सावधान! भीषण गर्मी में जानलेवा हो सकता है डिहाइड्रेशन, जानिए इसके कारण, लक्षण, जोखिम और बचाव के तरीके

डिहाइड्रेशन किसी भी उम्र के लोगों को परेशान कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और नौजवानों के लिए यह खास तौर पर खतरनाक है. आइए डिहाइड्रेशन के कारण, लक्षण, जोखिम और बचाव के तरीके यानी रोकथाम के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं.

सावधान! भीषण गर्मी में जानलेवा हो सकता है डिहाइड्रेशन, जानिए इसके कारण, लक्षण, जोखिम और बचाव के तरीके

Dehydration Symptoms: तपती धूप और भीषण गर्मी के मौसम में  हम सबके सामने डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण का बहुत बड़ा खतरा है. यह तब होता है जब आप जरूरत से कम लिक्विड का इस्तेमाल करते हैं. जब आपके शरीर में अपने सामान्य कामकाज को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी और दूसरे तरल पदार्थ नहीं होते हैं और अगर आप समय से इनकी भरपाई नहीं करते हैं, तो आप आसानी से डिहाइड्रेशन के चक्कर में फंस सकते हैं. डिहाइड्रेशन किसी भी उम्र के लोगों को परेशान कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और नौजवानों के लिए यह खास तौर पर खतरनाक है. आइए डिहाइड्रेशन के कारण, लक्षण, जोखिम और बचाव के तरीके यानी रोकथाम के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं.

डिहाइड्रेशन क्यों होता है, क्या हैं इसके कारण (Causes Of  Dehydration)

कभी-कभी साधारण कारणों से इंसान डिहाइड्रेट हो जाता है. अगर आप बीमार या व्यस्त होने, सफर में होने, पैदल चलते रहने या किसी ऐसी जगह पर होने जहां पानी की कमी है के चलते पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है. इसके और कारणों में दस्त और उल्टी से होने वाले थोड़े समय में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की जबरदस्त हानि, तेज बुखार होना, बहुत ज़्यादा पसीना आना, बहुत ज्यादा पेशाब आना, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी की दिक्कत और गर्म, आर्द्र मौसम का असर भी शामिल है.

उम्र के मुताबिक अलग-अलग डिहाइड्रेशन के लक्षण (Symptoms of dehydration)

प्यास हमेशा शरीर की पानी की जरूरत का भरोसेमंद और शुरुआती संकेत नहीं होती है. बहुत से लोगों, खासकर बुजुर्ग और बीमार लोगों को तब तक प्यास नहीं लगती जब तक कि वे पहले से ही डिहाइड्रेट न हो जाएं. डिहाइड्रेशन के लक्षण भी उम्र के मुताबिक अलग-अलग हो सकते हैं.

शिशु या छोटा बच्चा अगर तीन घंटे तक डायपर गीला न करे, उसका मुंह और जीभ सूखा हुआ दिखे, रोते समय उसके आंसू नहीं निकले, आंख, गाल और खोपड़ी का मुलायम स्थान वगैरह धंसा हुआ दिखे तो यह डिहाइड्रेशन का लक्षण है. इससे पीड़ित बच्चे उदासीन और चिड़चिड़े भी हो जाते हैं.

वहीं, वयस्क और बुजुर्ग लोगों में बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, गहरे रंग का पेशाब आना, अधिक थकान, चक्कर आना और मानसिक भ्रम वगैरह डिहाइड्रेशन को लक्षण हैं.

सबके लिए बराबर है डिहाइड्रेशन का जोखिम

डिहाइड्रेशन का जोखिम सबके लिए समान तौर पर खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि, बच्चों में उनके बता नहीं सकने के कारण और बुजुर्गों में दूसरी कई पुरानी बीमारियों के कारण डिहाइड्रेशन ज्यादा जोखिम से भरा हुआ साबित हो सकता है. इसके अलावा जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपके शरीर में तरल पदार्थ का भंडार कम हो जाता है, पानी को संरक्षित करने की आपकी क्षमता कम हो जाती है और आपकी प्यास की भावना कम हो जाती है. इसलिए, उम्र के बढ़ने के साथ ही गर्मी के मौसम में खुद की ज्यादा केयर करने की जरूरत है.

डिहाइड्रेशन की रोकथाम कैसे करें, क्या हैं बचाव के तरीके

डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए, खूब सारे तरल पदार्थ पिएं और अधिक पानी वाले खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां खाएं. गर्मी में बाहर निकलते वक्त पानी साथ रखें और प्यास लगते ही पीएं. अगर किसी को उल्टी या दस्त हो रही हो तो फौरन ओआरएस का घोल दें. एक्सरसाइज करते वक्त बीच-बीच में पानी के घूंट लेते रहें. बुजुर्ग लोग अपनी पुरानी बीमारी की दवाइयों का ध्यान रखें और टाइम टेबल के मुताबिक प्यास लगने के बिना भी पानी पीते रहें.

तमाम एहतियातों के बावजूद आप या आपके आसपास किसी को 24 घंटे से ज्यादा समय से उल्टी या दस्त हो रहा हो, खूनी या काला मल हो, मन अचानक ज्यादा चिड़चिड़ा हो गया हो, नींद कम आने लगी हो और सुस्ती या दूसरे कारणों से एक्टिविटी कम हो गई हो तो तुरत नजदीकी डॉक्टर से दिखवाना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)