
National Nutrition Week 2025: भारत में हर साल 1 से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को संतुलित और पौष्टिक डाइट के महत्व के प्रति जागरूक करना है. इस साल 2025 की थीम 'बेहतर जीवन के लिए सही खाएं' है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को बैलेंस डाइट अपनाने और कुपोषण से निपटने के लिए प्रेरित करती है. एक समय था जब भारत में मोटे अनाज को डाइट में शामिल किया जाता था. लेकिन समय के साथ गेहूं और चावल की खपत बढ़ने लगी. शहरी क्षेत्र में इन चीजों का ज्यादा सेवन किया जाने लगा. लेकिन वहीं समय अब एक बार फिर शहरी लोगों की डाइट में देखा जा रहा है. आज के समय में मोटे अनाज के महत्व और फायदे को देखते हुए शहरी लोग अपनी थाली में इन अनाजों को शामिल कर रहे हैं.
रागी, ज्वार, बाजरा, अमरनाथ और जौ जैसे मोटे अनाज फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक खनिजों से भरपूर होते हैं. इनमें कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इन्हें रिफाइंड अनाज का एक अच्छा ऑप्शन बनाते हैं.
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रागी, ज्वार, बाजरा, अमरनाथ और जौ खाने के फायदे- (Benefits of ragi, jowar, bajra, amaranth, and barley)
पोषण का भंडार कहे जाते हैं ये अनाज. इन्हें डायबिटीज रोगियों के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है. डायबिटीज आज के समय की एक बड़ी समस्या में से एक है. इतना ही नहीं इन अनाज को डाइट में शामिल करने से पाचन सुधारने, वजन घटाने, हड्डियां मजबूत करने, दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और एनीमिया से लड़ने में मदद मिल सकती है. ये अनाज ग्लूटेन-फ्री होते हैं और शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं, साथ ही इम्यूनिटी भी बढ़ाते हैं. इन्हें आप डाइट में कई तरह से शामिल कर सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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