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एमजे अकबर (MJ Akbar) ने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. #MeToo अभियान में यौन शोषण का आरोप लगने के बाद एमजे अकबर ने यह कदम उठाया है. इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि, 'चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.' मुझे यह उचित लगा कि पद छोड़ दूं और अपने ऊपर लगे झूठे इल्ज़ामों का निजी स्तर पर ही जवाब दूं. इसलिए मैंने विदेश राज्य मंत्री के पद से अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमजे अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. बता दें कि अकबर पर 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. अकबर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि अकबर को पहले ही इस्तीफा देना चाहिए था.
- कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने यौन शोषण के आरोपों से घिरे एमजे अकबर के विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने को 'सच की ताकत की जीत' करार दिया. उन्होंने कहा कि वह उन महिलाओं को सलाम करती हैं, जिन्होंने आवाज उठाई थी.
- अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री के पद से एमजे अकबर का इस्तीफा देश में चल रहे 'मीटू' आंदोलन की बड़ी जीत है. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह इस्तीफा देर से आया है और नरेंद्र मोदी सरकार ने चेहरा बचाने की कोशिश में यह कदम उठाया है. उन्होंने कहा- 'अकबर का इस्तीफा पहले हो जाना चाहिए था. यह देर से आया इस्तीफा है.
- उधर, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने कहा, 'अकबर का इस्तीफा ही पर्याप्त नहीं है और उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया को शुरू किया जाना चाहिए.'
- समाजवादी पार्टी (सपा) ने अकबर के इस्तीफे को देर से उठाया गया कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरोप लगने के तुरंत बाद उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर देना चाहिये था. सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, 'लोकतंत्र में लोकलाज का महत्वपूर्ण स्थान है. लोकलाज के बिना 'लोकराज' नहीं चलता है. देर से दिया गया अकबर का इस्तीफा यह साबित करता है कि भाजपा सरकार ने लोकलाज भी त्याग दी है.'
- केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि जब तक कोर्ट में केस चलता रहेगा वह दोषी हैं या नहीं हैं इसके संबंध में निर्णय होता ही नहीं है. उनका इस्तीफा एक अच्छा निर्णय है. विपक्ष की तरफ से बहुत तेजी से मांग हो रही थी. अकबर पर जो भी आरोप लगे हैं उसकी पूरी जांच होनी चाहिए.
- भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने 'मी टू' अभियान को लेकर यहां मीडिया के सवाल पर कहा, 'मेरी पार्टी के अनेक नेताओं ने इस मामले में पहले ही बयान दे दिया है. भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, 'अकबर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. तमाम आरोपों की जांच होगी.
- कांग्रेस की एक और नेता रागिनी नायक ने कहा, 'एमजे अकबर का देर से आया इस्तीफा उन महिलाओं की ओर से लगातार बनाए गए दबाव का परिणाम है, जिन्होंने अपनी भयावह और असहज करने वाली कहानियां साझा की थीं. यह मी टू अभियान पर कांग्रेस पार्टी के रुख की भी अभिपुष्टि है.' उन्होंने कहा, 'आखिरकार कई महिलाओं के साथ गलत व्यवहार के आरोपी अकबर ने इस्तीफा दे दिया है तो ऐसे में क्या प्रधानमंत्री बोलने की हिम्मत करेंगे?'
- प्रिया रमानी का समर्थन करने वाली मीनल बघेल ने अकबर के पद त्याग को लंबे समय से बकाया बताया, जबकि लेखिका किरण मनराल ने कहा कि न्याय के लिए उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है. मुंबई मिरर की संपादक बघेल ने एक कहा, 'यह अच्छा काम है और हम इसका स्वागत करते हैं. इस्तीफा पहले ही हो जाना चाहिए था.
- अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि 20 महिलाओं के साहस और प्रतिबद्धता के कारण अकबर को देर से ही सही लेकिन पद छोड़ना पड़ा. महिला अधिकार कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने कहा कि अकबर को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने पहले इस्तीफा नहीं दिया. कार्यकर्ता मरियम धवाले ने कहा कि यह महिला आंदोलन की जीत है और अकबर के इस्तीफे की लंबे समय से प्रतीक्षा थी.
- कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि मुझे लगता है कि सभी तरफ से दबाव आ रहा था तो इनको किसी ने सदबुद्धि दी. जब 20 लड़कियां यूनाइट होकर हाथ आईं हैं तो वह कोर्ट में एक दूसरे की गवाह भी थी.