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बढ़ती उम्र को कम करने और फिजिकली फिट रहने में मददगार है ब्राउन फैट, चूहों पर की गई स्टडी से हुआ खुलासा

यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और एजिंग सेल में प्रकाशित अध्ययन के वरिष्ठ लेखक स्टीफन वैटनर स्टीफन वैटनर ने कहा, "जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, कार्य क्षमता कम होती जाती है और इस क्षमता को बढ़ाने वाली तकनीक का होना हेल्दी उम्र बढ़ने के लिए बहुत फायदेमंद होगा."

बढ़ती उम्र को कम करने और फिजिकली फिट रहने में मददगार है ब्राउन फैट, चूहों पर की गई स्टडी से हुआ खुलासा
यह अध्ययन रटगर्स यूनिवर्सिटी के न्यू जर्सी मेडिकल स्कूल की टीम द्वारा किया गया था.

अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक टीम ने ब्राउन फैट पर किए अध्ययन में पता लगाया है कि यह लोगों को उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक रूप से फिट रहने में मदद कर सकता है. यह अध्ययन रटगर्स यूनिवर्सिटी के न्यू जर्सी मेडिकल स्कूल की टीम द्वारा किया गया था. टीम ने पाया कि एक स्पेसिफिक जीन्स की कमी वाले चूहों ने ब्राउन फैट का एक बहुत शक्तिशाली रूप विकसित किया, जिससे उनके जीवनकाल में बढ़ोत्तरी हुई और उनकी कार्य क्षमता में लगभग 30 प्रतिशत का सुधार हुआ. इस खोज के आधार पर टीम एक दवा पर काम कर रही है जो मनुष्यों में इन प्रभावों की नकल कर सकती है.

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यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और एजिंग सेल में प्रकाशित अध्ययन के वरिष्ठ लेखक स्टीफन वैटनर स्टीफन वैटनर ने कहा, "जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, कार्य क्षमता कम होती जाती है और इस क्षमता को बढ़ाने वाली तकनीक का होना हेल्दी उम्र बढ़ने के लिए बहुत फायदेमंद होगा."

उन्होंने यह भी कहा, "यह माउस मॉडल अपने सामान्य साथियों की तुलना में बेहतर वर्क करता है."

ब्राउन फैट, व्हाइट फैट के विपरीत, कैलोरी बर्न करने का काम करता है और शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करता है. इस अध्ययन से यह भी पता चला कि ब्राउन फैट फिजिकल एक्टिविटी के दौरान मसल्स में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाकर व्यायाम क्षमता को बढ़ाता है. आनुवंशिक रूप से संशोधित चूहे असामान्य रूप से ज्यादा एक्टिव ब्राउन फैट बनाते थे और सामान्य चूहों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत बेहतर वर्क कैपेसिटी नहीं दिखाते थे.

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यह खोज हेल्दी एजिंग पर किए गए शोध का हिस्सा है. इनमें आरजीएस14 नामक प्रोटीन की कमी वाले चूहे सामान्य चूहों की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा समय तक जीवित रहते थे और मादा चूहे नर की तुलना में ज्यादा समय तक जीवित रहते थे, जो मानव जीवन के पैटर्न जैसा था. इस अध्ययन से यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह खोज मानव जीवनकाल में सुधार कर सकती है, जिससे लोग लंबे समय तक अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का आनंद ले सकेंगे.

वैटनर ने कहा, "सभी मेडिकल एडवांसमेंट के साथ मनुष्यों में उम्र बढ़ने और दीर्घायु में वृद्धि हुई है, लेकिन दुर्भाग्य से हेल्दी एजिंग में कोई वृद्धि नहीं हुई है."

उन्होंने यह भी बताया कि उम्र बढ़ने से जुड़ी कई बीमारियां जैसे मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियां, कैंसर आदि हैं और हेल्दी उम्र बढ़ने के मॉडल पर बेस्ड नई दवाओं का विकास करना जरूरी है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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