किशोर कुमार की आज 88वीं जयंती है.
नई दिल्ली:
बॉलीवुड में कई ऐसे गायक हैं जिन्होंने गायकी से हटकर एक्टिंग या ऐसे ही किसी दूसरे किरदार में खुद को आजमाने की कोशिश की लेकिन अपने हर किरदार में सफलता किसी के हाथ नहीं लग सकी. लेकिन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सुरों के असली जादूगर कहलाने वाले गायक, एक्टर, प्रोड्यूसर, म्यूजिक कंपोजर... जैसे कई किरदारों में हर किसी को अपना मुरीद करने वाला एक ही सितारा था, किशोर कुमार. किशोर कुमार के गानों की जीवंतता हो, उनमें भरी मस्ती और या फिर जिंदगी के फलसफे, आवाज के इस जादूगर के जादू से कोई नहीं बच सका था. 'एक लड़की भीगी भागी सी', 'मेरे महबूब कयामत होगी', 'मेरे सामने वाली खिड़की में', 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू', 'जिंदगी का सफर'... जैसे लोकप्रिय गीतों के लिए मशहूर पार्श्र्वगायक किशोर कुमार हिंदी फिल्म-जगत की एक ऐसी धरोहर हैं, जिसे बनाने-संवारने में कुदरत को भी सदियों लग जाते हैं.
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आज कुदरत की इसी जादूगरी के एक नायाब नमूने किशोर दा का जन्मदिन है. मध्यप्रदेश के खंडवा के निवासी और बंगाली परिवार में जन्म लेने वाले किशोर कुमार की अदायगी से लेकर उनकी गायकी तक का हर कोई कायल रहा था. खंडवा में 4 अगस्त, 1929 को जन्मे किशोर कुमार के बचपन का नाम आभास गांगुली था. उनके पिता कुंजीलाल गांगुली मशहूर वकील थे और बड़े भाई अशोक कुमार बॉलीवुड में एक स्थापित कलाकार थे. लेकिन अशोक कुमार किशोर कुमार को गायक नहीं अभिनेता बनाना चाहते थे. किशोर कुमार ने अभिनेता के तौर पर भी अपनी छाप छोड़ी लेकिन गायक के रूप में वह अधिक सफल हुए.
जब मधुबाला के लिए किशोर हुए 'करीम'
किशोर कुमार ने चार शादियां की. उनकी पहली शादी रुमा देवी से हुई थी, लेकिन आपसी अनबन के कारण जल्द ही उनका तलाक हो गया. मधुबाला जब फिल्मों में आई तो उनकी खूबसूरती का हर कोई कायल था, लेकिन इस बला की खूबसूरत बाला पर दीवानापन चढ़ा था किशोर कुमार का. फिल्म 'महलों के ख्वाब' से दोनों एक-दूसरे के करीब हुए थे. अपनी पत्नी से अलग हो किशोर कुमार ने मधुबाला के साथ शादी रचाई. मधुबाला संग शादी करने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर इस्लामिक नाम 'करीम अब्दुल' रखा. लेकिन यह प्यार सिर्फ नौ साल ही चल पाया और मधुबाला ने दुनिया के साथ उन्हें भी अलविदा कह दिया.
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किशोर ने 1976 में अभिनेत्री योगिता बाली के साथ शादी की. लेकिन यह शादी भी ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी. योगिता ने 1978 में उनसे तलाक लेकर मिथुन चकवर्ती के साथ सात फेरे लिए. वर्ष 1980 में उन्होंने चौथी और आखिरी शादी लीना चंद्रावरकर से की. उनके दो बेटे हैं.
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पुरस्कारों का कारवां
साल 1980 में फिल्म 'हजार राहे जो मुड़ के देखी' के गीत 'थोड़ी सी बेवफाई' सहित वर्ष 1982 की फिल्म 'नमक हलाला' के गाने 'पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी' के लिए भी फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 1983 में फिल्म 'अगर तुम ना होते' के गीत 'अगर तुम ना होते' के लिए, वर्ष 1984 में फिल्म शराबी के सुपरहिट गीत 'मंजिले अपनी जगह है' सहित वर्ष 1985 की फिल्म 'सागर' के 'सागर किनारे दिल ये पुकारे' के लिए किशोर को फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. किशोर कुमार ने वर्ष 1987 में फैसला किया कि वह फिल्मों से सन्यास लेने के बाद, अपने गांव खंडवा लौट जाएंगे. वह कहा करते थे, 'दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में बस जाएंगे'. लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका.
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18 अक्टूबर, 1987 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. उन्हें उनकी मातृभूमि खंडवा में ही दफनाया गया, जहां उनका मन बसता था. वह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी खूबसूरत आवाज मधुर गीतों के रूप में आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क में झंकृत हो रही है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
(1962) Kishore Kumar and Sadhana in the film 'Manmauji', with the popular song 'Zaroorat Hai Zaroorat Hai'. pic.twitter.com/YwBPlPOJsT
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) June 14, 2017
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आज कुदरत की इसी जादूगरी के एक नायाब नमूने किशोर दा का जन्मदिन है. मध्यप्रदेश के खंडवा के निवासी और बंगाली परिवार में जन्म लेने वाले किशोर कुमार की अदायगी से लेकर उनकी गायकी तक का हर कोई कायल रहा था. खंडवा में 4 अगस्त, 1929 को जन्मे किशोर कुमार के बचपन का नाम आभास गांगुली था. उनके पिता कुंजीलाल गांगुली मशहूर वकील थे और बड़े भाई अशोक कुमार बॉलीवुड में एक स्थापित कलाकार थे. लेकिन अशोक कुमार किशोर कुमार को गायक नहीं अभिनेता बनाना चाहते थे. किशोर कुमार ने अभिनेता के तौर पर भी अपनी छाप छोड़ी लेकिन गायक के रूप में वह अधिक सफल हुए.
Found this pic few days ago, felt should share. This pic is of the year 1964 when door gagan ki chaon mein got released. pic.twitter.com/P925GyYK7O
— Amit Kumar Ganguly (@GangulyAmitK) May 30, 2017
जब मधुबाला के लिए किशोर हुए 'करीम'
किशोर कुमार ने चार शादियां की. उनकी पहली शादी रुमा देवी से हुई थी, लेकिन आपसी अनबन के कारण जल्द ही उनका तलाक हो गया. मधुबाला जब फिल्मों में आई तो उनकी खूबसूरती का हर कोई कायल था, लेकिन इस बला की खूबसूरत बाला पर दीवानापन चढ़ा था किशोर कुमार का. फिल्म 'महलों के ख्वाब' से दोनों एक-दूसरे के करीब हुए थे. अपनी पत्नी से अलग हो किशोर कुमार ने मधुबाला के साथ शादी रचाई. मधुबाला संग शादी करने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर इस्लामिक नाम 'करीम अब्दुल' रखा. लेकिन यह प्यार सिर्फ नौ साल ही चल पाया और मधुबाला ने दुनिया के साथ उन्हें भी अलविदा कह दिया.
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(1980s) Kishore Kumar, Asha Bhosle and RD Burman during a song rehearsal. pic.twitter.com/WemYM6ouN3
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) June 24, 2017
किशोर ने 1976 में अभिनेत्री योगिता बाली के साथ शादी की. लेकिन यह शादी भी ज्यादा दिन तक नहीं चल सकी. योगिता ने 1978 में उनसे तलाक लेकर मिथुन चकवर्ती के साथ सात फेरे लिए. वर्ष 1980 में उन्होंने चौथी और आखिरी शादी लीना चंद्रावरकर से की. उनके दो बेटे हैं.
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(1954) Usha Kiron and Kishore Kumar in a still from film 'Adhikar'. pic.twitter.com/1d5tooMlYk
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) July 26, 2017
पुरस्कारों का कारवां
साल 1980 में फिल्म 'हजार राहे जो मुड़ के देखी' के गीत 'थोड़ी सी बेवफाई' सहित वर्ष 1982 की फिल्म 'नमक हलाला' के गाने 'पग घुंघरू बांध मीरा नाची थी' के लिए भी फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 1983 में फिल्म 'अगर तुम ना होते' के गीत 'अगर तुम ना होते' के लिए, वर्ष 1984 में फिल्म शराबी के सुपरहिट गीत 'मंजिले अपनी जगह है' सहित वर्ष 1985 की फिल्म 'सागर' के 'सागर किनारे दिल ये पुकारे' के लिए किशोर को फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. किशोर कुमार ने वर्ष 1987 में फैसला किया कि वह फिल्मों से सन्यास लेने के बाद, अपने गांव खंडवा लौट जाएंगे. वह कहा करते थे, 'दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में बस जाएंगे'. लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका.
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18 अक्टूबर, 1987 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. उन्हें उनकी मातृभूमि खंडवा में ही दफनाया गया, जहां उनका मन बसता था. वह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी खूबसूरत आवाज मधुर गीतों के रूप में आज भी लोगों के मन-मस्तिष्क में झंकृत हो रही है.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
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