दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई शुक्रवार को 399 रहा.
दिल्ली सरकार आज फैसला करेगी कि राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल चौपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए या नहीं. परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह बयान शुक्रवार को ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रेप) पर उप-समिति द्वारा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-Ncr) में अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से प्रदूषण विरोधी योजना के चरण तीन के तहत प्रतिबंधों को लागू करने के निर्देश के बाद आया है.
- उप-समिति ने एक समीक्षा बैठक में कहा कि शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय स्थितियों के कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi-NCR) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के ‘गंभीर' श्रेणी में जाने की संभावना है.
- दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई शुक्रवार को 399 रहा. उल्लेखनीय है कि 201 और 300 के बीच एक्यूआई को ‘खराब', 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर' माना जाता है.
- ग्रेप के मुताबिक, यदि एक्यूआई के गंभीर श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है, तो तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कम से कम तीन दिन पहले शुरू की जानी चाहिए.
- तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गैर-आवश्यक निर्माण और विध्वंस, स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों को बंद करना शामिल है.
- लोगों को घर से काम करने और कारपूल का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.
- परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हम इस बात की समीक्षा करेंगे कि शनिवार को दिल्ली में बीएस-तीन पेट्रोल और बीए-चार डीजल चारपहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है या नहीं.”
- इससे पहले, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने बुधवार को कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में कोयले सहित गैर-अनुमोदित ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योग 1 जनवरी से बंद हो जाएंगे और अगर फिर भी चले तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा.
- हालांकि, थर्मल पावर प्लांट्स में लो सल्फर वाले कोयले के उपयोग की अनुमति है.
- अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक प्रदूषण के स्तर के पीछे एक प्रमुख कारण पराली जलाना रहा है, लेकिन इस साल इसमें पंजाब में 30 प्रतिशत और हरियाणा में 48 प्रतिशत की कमी आई है.
- एक सरकारी रिपोर्ट से पता चला है कि यमुना में प्रदूषण का स्तर पिछले पांच वर्षों में काफी बढ़ गया है. दिल्ली सरकार ने 2025 तक नदी को नहाने के स्तर तक साफ करने का वादा किया था.