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World Potato Day: हर साल 30 मई को मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय आलू दिवस, जानिए आलू का इतिहास और खासियत

International Potato Day 2025: पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय आलू दिवस 30 मई को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने की शुरूआत साल 2024 से ही हुई है. आइए इस दिन को हम भी सेलीब्रेट करते हैं और जानते हैं आलू का इतिहास और इसकी खासियत.

World Potato Day: हर साल 30 मई को मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय आलू दिवस, जानिए आलू का इतिहास और खासियत
World Potato Day 2025: हर साल 30 मई को मनाया जाता है अंतराष्ट्रीय आलू दिवस.

International Potato Day 2025: हर किसी रसोई में पाया जाने वाली एक ऐसी सब्जी जो अमूमन सभी को पसंद होती है अगर आपसे उसका नाम पूछा जाए तो आपका जवाब क्या होगा? आलू! , जी हां आलू को एक ऐसी सब्जी के तौर पर भी जाना जाता है जिसको आप हर किसी के साथ मिलाकर खा सकते हैं. बतौर बिरयानी में आलू, भिंडी आलू, टमाटर आलू, आलू की सब्जी, आलू के पकौड़े और भी ना जानें इस तरह की कितने ही फूड आइटम्स हैं जो आलू के साथ या फिर आलू से ही बनते हैं. आलू की इसी खासियत को सेलीब्रेट करने के लिए पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय आलू दिवस 30 मई को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने की शुरूआत साल 2024 से ही हुई है. आइए इस दिन को हम भी सेलीब्रेट करते हैं और जानते हैं आलू का इतिहास और इसकी खासियत.

आलू का इतिहास ( भारत में कैसे आया था आलू)

आलू का इतिहास काफी पुराना और रोचक है. दक्षिण अमेरिका के पेरू में करीब सात हजार साल से इसकी खेती होती आ रही है. आलू की खेती सबसे पहले मध्य पेरू में शुरू हुई थी. उस समय वहां आलू का नाम 'कामाटा' और 'बटाटा' था. स्पेन 16वीं सदी में इसे यूरोप लेकर आया, जहां इसका नाम 'पोटैटो' रखा गया. कहते हैं कि कोलम्बस जब दुनिया की यात्रा में निकला तो अपने साथ आलू लेकर निकला. लेकिन भारत में आलू को यूरोपीय और डच व्यापारी अपने साथ 15 वी शताब्दी में भारत लेकर आए थे. यहां ईस्ट इंडिया कंपनी ने आलू के बिजनेस में अपना फायदा देखा और 18 वी सदी में भारत में इसकी खेती शुरू हो गई. खेतो में अब आलू की ही फसल नजर आने लगी थी. भारतीय लोगों ने भी आलू को खूब पसंद किया और इससे अलग-अलग तरह की डिश बनाने लगे. ब्रिटिशर्स जब कलकत्ता में थे तो हर बंगाली डिश में आलू का इस्तेमाल किया जाने लगा और इसे फाइनल टच दिया नवाब वाजिद अली शाह ने. जब नवाब लखनऊ से कोलकाता पहुंचे तो उनके शाही खानसामे ने आलू को शाही पकवानो में शामिल किया. और तब से सिर्फ कलकत्ता में ही नहीं भारत कि हर कोने में कई डिश में आलू का कब्जा हो गया.

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आलू की खासियत

आलू की खासियत की बात करें तो इसमें 70% पानी और 20% कार्बोहाइड्रेट होता है. इसके अलावा आलू में विटामिन सी, पोटैशियम,कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन बी6 और फाइबर भी पाया जाता है.

आलू की किस्में

शुरुआत में इसकी तीन किस्में थीं - पहली किस्म के आलू का नाम फुलवा था, जो मैदानी इलाकों में उगता था। वहीं, दूसरे का नाम गोला था, क्योंकि वो आकार में गोल होता था और तीसरे आलू का नाम साठा था, क्योंकि वो 60 दिन बाद उगता था. लेकिन आज दुनियाभर में आलू की 4,000 से अधिक किस्में हैं. आलू उत्पादन में चीन और रूस के बाद भारत का नंबर आता है. भारत में आलू उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा,मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यो में प्रमुख रुप से उगाया जाता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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