Too Much Vitamin D Risks: आजकल बहुत से लोग विटामिन D की कमी से परेशान हैं. धूप की कमी, घर के अंदर ज्यादा समय बिताना और खानपान में बदलाव इसकी बड़ी वजहें हैं. विटामिन D शरीर के लिए बेहद जरूरी है. यह हड्डियों को मजबूत बनाता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है. लेकिन, एक आम गलती जो लोग कर रहे हैं, वह है बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन D सप्लीमेंट लेना और वह भी जरूरत से ज्यादा मात्रा में. यह गलती न सिर्फ बेअसर हो सकती है, बल्कि दिल और किडनी जैसे अहम अंगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
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विटामिन D की कमी | Vitamin D deficiency
शहरी लाइफस्टाइल में लोग धूप से दूर रहते हैं, जिससे शरीर में विटामिन D बनना कम हो जाता है. कई लोग थकान, हड्डियों में दर्द या इम्यूनिटी कम होने पर खुद ही सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं. लेकिन, हर किसी को सप्लीमेंट की जरूरत नहीं होती, कई बार खानपान और धूप से भी कमी पूरी हो सकती है.
विटामिन D की ओवरडोज से होने वाले नुकसान | Side Effects of Vitamin D Overdose
1. कैल्शियम का लेवल बढ़ जाना (हाइपरकैल्सीमिया)
विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है. ओवरडोज से खून में कैल्शियम की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है, जिससे उल्टी, कमजोरी, थकान और भ्रम जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
2. किडनी पर असर और स्टोन बनने का खतरा
ज्यादा कैल्शियम किडनी में जमा होकर स्टोन (पथरी) बना सकता है. लंबे समय तक ओवरडोज लेने से किडनी फेलियर तक की नौबत आ सकती है.

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3. दिल की धड़कन पर असर
हाइपरकैल्सीमिया से दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है. इससे हार्ट रिलेटेड प्रोब्लम्स जैसे हाई ब्लड प्रेशर और एरिदमिया (arrhythmia) हो सकती हैं.
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4. पाचन तंत्र में गड़बड़ी
विटामिन डी की ओवरडोज से ओवरडोज से कब्ज, भूख न लगना, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
5. हड्डियों पर उल्टा असर
विटामिन D हड्डियों को मजबूत करता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने से हड्डियों में कैल्शियम का असंतुलन हो सकता है, जिससे वे कमजोर भी हो सकती हैं.
डॉक्टर की सलाह क्यों है जरूरी?
हर व्यक्ति की जरूरत अलग होती है उम्र, लाइफस्टाइल और हेल्थ कंडीशन के अनुसार. डॉक्टर खून की जांच से यह तय करते हैं कि आपको सप्लीमेंट की जरूरत है या नहीं. बिना जांच के सप्लीमेंट लेना शरीर के लिए उल्टा असर कर सकता है.
प्राकृतिक स्रोतों से विटामिन D कैसे लें?
- सुबह की धूप सबसे अच्छा स्रोत है. रोज़ाना 15–20 मिनट धूप में रहना फायदेमंद होता है.
- खाने में अंडे की जर्दी, मशरूम, फोर्टिफाइड दूध और अनाज शामिल करें.
- बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज से शरीर की जरूरतें पूरी हो सकती हैं.
विटामिन D की कमी एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन इसका इलाज भी उतनी ही समझदारी से करना चाहिए. बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट लेना दिल और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए सतर्क रहें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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