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जोड़ों के दर्द को जड़ से खींचकर बाहर निकाल देगा ये तेल, बस रात में सोने से पहले कर लें ये काम

Joint Pain Home Remedies: अगर आपके घर में भी किसी के जोड़ों में दर्द रहता है और इसकी वजह से वो खूब परेशान रहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे एक ऐसा देसी नुस्खा जो इस दर्द से हमेशा के लिए राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकता है.

जोड़ों के दर्द को जड़ से खींचकर बाहर निकाल देगा ये तेल, बस रात में सोने से पहले कर लें ये काम
जोड़ों के दर्द से राहत दिलाएगा परिजात का तेल.

Joint Pain Home Remedies: ज्वाइंट पेन, अर्थराइटिस और मसल पेन जैसी समस्या होने पर ऐसा असहनीय दर्द होता है बल्कि आपको रोजमर्रा के कामों को भी बाधित करता है. कई बार आपकी फैमिली में बड़े-बूढ़ों को घुटनों या जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है. ऐसे में पिन किलर का सेवन तो हर रोज नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अगर आप देसी नुस्खों की तलाश मे हैं तो आज हम आपको एक ऐसा ही देसी नुस्खा बताएंगे जो इस दर्द से राहत दिलाने में आपकी मदद करेगा. बता दें कि हमारे साथ ये देसी और असरदार नुस्खा शेयर किया है आयुर्वेदिक और यूनानी मेडिसिन एक्सपर्ट सलीम जैदी ने. उन्होंने बताया हार श्रृंगार के पत्तों से बनाए जाने वाले एक ऐसे अनोखे तेल के बारे में जो कि जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए एक रामबाण औषधि की तरह काम करता है.

ज्वाइंट्स का काम

आपके जॉइंट्स का काम वही है जो कि एक डोर के हिंजेस यानी दरवाजे के जो कब्जे होते हैं उनका होता है. अगर प्रॉपर केयर नहीं मिलती है तो आपके दरवाजे के कब्जे चू-चूं बोलने लग जाते हैं. ठीक उसी तरीके से अगर आप अपने जोड़ों का अपने घुटनों का ख्याल नहीं रखते हैं तो वहां पर भी स्टिफनेस और दर्द शुरू हो जाता है और जो दर्द एक बार शुरू होता है वो खत्म होने का नाम नहीं लेता है. लेकिन हारसिंगार जिसे हम लोग परिजात या फिर नाइट जैसमीन के नाम से भी जानते हैं यह इस दर्द को राहत दिलाने का काम करता है. आयुर्वेद में परिजात की पत्तियों को जॉइंट पेन और इनफ्लेमेशन के लिए एक बहुत ही दमदार उपचार माना गया है. परिजात की पत्तियों से एक तेल भी बनाया जाता है जो कि अर्थराइटिस और जॉइंट पेन को ठीक करने में बहुत मददगार है और बहुत ही ज्यादा इफेक्टिव है और हजारों साल से यूज़ होता आया है. 

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परिजात क्या होता है?

इस तेल के बारे में जानने से पहले चलिए सबसे पहले यह समझते हैं कि यह परिजात क्या होता है? इसका पौधा कैसा दिखता है? और आयुर्वेद में इसका इतना ज्यादा महत्व क्यों है? परिजात का पौधा 3-4 फीट से लेकर 20-30 फीट तक का एक बड़ा पेड़ के साइज का भी हो सकता है. यह इंडिया के लगभग हर एक कोने में मिलता है और इसके सफेद फूल और सुंदर महक काफी अच्छी लगती है और इसीलिए इसे अक्सर लोग घरों में सजाने के लिए लगा देते हैं. इसका दूसरा नाम नाइट जैसमीन या फिर रात की रानी भी है क्योंकि यह रात के समय में अपने फूलों को खिलाता है और बहुत ही अच्छी भी खुशबू आपको देता है. आयुर्वेद में इसकी पत्तियों का बहुत गहरा महत्व है और यह प्राचीन समय से घुटनों के दर्द, जोड़ों की सूजन और अर्थराइटिस जैसी समस्याओं के लिए उपयोग किया जा रहा है. 

रिसर्च की मानें तो परिजात की पत्तियों में अल्कोलॉइड्स, फ्लेवोनॉइड्स और ग्लाइकोसाइट्स जैसे एक्टिव कंपाउंड्स होते हैं जो कि एंटी इनफ्लामेटरी एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज दिखाते हैं. जिसका मतलब यह है कि यह सूजन को घटाने का और दर्द को कम करने का काम करता है और इस काम के लिए इसकी पत्तियों से बनाया गया जो तेल है यह बहुत ही इफेक्टिव होता है. यह ऑयल सिर्फ एक होम रेमेडी नहीं है बल्कि एक पावरफुल नेचुरल पेन रिलीवर है जो कि आपके घुटनों के दर्द को, अर्थराइटिस को और मसल पेन को बहुत ही अच्छी तरीके से इफेक्टिवली ट्रीट करता है.

परिजात तेल के अन्य फायदे

आपको बता दें कि जॉइंट पेन के अलावा परिजात का ऑयल और भी कई सारे फायदे आपको देता है. यह ऑयल आपकी स्किन के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है. खासतौर से अगर आपको स्किन इरिटेशन है या फंगल इंफेक्शंस की प्रॉब्लम अगर आपको रहती है तो ऐसे में यह एक बहुत ही इफेक्टिव फार्मूला है जो कि आप इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ऑयल को लगाने से आपको सर के दर्द में भी आराम मिलता है. खासतौर से अगर आपको जो सर दर्द है वो टेंशन की वजह से या किसी स्ट्रेस की वजह से हो रहा है तो ऐसे में इस ऑयल को लगाने से आपको बहुत बढ़िया रिजल्ट्स मिलते हैं. 

कैसे बनाएं तेल ( How to Make Joint Pain Relief Oil)

आइए जानते हैं कि इन पत्तियों से तेल कैसे निकाला जाए. परिजात की पत्तियों का तेल बनाने के लिए आपको चाहिए 10 से 15 परिजात के पत्ते. यह पत्ते आप फ्रेश ले सकते हैं. फ्रेश हो तो ज्यादा बेहतर है लेकिन अगर फ्रेश अवेलेबल नहीं है तो आप ड्राइड लीव्स को भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो कि आपको मार्केट में मिल जाएंगे पंसारी की शॉप पर या आयुर्वेदिक शॉप पर आराम से इनको आप ले सकते हैं. पत्तों के अलावा आपको चाहिए 200 ml सरसों का तेल या फिर तिल का तेल. इन दोनों में से जो भी आपके पास अवेलेबल हो उसको आप ले सकते हैं. इसके अलावा आप थोड़ा सा अदरक और थोड़ी सी हल्दी भी ले लीजिए और इनको आराम से अपने पास रख लीजिए. अब सबसे पहले परिजात के पत्तों को आप अच्छे से वॉश कर लीजिए ताकि इनमें कोई मिट्टी या फिर इंप्युरिटीज वगैरह ना बचे. और इसके बाद इन्हें अच्छे से आप कपड़े से सुखाकर बारीक-बारीक हाथ से तोड़कर एक मिक्सी में बिना पानी डाले बारीक पीस लीजिए. और इसके बाद इसको निकाल के एक कटोरी में रख लीजिए. इसके बाद सरसों का तेल या तिल का तेल जो भी आपने लिया है उसको आप हल्की आंच पर गर्म करना शुरू कीजिए. और जब ऑयल आपका गर्म हो जाए तो इसमें यह जो परिजात की पत्तियां आपने पीसी थी उनको आप डाल दीजिए. अब इन पत्तियों को ऑइल के अंदर 20 मिनट तक आप हल्की आंच पर सिम होने दीजिए. और इसके बाद इसमें ऊपर से एक टीस्पून कद्दूकस किया हुआ अदरक और एक टीस्पून हल्दी पाउडर भी यहां पर डाल दीजिए. जब 20-30 मिनट आपके हो जाए इसको पकते हुए तो आप इस गैस को बंद कीजिए और इस ऑयल को थोड़ा ठंडा होने के लिए छोड़ दीजिए. 

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जब ऑयल थोड़ा ठंडा हो जाए तो इसे आप एक बारीक कपड़े में या फिर बारीक छलनी के अंदर छान लीजिए और इसे एक ग्लास के एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रख लीजिए. ध्यान रखिएगा कि इसे आप ठंडी और अंधेरी जगह पर रखें. रूम टेंपरेचर पर रखें. डायरेक्ट गर्मी में या धूप में ना रखें. अगर आप सही तरीके से इसको स्टोर करेंगे तो यह ऑइल आपका आराम से दो से 3 महीने तक इफेक्टिव रहेगा. चल जाएगा. इस ऑइल को आप थोड़ा सा निकाल लीजिए जब भी यूज़ करना हो और इसको हल्का सा गर्म करके अपने जोड़ों पर, घुटनों पर, कमर में या जहां पर भी आपको दर्द है वहां पर 10 से 15 मिनट तक इसको मसाज कीजिए. दिन में दो टाइम इसको लगाने से यह ऑयल बहुत ही जल्दी आपको दर्द से आराम दिलाएगा और वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट्स के. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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