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मेरे मुताबिक यह फिल्म पूरी तरह विद्युत और जयदीप की ही है... अगर आप कुछ अच्छे स्टंट सीन देखना चाहते हैं, तो 'कमांडो' देख सकते हैं...
दूसरी ओर, पंजाब के गांव में एक गुंडे का आतंक फैला हुआ है, जिसका नाम है - एके-47 (AK−74), और यह किरदार निभाया है जयदीप अहलावत ने... एके-47 स्थानीय नेता की बेटी सिमरित, यानि पूजा चोपड़ा से जबरदस्ती शादी करना चाहता है...
इस बीच, एक साल तक कैदी बना रहा 'कमांडो' विद्युत जमवाल चीन की कैद से भाग निकलने में कामयाब हो जाता है, और टकराता है एके-47 के डर से भागी हुई पूजा चोपड़ा से... और फिर शुरू होता है घमासान, 'कमांडो' करणवीर सिंह डोगरा और एके-47 के बीच...
इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म को विद्युत के मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग को ध्यान में रखकर सोचा और लिखा गया है, क्योंकि उसके स्टंट काबिल−ए तारीफ हैं, लेकिन फिल्म की कहानी पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया गया... फिल्म की कहानी पुरानी और कमज़ोर लगती है...
विद्युत जमवाल के कुछ डायलॉग अच्छे हैं, और एके-47 के किरदार में जयदीप अहलावत ने भी बेहतरीन काम किया है... गाने जबरदस्ती डाले गए मालूम पड़ते हैं... फिल्म में कहीं-कहीं बजट की कमी भी नज़र आती है... कुछ किरदार भी नकली लगते हैं, लेकिन फिल्म को बचाते हैं विद्युत के स्टंट सीन...
मेरे मुताबिक यह फिल्म पूरी तरह विद्युत और जयदीप की ही है... अगर आप कुछ अच्छे स्टंट सीन देखना चाहते हैं, तो 'कमांडो' देख सकते हैं... मेरी तरफ से इस फिल्म की रेटिंग है - 2.5 स्टार...
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