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This Article is From Oct 24, 2020

Navratri 2020 8th Day: कब है दुर्गा महा अष्टमी और दुर्गा महा नवमी? जानें भोग, पूजा विधि, मंत्र और रेसिपी

Navratri 2020 8th Day: मान्यता है नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. माता गौरी अपने भक्तों को बल, बुद्धि देने के साथ-साथ नकारात्मकता दूर करती है.

Navratri 2020 8th Day: कब है दुर्गा महा अष्टमी और दुर्गा महा नवमी? जानें भोग, पूजा विधि, मंत्र और रेसिपी
माता महागौरी वृषभ की सवारी करती हैं.

Navratri 2020 8th Day: अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. 24 अक्टूबर 2020 पंचांग के अनुसार अष्टमी की तिथि प्रात: 6 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी इसके बाद नवमी की तिथि आरंभ होगी. इसीलिए इस दिन दुर्गा महा अष्टमी और दुर्गा महा नवमी की पूजा की जाएगी. माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में माता महागौरी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है. माता गौरी अपने भक्तों को बल, बुद्धि देने के साथ-साथ नकारात्मकता दूर करती है. पौराणिक कथा के अनुसार मां महागौरी ने भगवान शिव को पति के रुप में पाने के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी. तब तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां महागौरी को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था. माता महागौरी वृषभ की सवारी करती हैं. उनका स्वरूप अत्यंत सौम्य हैं. ये मां दुर्गा की आठवी शक्ति हैं. माता की चार भुजाएं हैं. जो भक्त माता महागौरी की पूजा करते हैं मां उनपर सदा अपनी कृपा बरसाती है.

माता महागौरी भोगः

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नलरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां दुर्गा अपने हर स्वरूप में भक्तों को शत्रुओं के भय से बचाती है, नवरात्रि महाष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विधान है. नवरात्रि का नौ दिनों का पावन पर्व कन्या पूजन के साथ समाप्त होगा. कुछ लोग अष्टमी को तो कुछ लोग नवमी को अपनी परंपराओं के अनुसार कन्या पूजन करेंगे. माता महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी मानी जाती है. भक्त अलग-अलग तरीकों से माता महागौरी की इस दिन आराधना करते है. माता महागौरी को नारियल का या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.

माता महागौरी की पूजा विधिः

माता महागौरी की नवरात्रि के आठवें दिन पूजी की जाती है. सुबह स्नान आदि करके माता की पूजा करें पूजा में गंगा जल, शुद्ध जल, कच्चा दूध, दही, पंचामृत, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण,पान के पत्ते, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, धूप, कपूर, लौंग, अगरबत्ती से माता की पूजा की जाती है. माता को रात की रानी के फूल अति प्रिय है, माता माहागौरी को नारियल का भोग या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है,

माता महागौरी मंत्रः

या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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