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कैंसर रोधी गुणों से भरपूर ‘सफेद हल्दी’, इन बीमारियों के लिए है ‘अमृत’

दुर्लभ औषधीय पौधा कचूर का आयुर्वेद में खासा स्थान है. कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लेकर यह पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं को भी मात देने में सफल रहा है.

कैंसर रोधी गुणों से भरपूर ‘सफेद हल्दी’, इन बीमारियों के लिए है ‘अमृत’
सफेद हल्दी सेहत के लिए लाभदायी होती है.

दुर्लभ औषधीय पौधा कचूर का आयुर्वेद में खासा स्थान है. कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लेकर यह पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं को भी मात देने में सफल रहा है. बड़ी-बड़ी पत्तियां और खूबसूरत गुलाबी फूल जहां एक ओर आपका ध्यान आकर्षित करेंगे तो वहीं, इसके अनगिनत लाभ भी हैं. 2023 में इंटरनेशनल जनरल ऑफ आयुर्वेदा एंड फार्मा रिसर्च में प्रकाशित समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, कचूर में फाइटोकंस्टिट्यूएंट्स की जटिल श्रृंखला होती है. अध्ययन में इसकी एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि, एंटी-ऑक्सीडेंट गतिविधि, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटीपायरेटिक गुणों का पता चला. इसका व्यापक रूप से विभिन्न रोगों जैसे कि कृमि (वार्म) संक्रमण, ल्यूकोरिया, गोनोरिया, पेट फूलना, अपच, जलोदर आदि के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है.

कचूर एक बहुउपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है, जो कैंसर, पाचन, त्वचा, श्वसन और हड्डियों की समस्याओं के लिए फायदेमंद है. बताया जाता है कि यह कैंसर रोधी गुणों से भरपूर औषधि है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. कचूर अदरक परिवार का एक हिस्सा है और इसका वैज्ञानिक नाम करकुमा जेडोरिया है. इसे सफेद हल्दी भी कहा जाता है. कचूर कैंसर से बचाव और ट्यूमर को रोकने में सहायक है. इसके अलावा, इसमें एंटी-ट्यूमर और एंटी-कैंसर गुण भी होते हैं, जो शरीर में कैंसर सेल्स के बढ़ने को रोकते हैं. साथ ही, इसमें मौजूद कर्क्यूमिन तत्व कैंसर के खतरे को कम करता है.

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बताया जाता है कि कीमोथेरेपी के दौरान कचूर का सेवन शरीर को ताकत देता है. साथ ही, यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और भूख को बढ़ाने में सहायक भी है. इसके अलावा, अपच, गैस और एसिडिटी को भी कम करने में लाभदायक है. यही नहीं, कचूर लीवर और पित्ताशय की समस्याओं में मदद करने का काम करता है. इसका सेवन करने से पेट में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और अस्थमा तथा सांस की बीमारियों में लाभकारी माना जाता है.

साथ ही, कचूर का पाउडर या रस अस्थमा, सर्दी-जुकाम और खांसी में भी लाभदायक होता है. इसके अलावा, यह जोड़ों के दर्द और सूजन में भी राहत पहुंचाता है. कचूर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने में कारगर होते हैं. कचूर का पेस्ट पिंपल्स, दाग-धब्बे और एक्जिमा जैसी समस्याओं को दूर करता है. साथ ही, त्वचा को निखारने और संक्रमण से बचाने में मदद करता है.

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

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