कहते हैं कि अगर इरादे फौलादी हों, तो इंसान कुछ भी कर सकता है. दिल्ली पुलिस की एक कॉन्स्टेबल ने इस बात को सौ फीसदी सच कर दिखाया है. सोनिका यादव नाम की इस जांबाज पुलिसकर्मी ने 7 महीने की प्रेग्नेंसी में न सिर्फ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया, बल्कि 145 किलो का भारी-भरकम वजन उठाकर सबको हैरान कर दिया और ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम किया. 0
यह हैरान करने वाला कारनामा आंध्र प्रदेश में हुए ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर 2025–26 (All India Police Weightlifting Cluster 2025–26) में देखने को मिला. जब सोनिका यादव प्लेटफॉर्म पर उतरीं, तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि वो इतिहास रचने वाली हैं. ढीले कपड़ों की वजह से किसी का ध्यान उनकी प्रेग्नेंसी पर नहीं गया. लोगों को लगा कि शायद उन्होंने वजन बढ़ने की वजह से अपनी कैटेगरी बदली है. लेकिन जैसे ही उन्होंने 125 किलो स्क्वैट्स, 80 किलो बेंच प्रेस और आखिर में 145 किलो की डेडलिफ्ट की, तो देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह गईं.
जब दुनिया को पता चली सच्चाईजब सबको पता चला कि सोनिका 7 महीने की प्रेग्नेंट हैं, तो पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. दूसरी टीमों की महिला पुलिसकर्मी भी आकर उन्हें बधाई देने लगीं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं.
सोनिका ने इसी साल मई में जब अपने पति को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में बताया, तो उन्हें लगा कि अब शायद सोनिका का जिम और ट्रेनिंग का रूटीन बंद हो जाएगा. लेकिन सोनिका ने रुकने का फैसला नहीं किया. उन्होंने ठान लिया था कि वो अपना सफर जारी रखेंगी.
इंस्पिरेशन और डॉक्टर की सलाह
सोनिका ने बताया कि उन्होंने इंटरनेट पर रिसर्च की और पाया कि लूसी मार्टिन्स नाम की एक अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर ने भी प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा किया था. सोनिका ने उनसे इंस्टाग्राम पर संपर्क किया और ट्रेनिंग के टिप्स लिए. सबसे जरूरी बात यह है कि सोनिका ने यह पूरा सफर अपने डॉक्टर की कड़ी निगरानी में तय किया, ताकि बच्चे और उनकी सेहत को कोई खतरा न हो.
क्या प्रेग्नेंसी में इतना वजन उठाना सुरक्षित है?
लेकिन प्रेग्नेंसी में इतना वजन उठाना संभव है यह सवाल हर किसी के मन में है. इस पर क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, फरीदाबाद की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शैली शर्मा कहती हैं, "आमतौर पर प्रेग्नेंसी में इतना भारी वजन उठाने की सलाह बिल्कुल नहीं दी जाती. इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जोड़ और लिगामेंट्स ढीले पड़ जाते हैं और बढ़ता पेट शरीर के संतुलन को बिगाड़ता है."
तो फिर सोनिका ने यह कैसे किया? डॉ. शर्मा बताती हैं, "सोनिका एक एथलीट हैं और उनका शरीर सालों से हाई-लेवल ट्रेनिंग का आदी है. इस वजह से उनकी मांसपेशियां और जोड़ आम महिलाओं के मुकाबले ज्यादा मजबूत होते हैं. लेकिन ऐसा करने के लिए तीन चीजें बेहद जरूरी हैं - मेडिकल सुपरविजन, बॉडी लिसनिंग (शरीर के संकेतों को समझना) और ग्रैजुअल एडजस्टमेंट (धीरे-धीरे एक्सरसाइज में बदलाव). सोनिका ने इन सभी बातों का ध्यान रखा."
डॉक्टर के मुताबिक, एथलीट्स को इस दौरान अपने खान-पान, खासकर प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और हाइड्रेशन पर खास ध्यान देना होता है. सोनिका ने अपनी सीमाओं को समझते हुए और हर कदम पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही यह मुमकिन कर दिखाया. उन्होंने साबित किया कि प्रेग्नेंसी कमजोरी नहीं, बल्कि सही देखभाल के साथ एक नई ताकत है.
डॉक्टर की चेतावनी
डॉ. शैली शर्मा साफ तौर पर कहती हैं कि किसी भी गर्भवती महिला को, चाहे वो एथलीट हो या न हो, बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी भारी शारीरिक गतिविधि नहीं करनी चाहिए. फिटनेस जरूरी है, लेकिन ‘सेफ फिटनेस' ही असली ताकत है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं