Coronavirus Test: कोरोनावायरस की जांच के लिए अब होगा FELUDA टेस्ट, सस्ता और RT-PCR टेस्ट जितना सटीक

Feluda Test For Coronavirus: कोरोनावायरस टेस्ट (Coronavirus Test) के लिए एक नई तकनीक इजाद की गई है. जो मौजूद टेस्ट RT-PCR टेस्ट से सस्ता और सटीक मानी जा रही है. कोरोनावायरस (Coronavirus) की जांच के लिए जल्द एक ऐसा टेस्ट आ रहा है, जिसकी कई खासियतें जानने के लिए यहां पढें...

Coronavirus Test: कोरोनावायरस की जांच के लिए अब होगा FELUDA टेस्ट, सस्ता और RT-PCR टेस्ट जितना सटीक

Coronavirus Test: कोरोनावायरस की जांच के लिए आ रही है नई COVID टेस्ट किट

खास बातें

  • Feluda Test For COVID-19: अब कोविड-19 टेस्ट के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल.
  • यहां जानें कब आ रही है कोरोनावायरस की नई टेस्ट किट.
  • यहां जानें फेलुदा (Feluda) टेस्ट किट के बारे में सबकुछ.

कोरोनावायरस टेस्ट (Coronavirus Test) के लिए एक नई तकनीक इजाद की गई है. जो मौजूद टेस्ट से सस्ता और सटीक मानी जा रही है. सस्ता, कम समय में नतीजा और RT-PCR टेस्ट जितना सटीक नतीजा- कोरोना की जांच के लिए FELUDA टेस्ट जल्द आ रहा है. कोरोनावायरस (Coronavirus) की जांच के लिए जल्द एक ऐसा टेस्ट आ रहा है, जिसकी खासियत ऐसी है कि चर्चा चल रही है कि वो मौजूदा सर्वश्रेष्ठ RT-PCR टेस्ट का विकल्प बन सकता है और रैपिड एंटीजन टेस्ट को चलता कर सकता है. इस नए टेस्ट को FELUDA पेपर स्ट्रिप टेस्ट के नाम से जाना जाता है. कोरोना की जांच के लिए टेस्ट का ये नया तरीका देश में ही तैयार किया गया है और जल्दी ही इससे COVID-19 टेस्ट की शुरूआत करने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं.

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फेलुदा (FELUDA) पेपर स्ट्रिप टेस्ट की प्रक्रिया-

1. सबसे पहले व्यक्ति की नाक से सैंपल लिया जाता है.
2. फिर उस सैंपल से RNA अलग किया जाता है.
3. साधारण PCR मशीन में डालकर RNA से DNA बनाया जाता है, साथ ही DNA की मात्रा भी बढ़ाई जाती है. यह करीब 40 मिनट की प्रक्रिया है.
4. इसके बाद एक खास तरह का प्रोटीन डाला जाता है, जिसको CAS-9 कहते हैं, साथ ही 'गाइड RNA' भी मिलाया जाता है. इसके बाद 10 मिनट के लिए छोड़ देते हैं.
5. इसके बाद स्ट्रिप बफर डाला जाता है ताकि पेपर स्ट्रिप पर नतीजा साफ मिल सके.
6. इसके बाद स्ट्रिप डालकर 2 मिनट के लिए छोड़ देते हैं.
7. स्ट्रिप में 1 लाइन का मतलब होता है व्यक्ति कोरोना नेगेटिव है जबकि दो लाइन का मतलब होगा कि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है.

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Coronavirus Test: फेलुदा (FELUDA) टेस्ट RT-PCR जितना सटीक माना जा रहा है

किसने विकसित की टेस्ट की तकनीक?

इस टेस्ट को काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR के तहत आने वाले इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के दो साइंटिस्ट डॉ देबोज्योति चक्रवर्ती और डॉ सौविक मैती ने विकसित किया है. टेस्ट के इस नए तरीके को विकसित करने वाले वैज्ञानिक डॉ सौविक मैती के मुताबिक, 'इस टेस्ट की एक्यूरेसी की बात करें तो लेबोरेटरी में इसकी सेंसिटिविटी और स्पेसिफिसिटी दोनों 95 फीसदी से अधिक है. यानी ये RT-PCR टेस्ट जितनी ही सही है, इसमें नतीजे आने में एक घंटे का समय लगता है. उत्पादन करने वाली कंपनी ने अभी इसकी कीमत तय नहीं की है लेकिन इसके 500 रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है.'

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RT-PCR टेस्ट Vs रैपिड एंटीजन टेस्ट Vs FELUDA टेस्ट

1. RT-PCR टेस्ट

RT-PCR टेस्ट को सटीक नतीजे देने के मामले सर्वश्रेष्ठ माना गया है. ICMR उसी RT-PCR टेस्ट किट को मान्यता देती है, जिसमें 95 प्रतिशत सेंसटिविटी हो और 99 फीसदी स्पेसिफिसिटी हो. सेंसिटिविटी का मतलब होता है, टेस्ट की बीमार लोगों की सही पहचान करने की क्षमता जबकि स्पेसिफिसिटी का मतलब होता है, टेस्ट की ऐसे लोगों की सही पहचान करने की क्षमता जिनको बीमारी नहीं है. लेकिन ये टेस्ट बाकायदा लैबोरेट्री में ही हो सकता है और यह महंगा होता है. अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां ₹2400 टेस्ट की कीमत है. इस टेस्ट में नतीजा आने में 1 से 2 दिन का समय लग जाता है.

2. रैपिड एंटीजन टेस्ट 

रैपिड एंटीजन टेस्ट की स्पेसिफिसिटी 99 फीसदी है जबकि सेंसटिविटी 50 से 84 प्रतिशत के बीच है, यानी कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने में ये कमजोर है, इसलिए इस टेस्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहते हैं. इस टेस्ट के नतीजे केवल 15 से 30 मिनट में आ जाते हैं, इसके लिए कोई खास इक्विपमेंट या लैबोरेट्री की जरूरत नहीं पड़ती. इसकी कीमत 450-500 रुपये के करीब है.

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3. FELUDA पेपर स्ट्रिप टेस्ट 

FELUDA पेपर स्ट्रिप टेस्ट की सेंसटिविटी 96 फीसदी जबकि स्पेसिफिसिटी 98 फीसदी है, यानी 100 में केवल 4 लोग ही ऐसे होंगे, जो संक्रमित होकर भी इसमें पहचान में नहीं आएंगे जबकि 100 में 2 लोग ही ऐसे होंगे जो संक्रमित ना होकर भी इसमें गलत संक्रमित पाए जाएंगे. इस टेस्ट को करने के लिए एक छोटी लैबोरेट्री की जरूरत होगी, जिसमें एक साधारण पीसीआर मशीन की जरूरत पड़ेगी. इस पीसीआर मशीन की कीमत एक लाख रुपये के आसपास होती है. जिन वैज्ञानिकों ने इसे विकसित किया है, उनके मुताबिक इस तरह के टेस्ट करने के लिए बहुत ज्यादा प्रशिक्षित लोगों की जरूरत नहीं होती. थोड़ी बहुत जानकारी वाले लोग भी इस टेस्ट के काम में लगाए जा सकते हैं. टाटा मेडिकल एंड हेल्थ के पास इस टेस्ट किट के उत्पादन के अधिकार हैं.

कब आएगी ये टेस्ट किट बाजार में?

ICMR यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से इस टेस्ट को मंजूरी मिल चुकी है और इस टेस्ट किट के उत्पादन के अधिकार टाटा मेडिकल एंड हेल्थ के पास हैं. देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मुताबिक, 'सटीक तारीख तो नहीं बता सकते कि यह कब तक उपलब्ध होगा लेकिन उम्मीद करनी चाहिए कि अगले कुछ हफ्तों में यह टेस्ट किट उपलब्ध हो जाएगी.'

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