पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को बनाने में 11 हज़ार करोड़ रुपये की लागत आई है.
नई दिल्ली:
आज पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के बागपत में ईस्टर्न पेरिफ़ेरल एक्सप्रेस-वे यानी ईपीई का उद्घाटन कर दिया है. ये सड़क सोनीपत के कुंडली से शुरू होकर पलवल तक जाती है. ये देश का पहला स्मार्ट और ग्रीन एक्सप्रेस-वे है. 135 किलोमीटर लंबे ईपीई को तैयार करने में 11 हज़ार करोड़ का ख़र्च आया है. इसी परियोजना के उद्घाटन में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हाइवे अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर प्रधानमंत्री व्यस्त हैं तो इसे 1 जून से खोल दिया जाए.
पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़़ी 10 खास बातें
- पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे सोनीपत के कुंडली से पलवल तक बनाया गया है.
- इसकी लंबाई 135 किमी लंबाई है और इसको बनाने में 11 हज़ार करोड़ रुपये की लागत आई है.
- अब क़रीब 4 घंटे का सफ़र अब सवा घंटे में पूरा हो जाएगा.
- ये एक्सप्रेसवे हरियाणा और यूपी के 6 शहरों को जोड़ेगा.
- सोनीपत, बागपत, ग़ाज़ियाबाद ग्रेटर नोएडा, फ़रीदाबाद और पलवल को जोड़ेगा.
- यह सोलर पावर से लैस देश का पहला हाइवे है.
- 8 सोलर प्लांट लगाए गए हैं. जिनसे 4 हज़ार किलो वॉट बिजली का उत्पादन होगा.
- हर 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है. क़रीब 2.5 लाख पौधे लगाए गए हैं जिनकी ड्रिप से सिंचाई होगी.
- 36 स्मारकों की आकृति और 40 फाउंटेन लगाए हैं. पूरे सफ़र में 406 छोटे-बड़े पुल बनाए गए हैं.
- इससे दिल्ली का ट्रैफ़िक क़रीब 27% कम हो जाएगा. दिल्ली में रोज़ना 50 हज़ार वाहनों का बोझ कम होगा.