
आज, डिजिटल ट्रैन्ज़ैक्शन ने भारत के पैसे के आदान-प्रदान के तरीके को बदल दिया है. आपको देश के कोने-कोने की दुकानों पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) आईडी मिल जाएगी. इतना कि आपको भारत की आखिरी चाय की दुकान पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी मिल जाएगी. जी हां, यह सही है! इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर उत्तराखंड के माना गांव में एक चाय की दुकान की एक पोस्ट की सराहना की - अंतिम भारतीय गांव - जिसमें पेमेंट के लिए यूपीआई या कोड है. इस चाय की दुकान को देश की आखिरी चाय की दुकान कहा जाता है और इसी के अनुसार इसका नाम है - इंडियाज लास्ट टी शॉप.
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"जैसा कि कहते हैं, एक तस्वीर एक हजार शब्दों के बराबर होती है. यह भारत के डिजिटल पेमेंट ईकोसिस्टम के लुभावने स्कोप और स्केल को कैप्चर करती है. जय हो!" आनंद महिंद्रा ने मूल रूप से @arulmozhi2_O द्वारा पोस्ट की गई एक पोस्ट को फिर से शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा है, "उत्तराखंड में 10,500 फीट ऊंचाई वाला आखिरी गांव. ऐसा लगता है कि यूपीआई भी है... #डिजिटल_भारत," यहां देखें:
As they say, a picture is worth a thousand words. This captures the breathtaking scope and scale of India's digital payments ecosystem. Jai ho! 👏🏽👏🏽👏🏽 https://t.co/n6hpWIATS0
— anand mahindra (@anandmahindra) November 4, 2022
ट्वीट ने कुछ ही समय में सभी का ध्यान खींचा और लोगों ने कमेंट्स और इमोटिकॉन्स के साथ इस पर रिएक्शन देना शुरू कर दिया. "तकनीक अंतिम मील तक पहुंच रही है. अद्भुत #UPI," एक कमेंट पढ़ें. एक अन्य कमेंट में कहा गया है, "डिजिटल इंडिया के लिए यह एक बड़ी सफलता है और हर नागरिक तक पहुंचने की सराहना करता है." एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, "यह एक क्रांति है. हमारे खर्च करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया."
जिन लोगों को मालूम नहीं है उन्हें बता दें कि माना को अलकनंदा नदी के किनारे पर अंतिम भारतीय बस्ती कहा जाता है. यह इंडो-चाइनीज बॉर्डर से करीब 50 किलोमीटर दूर है. हैमलेट, खासतौर से चाय की दुकान, एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां लोग भारत के आखिरी स्टॉल पर चाय की चुस्की का एक्यपीरियंस करने के लिए आते हैं.
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