
Health Benefits of Bhang : आजकल भांग (Cannabis) का नाम अक्सर चर्चा में रहता है, खासकर हेल्थ बेनेफिट्स और इसके इस्तेमालों के संदर्भ में. हालांकि भांग का इस्तेमाल अलग-अलग संस्कृतियों में धार्मिक अनुष्ठानों, मेडिकल ट्रीटमेंट और साइकोलॉजिकल कम्फर्ट के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है, फिर भी इससे होने वाले नुकसान और हेल्थ बेनेफिट्स को लेकर बहस जारी है. भांग के इस्तेमाल से होने वाले पॉजिटिव और निगेटिव इफैक्ट्स का बैलेंस बनाना जरूरी है. अगर भांग का सेवन मेडिकल पर्पस के लिए किया जा रहा है, तो यह जरूरी है कि इसे एक क्वालिफाइड हेल्थ स्पेशलिस्ट के गाइडेंस में लिया जाए, ताकि इसके फायदों का पूरा इस्तेमाल किया जा सके और संभावित रिस्क से बचा जा सके.
भांग के हेल्थ बेनेफिट्स (Health Benefits of Bhang)
भांग क्या है?
भांग, जिसे अंग्रेजी में 'Cannabis' भी कहा जाता है, एक प्रकार का पौधा है, जो मुख्य रूप से अपने साइकोएक्टिव (मेंटल इफेक्ट डालने वाले) गुणों के लिए फेमस है. इस पौधे का मैन एक्टिव इन्ग्रीडिएंड टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) है, जो ब्रेन पर असर डालता है और साइक्लोजिकल इफेक्ट उत्पन्न करता है. इसके अलावा, इस पौधे में कैनाबिडियोल (CBD) भी होता है, जिसे ज्यादातर हेल्थ बेनेफिट्स से जोड़ा जाता है. भांग का सेवन पुराने समय से किया जा रहा है और भारत में यह ट्रेडिशनल रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और औषधीय प्रयोजनों के लिए भी इस्तेमाल की जाती रही है.
भांग के रूप
भांग के कई रूप होते हैं, जैसे कि सूखा पत्ते और कलियों से तैयार किया गया मिश्रण, जिसे खाने-पीने में मिलाया जाता है या धूम्रपान के रूप में लिया जाता है. भारत में इसे खासकर 'भांग लस्सी' (दही और भांग का मिश्रण) के रूप में फेमस किया गया है, जो खासकर होली जैसे त्योहारों पर सेवन किया जाता है.
भांग के हेल्थ बेनेफिट्स
भांग का सबसे मेन और स्टडी किया गया हेल्थ बेनेफिट इसके पेन किलर प्रोपर्टीज़ के रूप में सामने आता है. कई स्टडीज़ में यह पाया गया है कि भांग में मौजूद कैनाबिनोइड्स (जैसे THC और CBD) पुराने दर्द और नर्व सिस्टम के दर्द को कम करने में इफेक्टिव होते हैं.
1. दर्द निवारक: भांग का इस्तेमाल पुराने दर्द, जैसे कि गठिया, फाइब्रोमायल्जिया और न्यूरोपैथिक दर्द (नर्व सिस्टम से संबंधित) को कम करने के लिए किया जाता है. रिसर्च से यह साबित हुआ है कि भांग का इस्तेमाल पुराने दर्द को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है और यह ट्रेडिशनल पेन किलर मेडिसिन के समान इफेक्टिव हो सकता है.
2. मांसपेशियों में ऐंठन और दौरे में कमी: भांग का इस्तेमाल मांसपेशियों में ऐंठन, विशेष रूप से मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS) जैसी बीमारियों में होने वाली ऐंठन को कम करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, भांग का सीबीडी युक्त रूप मिर्गी के दौरे को कंट्रोल करने में भी सहायक साबित हो सकता है.
3. मतली और उल्टी को रोकना: भांग के कैनाबिनोइड्स विशेष रूप से कीमोथेरेपी से गुजर रहे रोगियों में मतली और उल्टी को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह स्वास्थ्य लाभ बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि कीमोथेरेपी के दौरान रोगियों को अक्सर ये समस्याएं होती हैं.
4. नींद में सुधार: कुछ स्टडीज़ से यह भी पता चला है कि भांग का सेवन नींद की क्वालिटी में सुधार कर सकता है. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो पुराने दर्द या स्ट्रेस से परेशान होते हैं और जिनकी नींद इफैक्ट होती है.
5. सूजन में कमी: भांग में मौजूद एक्टिव कम्पाउंड सूजन को कम करने में भी इफैक्टिव होते हैं. इसके कारण, यह आर्थराइटिस और अन्य सूजन से संबंधित बीमारियों में राहत प्रदान कर सकता है.
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भांग के से जुड़े रिस्क
जहां भांग के हेल्थ बेनेफिट्स कई लोगों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, वहीं इसके कुछ रिस्क भी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. भांग का बहुत ज्यादा या लंबे समय तक इस्तेमाल कई मेंटल और फिजकल समस्याओं का कारण बन सकता है.
1. मेंटल इफेक्ट: भांग का मुख्य इफेक्ट ब्रेन पर होता है, जो मेंटल स्टेट को बदल सकता है. इसका ज्यादा सेवन घबराहट, डर, डिप्रेशन और दूसरे मेंटल डिसऑर्डर को बढ़ा सकता है. इसके अलावा, हाई डोज में इसका सेवन शॉर्ट टर्म मैमोरी लॉस, को-ऑर्डिनेशन और डिसिजन मेकिंग को इफेक्ट कर सकता है.
2. टीनएजर्स और बच्चों पर इफैक्ट: बच्चों और टीनएजर्स में भांग का इस्तेमाल ब्रेन के विकास को इफेक्ट कर सकता है. इससे जीवन की संतुष्टि में कमी, स्कूल छोड़ने की दर में बढ़ोत्तरी और सामाजिक और मेंटल समस्याएं हो सकती हैं.
3. गर्भावस्था और स्तनपान: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भांग का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह भ्रूण और शिशु के विकास पर नकारात्मक इफैक्ट डाल सकता है.
4. सिजोफ्रेनिया और अन्य मेंटल डिसऑर्डर का रिस्क: भांग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल मेंटल डिस्ऑर्डर, जैसे सिजोफ्रेनिया और डिप्रेशन के विकास के रिस्क को बढ़ा सकता है, खासकर उन लोगों में जो इन डिस्ऑर्डर के लिए सेंसिटिव होते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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