
दिवाली का त्यौहार खत्म होते ही, दिल्ली पर एक ऐसी काली चादर बिछ जाती है जो रोशनी के हर जश्न को फीका कर देती है. यह चादर सिर्फ धुएँ की नहीं, बल्कि हर उस ज़हरीले कण की है जो शहर की हवा में घुलमिल गया है. दिल्ली की हवा अब 'साँस लेने' लायक नहीं रही, बल्कि 'ज़हर पीने' जैसी हो गई है. यह कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, बल्कि हर साल का कड़वा सच है, क्योंकि यह सीधे उसके फेफड़ों पर अटैक कर रहा है.
सोचिए, हम एक ऐसे शहर में रह रहे हैं जहां हवा की क्वालिटी बताने वाला इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया है. यह कोई स्कोर नहीं, बल्कि एक इमरजेंसी सिग्नल है जो चिल्ला-चिल्लाकर कह रहा है कि "बाहर मत निकलो!" दिवाली की आतिशबाजी, फिर पराली का धुआं, और गाड़ियों का बेहिसाब प्रदूषण—ये सब मिलकर दिल्ली को एक गैस चैंबर में बदल देते हैं. और इस चैंबर में सबसे पहले अगर कोई ज़ख़्मी होता है, तो वो हैं हमारे फेफड़े. हम सभी इस बात से अवगत हैं कि दिवाली के बाद दिल्ली की हवा बहुत खराब हो जाती है, और यह हमारे फेफड़ों के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ आसान तरीकों से हम अपने फेफड़ों की सुरक्षा कर सकते हैं.
फेफड़ों की सुरक्षा के लिए 7 आसान तरीके
1. बाहर निकलने से बचें: जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ज्यादा हो, तो बाहर निकलने से बचें. खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है.
2. मास्क पहनें: अगर आपको बाहर निकलना ही है, तो N95 या N99 मास्क पहनें. ये मास्क हवा में मौजूद जहरीले कणों को फिल्टर कर देते हैं. सही मास्क का चुनाव कैसे करें यहां जानें - AQI क्या है? मास्क के प्रकार, सबसे प्रभावी मास्क कौन सा है? जानें Mask खरीदते हुए क्या देखें
3. पानी पिएं और भाप लें: पानी पीने से आपके श्वसन मार्ग नम रहते हैं और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं. भाप लेने से गले की जलन और जकड़न से राहत मिलती है.
4. सही खाना खाएं: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे तुलसी, हल्दी, अदरक, खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से आपके फेफड़ों को आराम मिल सकता है.
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5. घर के अंदर की हवा साफ रखें: घर के अंदर पौधे लगाएं जो हवा को शुद्ध करते हैं. घर के अंदर धूम्रपान और मोमबत्ती जलाने से बचें.
6. वायु गुणवत्ता की निगरानी करें: SAFAR या AQI India जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करके वायु गुणवत्ता की निगरानी करें और अपनी गतिविधियों की योजना बनाएं.
7. योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़: सांस लेने से जुड़ी हल्की-फुल्की कसरत आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाती है और उन्हें मज़बूत बनाती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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