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किन्नौर में बादल फटने से तबाही: खेत-बागीचे तक बहे, जान बचाने को घर छोड़कर भागे लोग

हिमाचल में मौसम की मार के बीच एनएच-3 (अटारी-लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) प्रभावित एनएच हैं. कुल्लू ज़िले में सबसे ज़्यादा 203 सड़कें बंद हैं तथा इसके बाद मंडी में 198 और शिमला ज़िले में 51 सड़कें बंद हैं.

किन्नौर में बादल फटने से तबाही: खेत-बागीचे तक बहे, जान बचाने को घर छोड़कर भागे लोग
  • हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के थाच गांव में बादल फटने से बाढ़ आई
  • बाढ़ में दो गाड़ियां बह गईं लोग जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भागे
  • प्रदेश में भारी बारिश के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल 606 सड़कें बंद
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किन्नौर:

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के थाच गांव में बीती रात करीब 12:10 बजे बादल फटने से तबाही हुई है. इसके चलते गांव के पास बहने वाले 3 नालों में खतरनाक बाढ़ आ गई, जिससे खेतों और बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा है. बाढ़ की चपेट में आकर दो गाड़ियां भी बह गईं. मस्तान की कंडे में स्थित दोगरी और गांव में बना मकान भी बाढ़ से प्रभावित हुआ. ग्रामीणों ने जान बचाने के लिए घर छोड़कर जंगलों की ओर भागना शुरू कर दिया. इस आपदा में दर्जनों लोगों के सेब के बागीचे बह गए हैं. गांव के तीन अन्य लोगों के घर भी ढहने की कगार पर हैं. स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है.

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2 हाईवे समेत 606 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश होने के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित कुल 606 सड़कें बंद हो गई.  मौसम विभाग ने बताया कि इसके अलावा शिमला, कांगड़ा, पालमपुर, मुरारी देवी और सुंदरनगर में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि ताबो और बजौरा में 33 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, एनएच-3 (अटारी-लेह मार्ग) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा मार्ग) प्रभावित एनएच हैं. कुल्लू ज़िले में सबसे ज़्यादा 203 सड़कें बंद हैं तथा इसके बाद मंडी में 198 और शिमला ज़िले में 51 सड़कें बंद हैं.

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कंगना को दिखाए काले झंडे

इससे पहले गुरुवार के दिन मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत को कुल्लू के पतलीकुहल दौरे के दौरान विरोध के तहत काले झंडे दिखाए गए और ‘कंगना वापस जाओ, तुम देर से आई हो' के नारे लगाए गए. अभिनय से राजनीति में आयीं कंगना रनौत ने मनाली के सोलंग और पलचान के आपदा प्रभावित इलाकों का भी दौरा किया, जहां उन्होंने निवासियों से बातचीत की और नुकसान का आकलन किया. पूर्व विधायक और भाजपा नेता गोविंद सिंह ठाकुर ने रनौत को स्थिति से अवगत कराया और बताया कि खतरे में पड़े 15-16 घरों के परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया.

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हिमाचल में 400 से ज्यादा की मौत

स्थानीय लोगों ने ब्यास नदी से पहाड़ के कटाव के कारण पूरे सोलंग गांव के भूस्खलन के खतरे में आ जाने पर चिंता व्यक्त की. स्थानीय लोगों ने सुझाव दिया कि पानी के प्रवाह को मोड़कर नदी का मार्ग बदलना तत्काल उपाय होगा. इस साल मानसून के आगमन के बाद से, इस हिमालयी राज्य में बादल फटने की 46, अचानक बाढ़ की 98 और बड़े भूस्खलन की 146 घटनाएं हुई हैं, जबकि 424 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 242 लोगों की मौत वर्षाजनित घटनाओं में और 182 की सड़क दुर्घटनाओं में हुई. इसमें 481 लोग घायल हुए हैं, जबकि 45 अब भी लापता हैं.

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