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This Article is From May 18, 2024

मां-बाप की बहुत ज्यादा सख्ती से भी बिगड़ सकते हैं बच्चे, जानिए स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग का बच्चों पर पड़ने वाला नकारात्मक असर

Strict Parenting Negative Effects: स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग के प्रभाव को समझते हुए यह जरूरी है कि माता-पिता बच्चों के साथ स्नेही दृष्टिकोण अपनाएं. अनुशासन जरूरी है, लेकिन कठोरता बच्चों के मानसिक विकास के लिए हानिकारक हो सकती है. जानिए कैसे...

मां-बाप की बहुत ज्यादा सख्ती से भी बिगड़ सकते हैं बच्चे, जानिए स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग का बच्चों पर पड़ने वाला नकारात्मक असर
ज्यादा सख्ती भी बिगाड़ सकती है बच्चों को.

Strict Parenting Effects: पालन पोषण का तरीका बच्चों की ग्रोथ और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. पैरेंट्स का बर्ताव उनके जीवन को दिशा देने का काम कर सकता है. कई माता-पिता अपने बच्चों के साथ कठोरता और अनुशासन अपनाते हैं. इस प्रकार के पालन-पोषण में नियमों का पालन करने के लिए बच्चों पर दबाव डाला जाता है और उन्हें स्वतंत्रता का बहुत कम अवसर मिलता है. हालांकि, इसका उद्देश्य बच्चों को अनुशासनित और सफलता प्राप्त कराने का होता है, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं. पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ इसलिए सख्ती से रहते हैं ताकि ये बिगड़े नहीं और कहना मानें, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सख्ती से रहना बच्चों पर कई नेगेटिव इफेक्ट भी डाल सकता है. यहां जानिए कैसे.

स्ट्रिक्ट पेरेंटिंग का बच्चों पर पड़ता है बुरा असर | Strict parenting has a bad effect on children

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1. आत्म-सम्मान में कमी

सख्त माता-पिता अक्सर बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों पर भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हैं. इससे बच्चों में आत्म-सम्मान की कमी हो सकती है क्योंकि वे खुद को हमेशा गलत और दोषपूर्ण महसूस करते हैं. जब बच्चों को बार-बार यह बताया जाता है कि वे कुछ सही नहीं कर सकते, तो वे खुद पर विश्वास खोने लगते हैं.

2. मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स

सख्त पालन-पोषण से बच्चों में तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. जब बच्चों को हमेशा डर और तनाव में रखा जाता है, तो उनका मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. वे हमेशा तनाव में रहते हैं और उनकी मानसिक शांति भंग हो जाती है.

3. विद्रोही व्यवहार

कई बार सख्त माता-पिता के बच्चे विद्रोही हो जाते हैं. जब बच्चों को बहुत ज्यादा कंट्रोल और सीमाओं में रखा जाता है, तो वे उन सीमाओं को तोड़ने के तरीके खोजने लगते हैं. यह विद्रोही व्यवहार उनके जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगता है, जैसे कि स्कूल या सामाजिक संबंधों में.

4. स्वतंत्रता की कमी

सख्त पालन-पोषण बच्चों की स्वतंत्रता को भी रिस्ट्रिक्ट कर सकता है. जब बच्चों को हर चीज के लिए अनुमति मांगनी पड़ती है, तो वे आत्म-निर्भरता और स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता विकसित नहीं कर पाते. इससे वे भविष्य में निर्णय लेने में असमर्थ हो सकते हैं.

5. कम्युनिकेशन में कमी

सख्त माता-पिता के बच्चे अक्सर अपने माता-पिता के साथ खुलकर बात नहीं कर पाते. उन्हें डर होता है कि उनके माता-पिता उन्हें डांटेंगे या सजा देंगे. इससे माता-पिता और बच्चों के बीच संचार की कमी हो जाती है और बच्चों के मन की बात उनके मन में ही रह जाती है.

6. सोशल स्किल में कमी

सख्त पालन-पोषण से बच्चों के सामाजिक कौशल भी प्रभावित हो सकते हैं. जब बच्चे हमेशा डर और अनुशासन में रहते हैं, तो वे अन्य बच्चों के साथ खुलकर बातचीत नहीं कर पाते और सामाजिक रूप से असहज महसूस करते हैं.



(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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