
Acidity Problem Home Remedies: दिवाली का नाम सुनते ही मन में मिठाइयों की मिठास, चटपटे स्नैक्स की खुशबू और रंग-बिरंगी सजावट की झलक आ जाती है. यह त्योहार खुशियों का रिश्तों का और स्वाद का होता है. लेकिन, इसी स्वाद के चक्कर में अक्सर हम अपनी सेहत को नजरअंदाज कर बैठते हैं. खासकर पेट की सेहत को. हर साल दिवाली के दौरान अस्पतालों और क्लीनिकों में एसिडिटी, गैस, अपच और पेट दर्द की शिकायतें बढ़ जाती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि इसका असली कारण क्या है? क्या आपकी दिवाली डाइट ही इसका जिम्मेदार है? इस लेख में हम जानेंगे कि दिवाली के दौरान पेट में एसिड क्यों बढ़ता है, आपकी डाइट इसमें कैसे भूमिका निभाती है और इससे बचने के आसान उपाय क्या हैं.
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दीवाली पर पेट की दिक्कतें क्यों बढ़ जाती हैं? (Why Do Dtomach Problems Increase During Diwali?)
दिवाली डाइट में छिपे एसिडिटी के कारण
दिवाली की डाइट में कई ऐसी चीजें होती हैं जो पेट में एसिड बढ़ाने का काम करती हैं, तला-भुना खाना, समोसे, कचौरी, चिप्स, नमकीन, ये सब तेल में तले जाते हैं और पाचन को धीमा करते हैं। इससे पेट में एसिड बनने लगता है.
बहुत ज्यादा मिठाई खाना: रसगुल्ला, लड्डू, बर्फी जैसी मिठाइयां चीनी और दूध से भरपूर होती हैं, जो गैस और अपच को बढ़ाती हैं.
मसालेदार भोजन: गरम मसाले, मिर्च और तेज स्वाद वाले पकवान पेट की दीवारों को उत्तेजित करते हैं, जिससे एसिडिटी होती है.
बार-बार खाना: दिवाली में बार-बार स्नैकिंग करना आम बात है, लेकिन इससे पेट को आराम नहीं मिलता और एसिड बनता रहता है.
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एसिडिटी के लक्षण जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए
सीने में जलन, पेट में भारीपन, खट्टी डकारें, मुंह का स्वाद बिगड़ना, भूख न लगना. अगर ये लक्षण दिवाली के दौरान दिखें, तो समझिए कि आपकी डाइट पेट को परेशान कर रही है.
एसिडिटी से बचने के आसान घरेलू उपाय (Easy Home Remedies to Avoid Acidity)
गुनगुना पानी: खाने के बाद गुनगुना पानी पीने से पाचन बेहतर होता है.
तुलसी और सौंफ: तुलसी की पत्तियाँ और सौंफ चबाने से एसिडिटी में राहत मिलती है.
अदरक और नींबू: अदरक गैस और अपच में राहत देता है, नींबू पानी पेट को शांत करता है.
हल्का वॉक: खाने के बाद 10–15 मिनट की वॉक एसिड को कम करने में मदद करती है.
4. दिवाली डाइट में क्या शामिल करें
फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां: जैसे पपीता, केला, खीरा ये पेट को ठंडक देते हैं.
कम तेल वाले स्नैक्स: एयर फ्राइड या बेक्ड विकल्प जैसे मूंग दाल चाट, ओट्स टिक्की.
हाइड्रेशन: दिनभर पर्याप्त पानी और नारियल पानी पीना जरूरी है.
प्री-प्लेटिंग: पहले से तय मात्रा में खाना लेने से ओवरईटिंग से बचा जा सकता है.
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स्वाद और सेहत का संतुलन जरूरी है
दिवाली का मजा तभी है जब स्वाद के साथ सेहत भी बनी रहे. अगर आप अपनी डाइट में थोड़ा संतुलन रखें, तो पेट की एसिडिटी से बचा जा सकता है. त्योहार का आनंद लें, लेकिन अपने शरीर की सुनें. क्योंकि सेहत है तो हर त्योहार खास है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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