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क्या ज्यादा खाने से फैटी लिवर का खतरा बढ़ सकता है? जानिए और किन कारणों से होता है ये रोग

Fatty Liver Risk Factors: हेल्दी डाइट, बैलेंस डाइट, हेल्दी लिवर फ़ंक्शन के लिए और लिवर रोगों की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है. यहां जानिए नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग के कारणों के बारे में.

क्या ज्यादा खाने से फैटी लिवर का खतरा बढ़ सकता है? जानिए और किन कारणों से होता है ये रोग
ज्यादा भोजन करने से मोटापा बढ़ता है जो NAFLD के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है.

Causes of Non-alcoholic Fatty Liver: नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) सबसे आम लिवर रोगों में से एक है जो दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करता है. NAFLD को उन व्यक्तियों में लिवर में बहुत ज्यादा फैट बनने द्वारा परिभाषित किया जाता है जो बहुत कम या बिल्कुल भी शराब नहीं पीते हैं. यह ज्यादातर उन लोगों में देखा जाता है जो ज्यादा वजन वाले या मोटे होते हैं. डाइट सहित कई कारक NAFLD में योगदान कर सकते हैं. आपकी खाने की आदतें आपके लिवर हेल्थ को एक से ज्यादा तरीकों से प्रभावित करती हैं.

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एक हेल्दी, बैलेंस डाइट हेल्दी लिवर फ़ंक्शन बनाए रखने और लिवर रोगों की संभावना को कम करने में मदद कर सकती है. दूसरी ओर, अनहेल्दी फूड्स का सेवन NAFLD विकसित होने या NAFLD को बढ़ाने के जोखिम को बढ़ा सकता है. ज्यादा खाना भी NAFLD के कारणों में से एक माना गया है. ज्यादा खाने से स्वास्थ्य को बहुत ज़्यादा जोखिम होता है, NAFLD इनमें से एक है. यह स्थिति तब पैदा होती है जब शरीर ज़्यादा कैलोरी ग्रहण करता है, जितना वह प्रभावी रूप से बर्न नहीं सकता, खासकर हाई फैट और हाई शुगर वाले फूड्स से.

एक्स्ट्रा एनर्जी बाद में फैट में बदल जाती है और लिवर सहित कई ठिश्यू में जमा हो जाती है. जब फैट लिवर सेल्स में जमा हो जाती है, तो यह फैटी लिवर की ओर ले जाता है. अगर इसे अनकंट्रोल छोड़ दिया जाए, तो यह सूजन और गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) जैसी ज्यादा गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है. NASH लिवर रोग का एक गंभीर रूप है जो गंभीर लिवर निशान, जिसे सिरोसिस कहा जाता है और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण बन सकता है. ज्यादा खाने से मोटापा भी बढ़ता है जो NAFLD के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है.

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नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (NAFLD) के अन्य कारण

1. टाइप-2 डायबिटीज

डायबिटीज NAFLD के लिए जोखिम कारकों में से एक है. हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है, साथ ही फैटी लिवर और इस स्थिति से जुड़ी अन्य जटिलताओं के जोखिम को भी कम किया जा सकता है.

2. हाई कोलेस्ट्रॉल

खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल लिवर सेल्स में फैट संचय को बढ़ावा दे सकता है, जिससे आगे चलकर मेटाबॉलिक रिलेटेड प्रोब्लम्स हो सकती हैं.

3. फिजिकल एक्टिविटी

शारीरिक निष्क्रियता से आपका वजन बढ़ता है और NAFLD का जोखिम बढ़ जाता है.

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4. कुछ दवाएं

कुछ दवाओं का ज्यादा सेवन आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए खुद से दवा न लें और बताई गई दवाएं लें.

5. आनुवंशिकी

आनुवंशिकी और पारिवारिक इतिहास भी NAFLD के विकास में भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि जेनेटिक पैटर्न मेटाबॉलिज्म और फैट डिस्ट्रिव्यूशन को प्रभावित कर सकते हैं.

NAFLD को रोकने या प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए बैलेंस डाइट बनाए रखना, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज करना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है.

Watch Video: किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए...

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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