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चार धाम यात्रा और दिल से जुड़ी समस्याओं का क्या है कनेक्शन? जाने से पहले कार्डियोलॉजी के एक्सपर्ट से जानिए कैसे रखें अपना ख्याल

सेहत से जुड़े जरूरी सवालों पर बीएलके-मैक्स अस्पताल, दिल्ली में इंटरवेशनल कार्डियोलॉजी के यूनिट हेड डॉ. विकास ठाकरान (Dr Vikas Thakran) ने काफी सुलझे हुए जवाब दिए. आइए, जानते हैं कि उन्होंने चार धाम यात्रा और दिल से जुड़ी समस्याओं के कनेक्शन और बचाव के तरीकों पर क्या सुझाव दिए.

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चार धाम यात्रा और दिल से जुड़ी समस्याओं का क्या है कनेक्शन? जाने से पहले कार्डियोलॉजी के एक्सपर्ट से जानिए कैसे रखें अपना ख्याल

Char Dham Yatra Health Advisory: उत्तराखंड स्थित केदारनाथ मंदिर, बद्रीनाथ मंदिर, गंगोत्री और यमुनोत्री यानी चार धाम की यात्रा की शुरुआत ही भक्तों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ हुई है. हिमालयन रेंज में उंचे पहाड़ों पर बने इन पवित्र तीर्थ स्थानों पर जाने के लिए देश और दुनिया भर के श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. पथरीले, उबड़ खाबड़ और मुश्किल पहाड़ी रास्ते से ट्रैकिंग करते हुए लाखों तीर्थ यात्री समुद्र तल से काफी ऊंचाइयों पर स्थित इन दिव्य मंदिरों तक पहुंच रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी इन दिनों चार धाम यात्रा को लेकर लोगों का जोश ट्रेंड में है. दर्शन करने के लिए चार धाम जाने वालों में हर उम्र के तीर्थयात्री शामिल होते हैं. ऊंचे पहाड़ों में कई बार बुजुर्गों, बच्चों या दिल के मरीजों को सेहत की कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बढ़ती भीड़ में कुछ लोगों की दिल की बीमारियों के चलते जान गवांने की बुरी खबर भी सामने आती है. ऐसे में चार धाम यात्रा और ऊंचे पहाड़ों पर जाने से दिल की बीमारी से जुड़ी दिक्कतों के बढ़ने को लेकर कई तरह की चिंता और शंकाएं उभरने लगती है.

सेहत से जुड़े इन जरूरी सवालों पर बीएलके-मैक्स अस्पताल, दिल्ली में इंटरवेशनल कार्डियोलॉजी के यूनिट हेड डॉ. विकास ठाकरान (Dr Vikas Thakran) ने काफी सुलझे हुए जवाब दिए. आइए, जानते हैं कि उन्होंने चार धाम यात्रा और दिल से जुड़ी समस्याओं के कनेक्शन और बचाव के तरीकों पर क्या सुझाव दिए.

चार धाम यात्रा पर ऐसे रखें अपने दिल का ख्याल (Take care of your heart like this during Char Dham Yatra)

गाइडलाइंस को फॉलो करें और मेडिकल टेस्ट करवाएं

डॉ. विकास ठाकरान ने कहा कि चार धाम या पहाड़ों पर दूसरी यात्राओं पर जाने वाले कई लोगों को तो पहले से पता होता है कि उन्हें दिल की बीमारी है और वह नियमित तौर पर इलाज करवा रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों को इसका पता ही नहीं होता. हालांकि, सरकार ने गाइडलाइंस बना रखी है कि यात्रा पर जाने ले पहले हेल्थ चेकअप जरूरी है, जिसमें मेडिकल ऑफिसर फिटनेस सर्टिफिकेट देता है. डॉ. ठाकरान ने कहा कि तीर्थ यात्रियों को इसका सख्ती से पालन करना चाहिए.

एक्यूट माउंटेन सिकनेस से बचने की तैयारी रखें

उन्होंने कहा कि जिन्हें पहले से दिल की बीमारी है और वह नियमित दवाई लेकर इसको कंट्रोल कर रहे हैं, उन्हें यात्रा पर जाने से पहले ट्रेडमिल टेस्ट या स्ट्रेस इको टेस्ट कराना चाहिए. अगर पिछले कुछ दिनों में सांस फूलने की दिक्कत हुई हो तो सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि समुद्र तल से लगभग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर केदारनाथ में ऑक्सीजन लेवल के कारण सामान्य लोगों को भी सांस की दिक्कत हो सकती है. तीर्थयात्रियों को एक्यूट माउंटेन सिकनेस से भी बचने की कोशिश करनी चाहिए.

मेडिकल केयर की जरूरत को लेकर पहले से तैयारी रखें

डॉक्टर ठाकरान ने कहा कि ऊंचाई पर जाने पर हार्ट की पंपिंग की कम होने पर बहुत ज्यादा पानी नहीं पीएं. कम पानी पीएं. डॉक्टर की सलाह लेकर खानपान में परहेज करें. सांस फूलने की दिक्कत में हेल्थ सेंटर से संपर्क करें या नीचे उतरें. सरकार की ओर से जारी मेडिकल एडवाइजरी में दवाइयों और टूल-किट्स के बारे में भी बताया गया है, उनका पालन करिए और फर्स्ट एड किट को साथ रखें. मेडिकल केयर की जरूरत पड़ने के बारे में पहले से एहतियात बरतें और तैयारी रखें. अगर ज्यादा दिक्कत हो तो यात्रा से बचें.

एक महीने बाद चार धाम यात्रा पर जाने वाले कैसे करें तैयारी

जिन लोगों ने एक महीने बाद चार धाम यात्रा पर जाने को लेकर प्लान किया है उनके लिए डॉ. ठाकरान ने सलाह दी है कि अगर स्मोकिंग करते हों तो फौरन छोड़ दें. नियमित तौर पर अपने एक्सरसाइज को जारी रखें. जरूरी हेल्थ चेकअप करवा लें. प्रिवेंटिव दवाइयां साथ रखें. इसके अलावा सेहत से जुड़ी संभावित समस्याओं को लेकर पहले से ही तैयारी रखें. जिसमें इमरजेंसी हेल्प और कॉन्टैक्ट्स को भी शामिल करें.

केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू, श्रद्धालुओं के लिए जारी हुई मेडिकल एडवाइजरी

दिल की सेहत के लिए जरूरी पांच टिप्स क्या हैं (Can Heart Patients Go to Kedarnath? )

डॉ. ठाकरान ने कहा कि दिल की बीमारी की एक बड़ी वजह जेनेटिक भी है. इसलिए अगर आप जेनेटिकली प्रोन हों, आपके पैरेंट्स या फैमिली हिस्ट्री में हार्ट की बीमारी शामिल हो तो एज फैक्टर का ध्यान रखें. नेक्स्ट जेनरेशन अपनी पिछली पीढ़ी के मुकाबले कई साल पहले ही बीमारी से घिर सकती है. इसलिए परहेज और बचाव बेहद जरूरी है. उन्होंने दिल को सेहतमंद बनाए रखने के लिए पांच टिप्स भी बताए.

1.सबसे पहले पर्सनल, फैमिली या प्रोफेशनल स्ट्रेस यानी किसी भी तरह के मानसिक तनाव पर काबू करें.
2.रेगुलर एक्सरसाइज करें. हफ्ते में कम से कम पांच दिन 45 मिनट की ब्रिस्क वॉकिंग करें. ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी करें.
3.समुचित नींद लें. स्लीप पैटर्न को नियमित रखें.
4.कोलेस्ट्रॉल की दिक्कत हो तो उसको दवाइयों से कंट्रोल करें.
5.अपने खानपान को ठीक रखें. यानी डीप-फ्राइड चीजें और रि-यूज्ड ऑयल से बचें. जिम जाने वाले लोग प्रोटीन स्टेरॉयड्स से परहेज करें.

(डॉ विकास ठाकरान, मैक्स, बीएलके दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसलटेंट)

चारधाम यात्रा और Heart Complication, क्या है कनेक्शन, कैसे बचें | How risky is Char Dham Yatra?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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