प्रश्न:
2,370 लोगों ने सर्वे का जवाब दिया और परिणामों की जांच की गई. सर्वे में डेमोग्राफिक, शिक्षा, खाने की आदतों, नींद, फिजिकल एक्टिविटी फ्रेक्वेंसी, पैटर्न और मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में 41 प्रश्न पूछे गए हैं. इसके अतिरिक्त, महामारी को तीन अलग-अलग चरणों में विभाजित किया गया था.
महिलाओं को मध्यम व्यायाम की जरूरत थी:
शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि तनाव के समय महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए महिलाओं को मध्यम व्यायाम की जरूरत थी. इसके विपरीत बार-बार व्यायाम करना पुरुषों के लिए फायदेमंद होता था.
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"व्यायाम के दौरान शरीर पर स्ट्रेस होता है व्यायाम के लाभ खो जाते हैं जब इसे अधिक उपयोग किया जाता है, जो परेशान कर सकता है. पुरुष और महिलाएं इंटेस एक्सरसाइज रिस्पॉन्स में स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) की अलग-अलग मात्रा का स्राव करते हैं, यह सर्वविदित है.
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पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तनाव की अधिक संभावना:
बेगडाचे के शोध के अनुसार, महिलाओं को अपने दिमाग को स्थिर स्थिति में रखने और अपने उत्साह को ऊंचा रखने में असहजता महसूस करते हुए अपने कसरत के नियमों को मॉर्डिफाई करना चाहिए. बेगदाचे के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तनाव का अनुभव करने की अधिक संभावना है, जो दर्शाता है कि उनमें तनाव सहनशीलता कम है. इसलिए बार-बार व्यायाम करने से तनाव का स्तर बढ़ सकता है और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
एक्सरसाइड मानसिक स्वास्थ्य को मॉडिफाई करत है:
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि, हफ्ते के दिन के आधार पर एक्सरसाइड फ्रीक्वेंसी मानसिक स्वास्थ्य को मॉडिफाई करती है. जबकि महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में हफ्ते के दिनों में गिरावट आई, पुरुषों को वीकेंड में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव होने की अधिक संभावना थी. यह काम करते समय और अपने बच्चों को होमस्कूल करते समय एक मां के रूप में दायित्वों मैनेज करने की जरूरत की वजह से हो सकता है.
इसके अतिरिक्त, अध्ययन पुरुषों और महिलाओं दोनों में पूर्ण निष्क्रियता और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक कड़ी को दर्शाता है. एक्सरसाइज से कोविड में मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ. व्यायाम ने वेट कंट्रोल पर ध्यान केंद्रित करने की इच्छा को बढ़ावा दिया क्योंकि लॉकडाउन के दौरान वजन बढ़ना एक समस्या थी और इसने लोगों की लाइफस्टाइल को सुधारा.
बिंघमटन विश्वविद्यालय में सिस्टम साइंस और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर जेनेप एर्टेम और वहां के स्नातक छात्र अनसेह दानेशरस्थ ने भी इस अध्ययन में योगदान दिया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं