देशभर में एक बार फिर बढ़ते कोरोना ने चिंता बढ़ा दी है. हर रोज कोविड के मामलों में बढ़ोतरी नजर आ रही है. इस सबके बीच दावा किया गया है कि कोरोना वायरस जानवरों से ही मनुष्य में आया है. इसके गंभीर सबूत सामने आए हैं. दरअसल, शोधकर्ताओं ने महामारी के शुरुआती दिनों में चीन के वुहान के एक बाजार से लिए गए सैंपल्स का एक नए विश्लेषण को लेकर रिपोर्ट को लेकर दावा किया है. जिसे अभी तक का सबसे मजबूत सबूत है बताया गया है कि कोविड -19 वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैला था.
अधिकतम नमूनों में जानवरों के आनुवांशिक सामग्री ज्यादा थी जो संभवतः संक्रमित जानवरों में SARS-CoV-2 संक्रमण का संकेत देती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संक्रमण का मूल हुआनान व्होलसेल सीफूड मार्केट में ही हो सकता है. कोविड-19 महामारी के दौरान जल्दी से जारी की गई कई अध्ययनों की तरह, इस रिपोर्ट को अब तक वैज्ञानिक समुदाय द्वारा समीक्षा किया नहीं गया है.
इसमें शामिल लोगों ने शुरुआती निष्कर्षों (Findings) के बाद गहन रुचि और पिछले सप्ताह मीडिया कवरेज की हड़बड़ाहट के बाद रिपोर्ट को पूरा किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन से शोधकर्ताओं द्वारा विश्लेषण किए गए डीएनए डेटा को पूरी तरह से साझा करने का आह्वान किया है, जो 11 मार्च को हटाए जाने से पहले एक सार्वजनिक डेटाबेस में डिटेल में दिखाई दिया था. हालांकि इसका रॉ डेटा अभी भी उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इस स्थिति ने कुछ बाहरी विशेषज्ञों के लिए चिंता पैदा कर दी है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर डेविड रिलमैन ने कहा, "मुझे उन छोटी-छोटी बातों पर बहुत चिंता है जो अधूरी हैं और जिन्हें सत्यापित नहीं किया जा सकता है." "मुझे लगता है कि हमें डीप ब्रेथ लेने की जरूरत है और इस तरह की महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रक्रिया पर और रिसर्च करनी चाहिए."
रेलमैन ने कहा कि ये कोविड के पैदा होने को लेकर बहस के दोनों पक्षों की सच्चाई है. वह दोनों सिद्धांतों की जांच के लिए बराबर कड़ी मेहनत करने की अधिकारी रहे हैं - एक प्रयोगशाला दुर्घटना है या फिर एक प्राकृतिक स्पिलओवर.
महामारी कैसे शुरू हुई, इसके सवाल को लेकर ये एक भयावह रिसर्च की रिपोर् है. सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कोविड की उत्पत्ति पर खुफिया जानकारी को सार्वजनिक करने के लिए कानून में हस्ताक्षर किए. अमेरिकी खुफिया समुदाय अपने निष्कर्षों को लेकर अलग-अलग नजर आ रहा है. संघीय जांच ब्यूरो और ऊर्जा विभाग ने निष्कर्ष निकाला है कि वायरस की संभावना एक लैब में गड़बड़ी से हुई थी. वहीं अब नवीनतम रिपोर्ट इसको और मुश्किल बनाती है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ये आंकड़े इस सवाल का निश्चित जवाब नहीं देते हैं कि महामारी कैसे शुरू हुई, लेकिन डेटा का हर टुकड़ा हमें उस जवाब के करीब ले जाने में महत्वपूर्ण है."
चीनी वैज्ञानिकों द्वारा सैंपल्स को संक्षेप में ओपन-एक्सेस जीनोमिक्स डेटाबेस GISAID में अपलोड किए जाने के बाद वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है. फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के एक जीवविज्ञानी फ्लोरेंस डेबर्रे ने 4 मार्च को डेटा को संज्ञान लिया और वैज्ञानिकों के उस अंतरराष्ट्रीय समूह तक पहुंचे, जिन्होंने इस बात का समर्थन किया था कि कोविड-19 की उत्पत्ति हुनान मार्केट में हुई थी. डेटा के इंतजार के लिए वैज्ञानिक करीब एक साल से खोज कर रहे थे.
उतहा यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट स्टीफन गोल्डस्टीन जिन्होंने इस एनालिसिस में कांट्रिब्यूट किया और इस रिपोर्ट के लेखक भी है उन्होंने एक इंटरव्यू में बोला कि,'यह पहली बार है जब हम वायरस के एक आनुवंशिक फिंगरप्रिंट और एक ही स्थान पर एक संभावित मध्यवर्ती मेजबान की पहचान करने में सक्षम हुए हैं.' जो कि आप देखेंगे कि यह पूरी तरह से प्रत्याशित और तर्कयुर्त है जूनोटिक स्पिलओवर इवेंट से."
No Smoking Gun
वो सैंपल जो 2019 सबसे पहले वुहान मार्केट से लिए गए थे वो रेकून कुत्ते के रिलेटिव फॉक्स के डीएनए से मैच करते हैं जो कभी-कभी वुहान मार्केट में बेचा जाता था. एक कार्ट से लिए सैंपल में रेकोन कुत्ते का डीएनए मनुष्यों से ज्यादा पाया गया.
पहले से ही रैकून कुत्तों में प्राकृतिक एसएआरएस कोरोनावायरस संक्रमण की जांच चीन के एक अन्य मार्केट में की गई थी, जहां 2002 में एसएआरएस उत्पन्न हुआ था. अध्ययनों से पता चला है कि ये जानवर वायरस को बाहर फैलाने की क्षमता रखते हैं. गोल्डस्टीन ने कहा, सैम्पल्स में रैकून कुत्ते के डीएनए का निर्देश देखना मेरी करियर के सबसे अद्भुत पलों में से एक था."
रिपोर्ट में बताया गया है कि नमूनों में मलेशियाई शौंक, साइबेरियन वीजल, अमुर हेजहॉग और बैंबू रैट्स इत्यादि जैसे कई अन्य जानवरों के DNA भी पाए गए हैं.
वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एनालिसिस में इस बात पर जोर दिया गया कि कि जानवर से मनुष्यों तक फैलने से इस संक्रमण ने पैंडेमिक को उत्पन्न किया.
नमूनों का विश्लेषण करने में शामिल थे यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो के एक एसोसिएट प्रोफेसर जोएल वर्थेम ने कहा, ,"जूनॉटिक उत्पत्ति के सिद्धांत के तहत बाजार में वायरस और संभावित मेजबान आनुवंशिक सामग्री की मौजूदगी बिल्कुल उस बात की पुष्टि करती है."
Hidden Data
डेटा का अस्तित्व एक रहस्य नहीं था. महामारी की शुरूआत में बीजिंग से आए रोग जांचकर्ता ने मार्केट में नालीशों और अन्य सतहों से पर्यावरण नमूने लेने के आदेश दिए थे, जो 1 जनवरी, 2020 को बंद हो गया था.
चीन के डीजी सीसी निदेशक जॉर्ज गाओ और सहकर्मी जनवरी 2020 के एजेंसी के वीकली बुलेटिन में लिखते हैं कि, 'सभी मौजूदा सबूत गैर-कानूनी रूप से बेचे जाने वाले जंगली जानवरों की ओर इशारा करते हुए हैं.' सकारात्मक नमूनों में से दो ही नमूने मार्केट के पश्चिमी पक्ष के एक खंड से आए जहां कई दुकानों में जानवर बेचे जाते थे." विश्लेषण करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार, यह इस बात को मजबूती से समर्थित करता है कि जानवर से मानव तक संचार ने महामारी को उत्पन्न किया है.
"चीन सीडीसी के वायरल रोग नियंत्रण और रोकथाम संस्थान के शोधकर्ता तन वेंजी को उस समय राजकीय स्वामित्व वाले चीन डेली न्यूज पेपर को बताया कि, हमें पता चल गया है कि वुहान के सीफ़ूड मार्केट पर कौन से स्टॉल में वायरस था," "यह एक महत्वपूर्ण खोज है, और हम जांचेंगे कि कौन सा जानवर इस वायरस का कारण बना था."
लेकिन वे नमूने कभी शेयर नहीं किए गए, जब तक इन्हें इस महीने GISAID में पब्लिश नहीं किया गया और जब गोल्डस्टीन और उनकी टीम गाओ के पास पहुंचे तो फिर से उनकी सीक्वेंसिंग GISAID से गायब हो गई.
गोल्डस्टीन ने कहा, "हमें इस बात को जानकर हैरानी हुई कि अब डेटा वहां से हटा दिया गया था. यह उस समय क्यों हटाया गया इन सवालों का जवाब चीन सीडीसी दे सकती है."
GISAID ने एक बयान में कहा है कि वर्तमान रिकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है. मौजूदा रिकॉर्ड अपडेट किए जाते समय अस्थायी रूप से गायब भी हो सकते हैं, रिकॉर्डों को हटाया नहीं गया है.
वैश्विक स्वास्थ्य संगठन ने बयान में कहा है कि वे इस डेटा का उपयोग करने वाले शोधकर्ताओं को चीनी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
टेक्सास एएम यूनिवर्सिटी के बुश स्कूल ऑफ गवर्नमेंट एंड पब्लिक सर्विस के पैंडेमिक और बायोसिक्यूरिटी नीति कार्यक्रम के निदेशक जेराल्ड पार्कर ने कहा, "कहानी अभी खत्म नहीं हुई है. हमें अभी भी एक निष्पक्ष, पारदर्शी जांच की आवश्यकता है, जिसके लिए खुफिया समुदाय और वैज्ञानिक समुदाय एकजुट होकर काम करने की जरूरत है."
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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