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This Article is From Oct 12, 2021

Kanya Pujan 2021: अष्टमी और महानवमी पर किया जाता है कन्या पूजन, जानें विधि, शुभ मुहूर्त और खास व्यंजन

Navratri 2021 Kanya Pujan: मां दुर्गा के नौ दिनों चलने वाले पर्व को कन्या पूजन के साथ समाप्त किया जाता है. कन्या पूजन का नवरात्रि में बहुत ही महत्व माना गया है. कुछ लोग नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी तिथि और कुछ नवमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं.

Kanya Pujan 2021: अष्टमी और महानवमी पर किया जाता है कन्या पूजन, जानें विधि, शुभ मुहूर्त और खास व्यंजन
Kanya Pujan 2021: नौ दिनों त​क चलने वाले इस पर्व की समाप्ति कन्या पूजन के साथ होती है.

Navratri 2021 Kanya Pujan:  मां दुर्गा के नौ दिनों चलने वाले पर्व को कन्या पूजन के साथ समाप्त किया जाता है. कन्या पूजन का नवरात्रि में बहुत ही महत्व माना गया है. कुछ लोग नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी तिथि और कुछ नवमी तिथि में कन्या पूजन करते हैं. इस बार नवरात्रि 8 दिन के हैं. इसलिए हम आपको बता दें कि बुधवार को अष्टमी और गुरूवार को नवमी में कन्या पूजन किया जाएगा. अष्टमी और नवमी में कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है. नवरात्रि के पर्व में अष्टमी और नवमी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है. अष्टमी में मां महागौरी का पूजन किया जाता है. इस अष्टमी को महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. नवमी की तिथि मे मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इसी दिन कन्या पूजन किया जाता है. 

कन्या पूजन विधि और खास व्यंजनः

कन्या पूजन का नवरात्रि में बहुत ही महत्व माना गया है. शारदीय नवरात्रि में इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़े हैं. नौ दिनों त​क चलने वाले इस पर्व की समाप्ति कन्या पूजन के साथ होती है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का विशेष महत्व होता है. इन दोनों दिन लोग अपने घरों में कन्या पूजन करते है. इसके लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता महागौरी और सिद्धीदात्री की अराधना करें. कन्या पूजन के लिए अपने घर में 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन करने के लिए बुलाएं. कन्या पूजन में आमतौर पर काले चने, हलवा, पूरी खीर बनाई जाती है. माना जाता है कि ये कन्याएं माता का ही रूप होती हैं. इसलिए उन्हें तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाता है. कन्याओं को घर बुला कर उनके पैर धोकर, साफ आसान में बैठा कर, माथे पर तिलक लगा कर भोजन परोसा जाता है. साथ ही इस दिन एक बालक को भी आमंत्रित किया जाता है. जिसे बटुक भैरव या लांगूर का स्वरुप माना जाता है. कन्याओं को नारियल, फल और दक्षिणा और कहीं, कहीं चूड़िया और बिंदी भी दी जाती है. कन्याओं को भोजन कराने के बाद कन्याओं के पैर छूकर कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें सम्मान पूर्वक विदा किया जाता है. 

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कन्या पूजन में आमतौर पर काले चने, हलवा, पूरी खीर बनाई जाती है. 

अष्टमी नवमी कन्या पूजन (Ashtami Kanya Puja Shubh Muhurta)

दुर्गा अष्टमी तिथि व शुभ मुहूर्तः

नवरात्रि अष्टमी तिथि आरंभ- 12 अक्टूबर 2021 को रात 09 बजकर 47 मिनट से
नवरात्रि अष्टमी तिथि समाप्त- 13 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 07 मिनट पर 

नवमी तिथि व शुभ मुहूर्तः

नवमी तिथि आरंभ-13 अक्टूबर 2021 दिन बुधवार रात्रि 08 बजकर 07 मिनट से 
नवमी तिथि समाप्ति-14 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार शाम 06 बजकर 52 मिनट पर 

डिप्रेशन, एग्‍जाइटी, मानसिक हालातों पर Dr Samir Parikh के साथ बातचीत

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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