Yoga Poses For Flexibility: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं. मोबाइल, लैपटॉप और टीवी की आदत ने शरीर की प्राकृतिक मूवमेंट को सीमित कर दिया है. इसका नतीजा यह होता है कि सुबह उठते ही शरीर भारी लगता है, कमर, गर्दन और कंधों में अकड़न महसूस होती है और झुकने-मुडने में परेशानी होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी यानी लचीलापन कम होने लगता है, जो आगे चलकर दर्द और चोट का कारण बन सकता है.
अच्छी बात यह है कि इस समस्या का हल हमारे पास पहले से मौजूद है योग. योग सिर्फ ध्यान और शांति का साधन नहीं है, बल्कि यह शरीर को लचीला, मजबूत और संतुलित बनाने का एक प्रभावी तरीका भी है. रोज सुबह कुछ खास योगासन करने से मांसपेशियां धीरे-धीरे खुलती हैं, जोड़ों की जकड़न कम होती है और शरीर में हल्कापन महसूस होने लगता है. अगर आप दिन की शुरुआत योग से करते हैं, तो पूरे दिन एनर्जी भी बनी रहती है.
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फ्लेक्सिबिलिटी क्यों है जरूरी?
फ्लेक्सिबिलिटी का मतलब है कि आपके शरीर की मांसपेशियां और जोड़ आसानी से मूव कर सकें. जब शरीर लचीला होता है, तो रोजमर्रा के काम जैसे झुकना, उठना, चलना और वजन उठाना आसान हो जाता है. इससे मांसपेशियों में खिंचाव और चोट का खतरा भी कम होता है. खासतौर पर उम्र बढ़ने के साथ फ्लेक्सिबिलिटी बनाए रखना बहुत जरूरी हो जाता है.
फ्लेक्सिबल बॉडी के लिए रोज सुबह करें ये 5 योगासन | Perform These 5 Yoga Poses Every Morning For a Flexible Body
1. ताड़ासन (Tadasana)
यह देखने में आसान लेकिन बहुत असरदार आसन है. ताड़ासन से पूरे शरीर में खिंचाव आता है और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. इसके लिए सीधे खड़े होकर दोनों हाथ ऊपर उठाएं और पंजों के बल खड़े हों. कुछ सेकंड इसी स्थिति में रहें.

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2. भुजंगासन (Bhujangasana)
यह आसन कमर और रीढ़ की अकड़न दूर करने में मदद करता है. पीठ के निचले हिस्से में लचीलापन बढ़ता है और लंबे समय तक बैठने से होने वाला दर्द कम होता है.
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3. अधो मुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana)
यह आसन पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है. इसे करने से कंधे, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों की जकड़न कम होती है और शरीर हल्का महसूस होता है.

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4. पाश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
इस आसन से रीढ़, कमर और पैरों की मांसपेशियां खुलती हैं. शरीर की पीछे की मांसपेशियों में लचीलापन आता है और अकड़न कम होती है.
5. बटरफ्लाई आसन (बद्ध कोणासन)
यह आसन खासतौर पर हिप्स और जांघों के लिए फायदेमंद है. लंबे समय तक बैठने से जमी अकड़न धीरे-धीरे दूर होती है.

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योग करते समय ध्यान रखें ये बातें:
- योग हमेशा खाली पेट या हल्का पेट रखकर करें.
- शुरुआत में आसन धीरे-धीरे करें, जबरदस्ती स्ट्रेच न करें.
- सांस पर ध्यान दें, सांस रोककर आसन न करें.
- अगर किसी को पुरानी चोट या गंभीर समस्या है, तो विशेषज्ञ से सलाह लें.
रोज सुबह सिर्फ 20–30 मिनट योग के लिए निकालना शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. ये 5 योगासन धीरे-धीरे शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाते हैं और अकड़न से राहत दिलाते हैं. अगर आप इन्हें नियमित रूप से अपनाते हैं, तो कुछ ही हफ्तों में शरीर ज्यादा लचीला, मजबूत और एनर्जेटिक महसूस होने लगेगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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