Organ Donation in India 2025: हर साल स्वास्थ्य के क्षेत्र में अलग-अलग रिकॉर्ड दर्ज होते हैं. साल 2025 में जब राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplant Organisation) (NOTTO) और राज्यों की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं ने देश में अंगदान-अभियान को गति दी, तो एक राज्य ऐसा था जिसने संगठित प्रयासों और जन जागरूकता से खुद को टॉप पर रखा, वह है तेलंगाना. इस लेख में जानिए किस तरह तेलंगाना ने 2025 में अंगदान (Organ Donation) में देश में सबसे बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया, कौन-से आंकड़े इसके पीछे थे और यह क्यों महत्वपूर्ण है.
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तेलंगाना 2025 में अंगदान में देश का पहला राज्य
- अगस्त 2025 में, तेलंगाना को NOTTO द्वारा भारत का नंबर 1 राज्य घोषित किया गया क्योंकि उसने सबसे ज्यादा अंगदान दर (donation rate) हासिल की.
- वर्ष 2024 में, तेलंगाना ने प्रति लाख (Per Million) आबादी के हिसाब से 4.88 अंगदाता (Donors) दर्ज किए, जो पूरे देश के राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है.
इसी कारण से 2025 में NOTTO ने 15वें भारतीय अंगदान दिवस समारोह में तेलंगाना की जांबंद सेवा जीवनदान को सम्मानित किया.
कैसे बना यह कीर्तिमान, पीछे की प्रमुख वजहें
जीवनदान कार्यक्रम की संगठित व्यवस्था
जीवनदान ने पूरे राज्य में अंगदान, मृतक दान (cadaver donation), परिवहन, लिस्टिंग, ट्रांसप्लांट और जागरूकता का एक संगठित नेटवर्क तैयार किया. इससे दान-प्रक्रिया तीव्र और विश्वसनीय बनी.
समुदाय में जागरूकता और भरोसा
सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों में पारदर्शिता, काउंसलर-सहयोग और दाता-परिवारों का सम्मान जैसे कदमों ने लोगों का भरोसा बढ़ाया कि उनका दान सही जगह उपयोग होगा.
हेल्थ डिपार्टमेंट की भागीदारी
ट्रांसप्लांट सुविधाओं, दान-कोऑर्डिनेशन टीमों, सेवा (Green Corridor) और अस्पतालों में तत्परता ने मृतक दान (brain-dead donors) से अंग निकालने और ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया तेज की.
भारत में अंगदान की स्थिति
2024 में भारत में कुल 18,911 अंग प्रत्यारोपण (organ transplants) हुए, जो अब तक का सबसे बड़ा साल है. फिर भी, देश की अंगदान दर अभी भी प्रति लाख आबादी 1 से नीचे (less than 1 per million) बनी हुई है, जो ज्यादा जागरूकता और प्रयासों की जरूरत दिखाती है।
इस संदर्भ में तेलंगाना की सफलता इसलिए प्रभावशाली है क्योंकि उसने इस सरकारी औसत को कई गुना पार कर अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल सेट किया है.
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यह क्यों जरूरी है?
- जिंदगी बचाने में मदद: एक मृतक अंगदाता के कई अंग दान किए जा सकते हैं दिल, किडनी, लिवर, फेफड़े, आंखें आदि, जिससे कई लोगों को दूसरा जीवन मिल सकता है.
- सामाजिक जागरूकता: लोगों में अंगदान के प्रति सकारात्मक सोच और विश्वास बढ़ता है.
- स्वास्थ्य तंत्र मजबूती: बेहतर प्रशासन, ट्रांसप्लांट इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी प्रयासों से देश में अंगदान-ट्रांसप्लांट नेटवर्क मजबूत होता है.
- अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा: तेलंगाना जैसे उदाहरण से अन्य राज्यों में भी दान-कार्य तेज हो सकते हैं.
2025 में भारत में अंगदान के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने का गौरव तेलंगाना को मिला और कारण थे जीवनदान कार्यक्रम, जागरूकता, अस्पताल-तत्परता और जिम्मेदार प्रशासन.
जब पूरे देश की अंगदान दर अभी भी बहुत कम है, ऐसे में तेलंगाना का यह अनुभव दिखाता है कि अगर सरकार, अस्पताल और समाज मिलकर काम करें, तो अंगदान की क़मी को पूरा किया जा सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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