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क्या आप भी सो रहे हैं केवल 2 घंटे? आपकी ये आदत कितनी खतरनाक हो सकती है, जानिए यहां

फिजिकली भी शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है. तनाव (Stress) बढ़ाने वाला हॉर्मोन कोर्टिसोल (Cortisol) बढ़ जाता है, और आपकी इम्युनिटी (Immunity) कमजोर हो जाती है.

क्या आप भी सो रहे हैं केवल 2 घंटे? आपकी ये आदत कितनी खतरनाक हो सकती है, जानिए यहां
सिर्फ दो घंटे सोना आपके दिमाग के काम करने की क्षमता को बुरी तरह से बिगाड़ देता है.

Kam sone ke nuksan : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद की कमी (Sleep Deprivation) एक आम बात हो गई है. चाहे वो ऑफिस की डेडलाइन हो, रात भर जागकर फिल्में देखना हो, या फिर तकिए पर पड़े-पड़े घंटों ओवरथिंकिंग करना हो-सबसे पहले हमारी नींद ही कुर्बान होती है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में करीब एक तिहाई (One-third) वयस्क रोजाना 7 घंटे से कम नींद लेते हैं. अगर लंबी बीमारियों को एक तरफ रख भी दें, तो थकावट, खराब कॉन्सेंट्रेशन और मूड खराब होना जैसे तुरंत वाले असर हमारी पूरी रूटीन को बिगाड़ देते हैं.

वहीं, अगर कोई लंबे समय तक सिर्फ 2 घंटे सोए तो क्या होगा? इसी सवाल का जवाब आइए जानते हैं आगे आर्टिकल में...

दिमाग पर पड़ता है बुरा असर

सिर्फ दो घंटे सोना आपके दिमाग के काम करने की क्षमता को बुरी तरह से बिगाड़ देता है. दिमाग जानकारी को सही से प्रोसेस नहीं कर पाता, जिससे याददाश्त (Memory) और फोकस में कमी आने लगती है. यहां तक कि, सिर्फ एक रात की कम नींद भी आपकी कोआर्डिनेशन और फैसले लेने की क्षमता को उतना ही बिगाड़ सकती है, जितना कि हल्का शराब का नशा.

इम्युनिटी कमजोर होती है तनाव बढ़ता है

फिजिकली भी शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है. तनाव (Stress) बढ़ाने वाला हॉर्मोन कोर्टिसोल (Cortisol) बढ़ जाता है, और आपकी इम्युनिटी (Immunity) कमजोर हो जाती है.

गुस्सा और डर बढ़ जाता है

इसके अलावा दिमाग का वो हिस्सा (Prefrontal Cortex) जो लॉजिक, सही फैसला और खुद पर कंट्रोल रखने के लिए जिम्मेदार होता है, उसकी एक्टिविटी कम हो जाती है. इसके उलट, अमिग्डाला (Amygdala) जो गुस्सा और डर जैसी भावनाओं को कंट्रोल करता है, वो एक्टिव हो जाता है.

छोटी-छोटी बातों पर हो जाते हैं इमोशनल

नतीजा यह होता है कि लोग छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा इमोशनल हो जाते हैं, उन्हें बेचैनी (Anxiety) महसूस होती है, और मूड बार-बार बदलता रहता है. उनके फैसले अक्सर बिना सोचे-समझे (Impulsive) होते हैं, और वे तनाव या झगड़ों को ठीक से संभाल नहीं पाते.

चेहरे और वजन पर तुरंत पड़ता है असर

  • डार्क सर्कल्स (Dark Circles)
  • डल स्किन (Dull Skin)
  • वजन पर पड़ता है असर (Weight Fluctuation)

 दिल, दिमाग और सेहत के लिए लॉन्ग-टर्म खतरा

 सिर्फ 2 घंटे सोने से गंभीर बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है- दिल की बीमारियां (Heart Disease) और हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension), शुगर (Diabetes), डिप्रेशन (Depression) और याददाश्त में कमी (Memory Loss)

अल्जाइमर का भी बढ़ता है खतरा

सबसे खतरनाक बात यह है कि जब आप सोते हैं, तो आपका दिमाग खुद की 'सफाई' करता है. लगातार कम सोने से दिमाग की टॉक्सिन्स (Toxins) को बाहर निकालने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे अल्ज़ाइमर (Alzheimer's) जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

2 घंटे की नींद को कैसे बढ़ाएं

  • रोजाना अपनी नींद की ड्यूरेशन को 30 से 60 मिनट तक बढ़ाएं.
  • सोने और उठने का एक समय (Consistent Bedtime) बनाए रखें.
  • सोने से पहले चाय, कॉफी या मोबाइल/लैपटॉप के इस्तेमाल से बचें.

अगर नींद पूरी करने के बाद भी आपको अलर्टनेस या मूड में सुधार महसूस नहीं होता है, तो तुरंत किसी स्लीप स्पेशलिस्ट (Sleep Specialist) से सलाह लें, ताकि कारण जानकर इसका इलाज किया जा सके.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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