![सावधान दिल की बीमारियां और डायबिटीज़ कहीं बना न दें विकलांग सावधान दिल की बीमारियां और डायबिटीज़ कहीं बना न दें विकलांग](https://i.ndtvimg.com/i/2015-12/heart-herat-attack_650x488_41449219696.jpg?downsize=773:435)
नई दिल्ली:
भारत में 12 करोड़ लोगों को किसी न किसी किस्म की विकलांगता है। 41 प्रतिशत से ज़्यादा शारीरिक रूप से विकलांग हैं। इसके साथ ही जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की मौजूदगी इस सदी में इन समस्याओं को बढ़ा रही है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ के. के. अग्रवाल ने बताया, "दिल के रोगों, कैंसर, मोटापा, डायबिटीज, स्ट्रोक और अर्थराइटिस जैसी लंबी बीमारियां देश में अक्षमता का कारण बन रही हैं। लोगों की अस्वास्थ्यकर और पूरा दिन बैठे रहने वाली जीवनशैली की वजह से विकलांगता की समस्या और बढ़ती जा रही है, इसलिए यह जरूरी है कि इसे रोका जाए।"
उन्होंने कहा कि, "लोग हेल्दी और पौष्टिक आहार लेने, उचित व्यायाम करने, पूरी नींद और धूप लेने, शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने और स्ट्रेस फ्री रहने के लिए स्वस्थ तरीके अपनाएं। स्ट्रोक की स्थिति में मेडिकल हेल्प के बारे में पूर्ण रूप से जागरुक होना भी जरूरी है, क्योंकि यह सीधे अक्षमता का कारण बनता है।"
![](https://i.ndtvimg.com/i/2015-12/blood-pressure_625x350_71449219623.jpg)
इन बीमारियों के प्रति जागरूक रहकर और फर्स्ट ऐड जैसी बातों को ध्यान रखकर आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही, इन्हें कई तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानें...
नियमित व्यायाम : एक खोज में यह बात सामने आई है कि शारीरिक गतिविधि न करने और बदलते जीवनशैली के तरीकों की वजह से 74 प्रतिशत शहरी लोगों को दिल के गंभीर रोग होने का खतरा है। इनसे बचने के लिए व्यायाम करना जरूरी है, क्योंकि यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और मोटापे पर भी विराम लगाता है। यही नहीं, बिजी लाइफस्टाइल में आने वाले तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
धूम्रपान छोड़ें : तंबाकू की वजह से देश में अब तक 10 लाख लोगों की जान जा चुकी है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के रक्त में 400 जहरीले पदार्थ बनने लगते हैं, जो रक्त धमनियों को क्षति पहुंचाते हैं और वसा युक्त पदार्थ पैदा कर उनको तंग कर देते हैं, जो स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकता है। तंबाकू की इच्छा को दबाने के लिए आप चिउंगम चबा सकते हैं, सेलरी स्ट्क्सि ले सकते हैं या फिर पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिल के लिए लें पौष्टिक आहार : हेल्दी और पौष्टिक आहार स्वस्थ जीवन की कुंजी है। अत्याधिक ट्रांस फैटी एसिड, डायट्री कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटड फैट से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाईपरटेंशन और डायबिटीज जैसी समस्याओं का जन्म होता है और यह सभी दिल के रोगों का कारण बन जाते हैं। हरी और पत्तेदार सब्जियां, ताजा फल, संपूर्ण अनाज, बीन्स, डाइट्री फाइबर, सूखे मेवे और मछली अच्छी सेहत के लिए जरूर खाने चाहिए।
![](https://i.ndtvimg.com/i/2015-12/heart-healthy-heart_625x350_71449219585.jpg)
तनाव करें कम : बदलते लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ने वाला स्ट्रेस भी ऐसी बीमारियों के बढ़ने का कारण बन रहा है। कई बार तनाव अवसाद का रूप लेने लग जाते हैं। लोग आमतौर पर धूम्रपान, शराब और अस्वस्थ चीजों के सेवन से तनाव से बचने की कोशिश करते हैं और यह सब जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का कारण बन जाता है। मेडिटेशन, प्राणायाम और योग तनाव कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
नियमित स्वास्थ्य जांच: अस्वस्थ जीवनशैली के चलते नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी है। ख़ासकर, जब पहले से ही परिवार में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का इतिहास रहा हो। गंभीर रोगों की जल्दी पहचान और इलाज करने से जान बचाई जा सकती है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ के. के. अग्रवाल ने बताया, "दिल के रोगों, कैंसर, मोटापा, डायबिटीज, स्ट्रोक और अर्थराइटिस जैसी लंबी बीमारियां देश में अक्षमता का कारण बन रही हैं। लोगों की अस्वास्थ्यकर और पूरा दिन बैठे रहने वाली जीवनशैली की वजह से विकलांगता की समस्या और बढ़ती जा रही है, इसलिए यह जरूरी है कि इसे रोका जाए।"
उन्होंने कहा कि, "लोग हेल्दी और पौष्टिक आहार लेने, उचित व्यायाम करने, पूरी नींद और धूप लेने, शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने और स्ट्रेस फ्री रहने के लिए स्वस्थ तरीके अपनाएं। स्ट्रोक की स्थिति में मेडिकल हेल्प के बारे में पूर्ण रूप से जागरुक होना भी जरूरी है, क्योंकि यह सीधे अक्षमता का कारण बनता है।"
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इन बीमारियों के प्रति जागरूक रहकर और फर्स्ट ऐड जैसी बातों को ध्यान रखकर आने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। साथ ही, इन्हें कई तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानें...
नियमित व्यायाम : एक खोज में यह बात सामने आई है कि शारीरिक गतिविधि न करने और बदलते जीवनशैली के तरीकों की वजह से 74 प्रतिशत शहरी लोगों को दिल के गंभीर रोग होने का खतरा है। इनसे बचने के लिए व्यायाम करना जरूरी है, क्योंकि यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और मोटापे पर भी विराम लगाता है। यही नहीं, बिजी लाइफस्टाइल में आने वाले तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
धूम्रपान छोड़ें : तंबाकू की वजह से देश में अब तक 10 लाख लोगों की जान जा चुकी है। धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के रक्त में 400 जहरीले पदार्थ बनने लगते हैं, जो रक्त धमनियों को क्षति पहुंचाते हैं और वसा युक्त पदार्थ पैदा कर उनको तंग कर देते हैं, जो स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकता है। तंबाकू की इच्छा को दबाने के लिए आप चिउंगम चबा सकते हैं, सेलरी स्ट्क्सि ले सकते हैं या फिर पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिल के लिए लें पौष्टिक आहार : हेल्दी और पौष्टिक आहार स्वस्थ जीवन की कुंजी है। अत्याधिक ट्रांस फैटी एसिड, डायट्री कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटड फैट से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाईपरटेंशन और डायबिटीज जैसी समस्याओं का जन्म होता है और यह सभी दिल के रोगों का कारण बन जाते हैं। हरी और पत्तेदार सब्जियां, ताजा फल, संपूर्ण अनाज, बीन्स, डाइट्री फाइबर, सूखे मेवे और मछली अच्छी सेहत के लिए जरूर खाने चाहिए।
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तनाव करें कम : बदलते लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ने वाला स्ट्रेस भी ऐसी बीमारियों के बढ़ने का कारण बन रहा है। कई बार तनाव अवसाद का रूप लेने लग जाते हैं। लोग आमतौर पर धूम्रपान, शराब और अस्वस्थ चीजों के सेवन से तनाव से बचने की कोशिश करते हैं और यह सब जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का कारण बन जाता है। मेडिटेशन, प्राणायाम और योग तनाव कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
नियमित स्वास्थ्य जांच: अस्वस्थ जीवनशैली के चलते नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच बेहद जरूरी है। ख़ासकर, जब पहले से ही परिवार में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का इतिहास रहा हो। गंभीर रोगों की जल्दी पहचान और इलाज करने से जान बचाई जा सकती है।
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