किसी नई रिलेशनशिप की शुरुआत होती है तो लगता है कि हम अपने पार्टनर के आसपास ही रहें. शुरुआत में ये आदत पार्टनर को भी पसंद आ सकती है. लेकिन दिन गुजरने के साथ-साथ सबको अपना स्पेस चाहिए ही होता है. वो चाहें गर्लफ्रेंड हो या फिर बॉयफ्रेंड, आपकी उसके साथ में रहने की जिद हो सकता है उसे खास पसंद न आए. इसलिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर को खुद के लिए थोड़ा वक्त दें. इनसिक्योरिटी की वजह से पार्टनर को घेरे रहने से हो सकता है कि आपके रिश्ते में दूरियां बढ़ जाएं. इसलिए बेहतर की चिपकू का टैग लगे उससे पहले ही आप पार्टनर को जरूरी स्पेस देना शुरू कर दें.
ऐसे जानिए कि क्या आप चिपकू हैं?
आप अपने पार्टनर की हर बात जानने को बेताब रहें कि वो कहां हैं, किसके साथ हैं. उन्होंने क्या बात की. तो समझ लीजिए कि आप इतना पजेसिव पार्टनर बन चुके हैं कि चिपकू की कैटेगरी में पहुंच गए हैं.
बात बात पर पार्टनर को फोन लगाना या टेक्सट मैसेज करना.
- कुछ ऐसी डिमांड करना जिसे पूरा करना या जिसका पूरा हो पाना तकरीबन नामुमकिन हो. आपको लगे कि आपका पार्टनर चौबीसों घंटे आपके साथ रहे और उसके जाने से ही आपको उदासी महसूस होने लगे.
- आप अपने पार्टनर की लाइफ को अपने अनुसार चलाने की कोशिश करने लग जाएं.
ऐसे बदलें आदत
- अपने रिलेशनशिप से निकलकर कर थोड़ा समय अपनी पसंद और कामों को देने की कोशिश करें. पार्टनर के अलावा फैमिली और फ्रेंड्स को भी वक्त दें.
- ये समझने की कोशिश करें कि क्यों आप हर वक्त पार्टनर के आसपास ही रहना चाहते हैं. इसके पीछे आपकी इनसिक्योरिटी है, आपको अपने रिलेशन पर भरोसा नहीं है या आपका कॉन्फिडेंस कम हो गया है. उस वजह को तलाश कर उस कमजोरी को दूर करने की कोशिश करें.
- अपनी हॉबी और काम में ज्यादा मन लगाएं. ताकि हर वक्त पार्टनर के बारे में सोचने से बच सकें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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