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This Article is From Jun 29, 2016

शरीर में हैं ये परेशानियां, तो हो सकती है कैल्शियम की कमी

शरीर में हैं ये परेशानियां, तो हो सकती है कैल्शियम की कमी
नई दिल्ली: कैल्शियम से भरपूर खाना हड्डियों और जोडों को हेल्दी बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। यही नहीं, इसके साथ ही यह दातों को मजबूत बनाता है और रक्त कोशिकाओं को स्ट्रॉन्ग बनाता है। ब्लड को नियंत्रित करने और डायबिटीज़ से बचाने में भी कैल्शियम महत्वपूर्ण रोल निभाता है। ऐसा कुछ फिक्स नहीं है कि एक व्यक्ति को एक दिन में कितना कैल्शियम लेना चाहिए। यह अलग-अलग देश में अलग-अलग होता है, यहां तक कि व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है।

यह शरीर के विकास और मसल बनाने में भी सहायक होता है। हरी सब्जियां, दही, बादाम और पनीर इसके मुख्य स्रोत हैं। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद सचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि कैल्शियम की कमी को हायपोकैल्शिमिया भी कहा जाता है। यह तब होता है, जब आपके शरीर को पूरी मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता।

अकसर लोग कैल्शियम की कमी होने पर कैल्शियम से भरपूर खाना और सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं, जो कि उनके सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए लोगों को कैल्शियम के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी होता है, जिन लोगों की बॉडी में कैल्शियम की कमी हो, वे बिना डॉक्टर की सलह के किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट्स न लें और न ही कोई दवा खाएं। डॉक्टर की सलाह आपकी बॉडी को सही तरीके से हेल्दी बनाए रखने में मदद करेगी इसलिए उनकी सलाह से ही सेहतमंद खानपान के साथ ही सप्लीमेंट लें।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होती जाती है और शरीर का ज्यादातर कैल्शियम हड्डियों में ही होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां पतली और कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में शरीर को कैल्शियम की जरूरत पड़ती है। कैल्शियम के स्रोत वाली वस्तुएं खाते रहने से इसकी कमी पूरी की जा सकती है, लेकिन इसके लिए भी पहले डॉक्टर की सलाह ले लें।

उन्होंने कहा कि भूखे रहने, कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्जरेब्शन की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है। मैलएब्जरेब्शन उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा शरीर उचित खुराक लेने पर भी विटामिन और मिनरल को सोख नहीं पाता। ऐसे में समय रहते ही डॉक्टर से परामर्श कर लें।

अब आपके दिमाग में एक ही सवाल आ रहा होगा, कि शरीर में कैल्शियम की कमी के क्या लक्षण होते हैं। कैसे पता लगेगा कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है। तो आइए बताते हैं इसकी कमी के कुछ लक्षणः-
  • मसल क्रैम्प : शरीर में होमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा रहने और पानी की उचित मात्रा लेने के बावजूद अगर आप नियमित रूप से मसल क्रैम्प (मांस में खिंचाव या ऐंठन) का सामना कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत है।
  • लो बोन डेनस्टिी : जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, कैल्शियम हड्डियों की मिनरलेजाइशन के लिए जरूरी होता है। कैल्शियम की कमी सीधे हमारी हड्डियों की सेहत पर असर करती है और ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।
  • कमजोर नाखून : नाखून के मजबूत बने रहने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, उसकी कमी से वह भुरभुरे और कमजोर हो सकते हैं।
  • दांत में दर्द : हमारे शरीर का 90 प्रतिशत कैल्शियम दांतों और हड्डियों में जमा होता है उसकी कमी से दातों और हड्डियों का नुकसान हो सकता है।
  • मासिक धर्म में दर्द : कैल्शियम की कमी वाली महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान काफी तीव्र दर्द हो सकता है, क्योंकि मांसपेशियों के काम करने में कैल्शियम अहम भूमिका निभाता है।
  • एम्युनिटी में कमी : कैल्शियम शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखता है। कैल्शियम की कमी होने पर शरीर में पैथगॉन अटैक से जूझने की क्षमता कम हो जाती है।
  • नाड़ी की समस्याएं : कैल्शियम की कमी से न्यूरोलॉजिक्ल समस्याएं, जैसे कि सिर पर दबाव की वजह से सीजर और सिरदर्द हो सकता है। कैल्शियम की कमी से डिप्रेशन, इनसोमेनिया, पर्सनैल्टिी में बदलाव और डेम्निशिया भी हो सकता है।
  • धड़कन : कैल्शियम दिल के बेहतर काम करने के लिए आवश्यक है और कमी होने पर हमारे दिल की धड़कन बढ़ सकती है और बेचैनी हो सकती है। कैल्शियम दिल को रक्त पम्प करने में मदद करता है।
अगर आप इनमें से किसी लक्षण का सामना कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें, वह रक्त जांच की सलाह देगा। इसका इलाज कैल्शियम युक्त भोजन खाना और पौष्टिक सप्लीमेंट लेना है।

(इनपुट्स आईएएनएस से)
 

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