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शराब दिमाग को खा जाती है! Alcohol से डैमेज ब्रेन को दोबारा ऐसे ठीक कर सकते हैं

Alcohol Brain Damage: हम सभी को लगता है कि शराब सिर्फ लिवर को इफेक्ट करती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि शराब ब्रेन को भी डैमेज करती है. यहां जानिए धीरे-धीरे कैसे अल्कोहल ब्रेन को सिकोड़ता है.

शराब दिमाग को खा जाती है! Alcohol से डैमेज ब्रेन को दोबारा ऐसे ठीक कर सकते हैं
Alcohol Effects of Brain Damage: शराब पीने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है.?

Brain Repair After Alcohol: हम अक्सर दोस्तों या सोशल फंक्शन्स में शराब को थोड़ा मजा की तरह लेते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी वह एक गिलास आपके सबसे कीमती अंग दिमाग (Brain) को किस तरह प्रभावित कर सकता है? आज के समय में वैज्ञानिक शोध साफतौर पर साबित करते हैं कि शराब का असर सिर्फ रातभर की याददाश्त पर नहीं, बल्कि आपके दिमाग की संरचना, सोचने की क्षमता, याददाश्त, निर्णय-लेने की शक्ति और भावनाओं पर भी गंभीर रूप से पड़ता है. आइए जानते हैं कि शराब पीने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है और इसे दोबारा कैसे ठीक किया जा सकता है.

शराब पीने से दिमाग पर क्या असर होता है? | What Effect Does Drinking Alcohol Have on the Brain?

1. दिमाग सिकुड़ जाता है, खासकर याददाश्त वाले हिस्से

जब आप लगातार शराब का सेवन करते हैं, तो आपके दिमाग का वॉल्यूम घटने लगता है, खासकर उस हिस्से में जो याददाश्त और सीखने के लिए जिम्मेदार होता है.

एक शोध में पाया गया कि शराब यूजर्स का हिप्पोकैम्पस (hippocampus) जो नई यादें बनाता है, इसका वॉल्यूम कम हो जाता है और इससे याददाश्त और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है.   

यह वही हिस्सा है जो नई जानकारी को याद रखने, सीखने और चीजों को सोच-समझकर संभालने में मदद करता है. जब इसका आकार कम होता है, तो याद रहना कठिन, निर्णय लेना धीमा और कांफ्यूजन बढ़ सकता है.

एक शोध के अनुसार, लंबे समय तक शराब पीने से हिप्पोकैम्पस और कुल ब्रेन वॉल्यूम में कमी होती है, जिससे याददाश्त और सीखने की क्षमता घट सकती है.

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2. फ्रंटल कॉर्टेक्स, आपका डिसीजन-मेकिंग सेंटर प्रभावित

दिमाग का वो हिस्सा जो निर्णय लेने, भावनाओं को कंट्रोल करने और सेल्फ-डिसिप्लिन के लिए जिम्मेदार है, उसे फ्रंटल कॉर्टेक्स कहते हैं. शराब की आदत इस हिस्से को कमजोर करती है जिससे, फैसले लेने में देर, इमोशंस पर काबू न पाना, अब कभी नहीं, जैसी सोच को लागू न कर पाना. जैसे-जैसे यह हिस्सा प्रभावित होता है, आप वही गलत आदतें दुहराते रहते हैं जो आप रोकना चाहते हैं. 

एक बड़ी आबादी पर किए गए MRI स्टडी में यह पाया गया कि शराब का सेवन दिमाग की ग्रे और व्हाइट मैटर वॉल्यूम को कम कर सकता है, खासकर फ्रंटल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस में.

3. शराब से ब्लैकआउट क्यों होता है?

शराब यादों को बनने से रोक देती है. आमतौर पर दिमाग शॉर्ट-टर्म याददाश्त को लॉन्ग-टर्म में बदलता है, लेकिन शराब इसे रोक देती है, जिससे ब्लैकआउट हो जाता है. आपकी याददाश्त रिकॉर्ड ही नहीं होती कि आप रात में क्या कर रहे थे. यह मजाक नहीं, बल्कि दिमाग की वास्तविक खराबी है.

रिसर्च बताती हैं कि शराब का बहुत ज्यादा उपयोग दिमाग की फ्रंटल लोब्स और लिम्बिक सिस्टम को प्रभावित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप निर्णय-क्षमता, भावनाएँ और व्यवहार बदल सकते हैं.

4. दिमाग का रिवॉर्ड सिस्टम हाईजैक हो जाता है

शुरुआत में शराब पीना आपको अच्छा लगता है क्योंकि यह डोपामाइन जैसी रिवॉर्ड केमिकल को बदल देती है, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है. लेकिन, समय के साथ दिमाग इससे अडॉप्ट हो जाता है. अब न तो वही पुराने हॉबीज (जैसे दोस्तों के साथ समय, वर्क-आउट, पढ़ाई आदि) आपको उतना मजा देते हैं. दिमाग सिर्फ शराब के जरिए ही सामान्य महसूस करना चाहता है.

NIAAA शोध कहता है कि शराब यादों को लॉन्ग-टर्म स्टोर में बदलने की प्रक्रिया को बाधित करती है, जिससे ब्लैकआउट और चौकाने वाली याददाश्त की समस्याएं होती हैं.

5. माइक्रोस्टक्चरल नुकसान

न केवल याददाश्त प्रभावित होती है, आधुनिक रिसर्च यह भी दिखाती है कि शराब नर्वस सिस्टम की वायरिंग (white matter) और ब्रेन वॉल्यूम को भी घटा देती है, जिससे कुल मिलाकर दिमाग की दक्षता कम हो जाती है.

क्या दिमाग हमेशा के लिए खो जाता है?

जब आप शराब छोड़ देते हैं, आपका दिमाग खुद को ठीक करना शुरू कर देता है. रिसर्च बताती हैं कि:

  • ब्लड फ्लो बेहतर होता है.
  • स्मरण शक्ति धीरे-धीरे सुधर सकती है.
  • फोकस और मूड कंट्रोल वापिस आ सकता है.
  • यह प्रक्रिया हफ्तों से महीनों में होती है और जितना पहले आप छोड़ेंगे, उतना बेहतर रिकवरी होगा.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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