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हेल्दी रहने की 5 देसी आदतें, जिन्हें हमारी नानी करती थीं फोलो, आज Science भी मान रहा इनका लोहा

Healthy Desi Habits: आज जब साइंस और रिसर्च इन पुराने देसी तरीकों की गहराई से जांच कर रहा है, तो यह साफ हो रहा है कि हमारी नानी की कई आदतें न केवल कारगर थीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित हैं. आइए जानते हैं ऐसी 5 देसी आदतों के बारे में.

हेल्दी रहने की 5 देसी आदतें, जिन्हें हमारी नानी करती थीं फोलो, आज Science भी मान रहा इनका लोहा
Healthy Desi Habits: बीमारियों से बचने और हेल्दी रहने के लिए 5 देसी आदतें.

Desi Health Routines: जिंदगी में हम हेल्दी रहने के लिए महंगे सप्लीमेंट्स, जिम में घंटों पसीना बहाना और विदेशी डाइट प्लान्स अपनाने में लगे रहते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी नानी-दादी बिना किसी डॉक्टर या डाइटिशियन के इतनी तंदुरुस्त और ऊर्जावान कैसे रहती थीं? उनका रहन-सहन, खानपान और सोचने का तरीका ही उनकी असली ताकत था. आज जब साइंस और रिसर्च इन पुराने देसी तरीकों की गहराई से जांच कर रहा है, तो यह साफ हो रहा है कि हमारी नानी की कई आदतें न केवल कारगर थीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित हैं. आइए जानते हैं ऐसी 5 देसी आदतें जो हमारी नानी फॉलो करती थीं और जिन्हें आज साइंस भी सलाम कर रहा है.

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1. सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना

नानी का दिन अक्सर एक गिलास गुनगुने पानी से शुरू होता था. कभी उसमें नींबू और शहद मिलाकर, तो कभी सादा ही. यह आदत शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है. पाचन तंत्र को एक्टिव करती है और कब्ज की समस्या दूर करती है. आज साइंस भी मानता है कि यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और वजन घटाने में सहायक है.

2. खाना हमेशा बैठकर और ध्यान से खाना

नानी हमेशा कहती थीं. खाना भगवान का प्रसाद है, ध्यान से खाओ. बैठकर खाने से पाचन बेहतर होता है और ओवरईटिंग से बचाव होता है. आजकल की रिसर्च भी बताती है कि माइंडफुल ईटिंग से डाइजेशन सुधरता है और वजन कंट्रोल में रहता है.

3. हल्दी वाला दूध पीना

रात को सोने से पहले नानी हमें हल्दी वाला दूध जरूर पिलाती थीं. हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं. यह इम्यूनिटी बढ़ाता है, सर्दी-खांसी से बचाता है और नींद को बेहतर बनाता है. आज हल्दी को Golden Superfood कहा जाता है और दुनिया भर में इसके सप्लीमेंट्स बिक रहे हैं.

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4. धूप में बैठना और तेल मालिश करना

सर्दियों में नानी रोज सुबह धूप में बैठती थीं और सरसों के तेल से मालिश करती थीं. धूप से शरीर को विटामिन D मिलता है, जो हड्डियों के लिए जरूरी है. तेल मालिश से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और त्वचा को पोषण मिलता है. आज मेडिकल साइंस भी मानता है कि सनलाइट और स्किन स्टिमुलेशन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं.

5. घर का ताजा, सीजनल और सादा खाना

नानी का खाना हमेशा घर का बना, ताजा और मौसम के अनुसार होता था. वे मौसमी सब्जियां, दाल, चावल, रोटी और घी का संतुलन बनाए रखती थीं. आज भी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्रोसेस्ड फूड से दूर रहकर देसी खाना ही सबसे हेल्दी विकल्प है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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