मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उनकी बहू डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. मतदान के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वोटिंग में धांधली के आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि सपा के वोट रोकने की कोशिश हो रही है.
- अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव को मैदान में उतारा है. अखिलेश यादव ने चुनाव के लिए पार्टी के गढ़ में व्यापक अभियान का नेतृत्व किया.
मैनपुरी में मतदान शुरू होने के लगभग 3 घंटे बाद अखिलेश यादव की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने ट्वीट किया कि वह मतदान अनियमितताओं को लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंचने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उनकी कॉल का जवाब नहीं दिया गया.
प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ''जब से मतदान शुरू हुआ है, प्रशासन किसके इशारे पर काम कर रहा है, मुझे नहीं पता. उन्हें क्या जानकारी दी गई है? सुबह से लगातार शिकायतें आ रही हैं. लोगों को वोट नहीं डालने दे रहे हैं."
उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों-रामपुर सदर और खतौली, बिहार के कुढ़नी, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर, राजस्थान के सरदारशहर और ओडिशा के पदमपुर पर भी उपचुनाव हो रहे हैं.
मैनपुरी में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव के खिलाफ पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है.
मुलायम सिंह यादव ने इस सीट पर पांच बार चुनाव जीता. पिछले चुनाव यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत का अंतर बेहद कम था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की यहां आसान जीत नहीं होगी.
समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव और उनसे अलग रह रहे उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच एकता का सार्वजनिक प्रदर्शन करते हुए कहा कि उन्होंने अपने मतभेदों को दूर कर लिया है.
समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान और बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को दोषी ठहराए जाने के बाद रामपुर सदर और खतौली में चुनाव जरूरी हो गया था. जहां आजम खान को 2019 के एक अभद्र भाषा के मामले में तीन साल की जेल की सजा मिली, वहीं विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर के एक दंगा मामले में दोषी ठहराया गया था.
रामपुर सदर में बीजेपी ने आजम खान के करीबी असीम राजा के खिलाफ पार्टी के पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है. खतौली में विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी रालोद के मदन भैया के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में मौजूदा उम्मीदवारों के निधन से उपचुनाव जरूरी हो गया था. बिहार में तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल के मौजूदा विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया गया. यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और अलग सहयोगी बीजेपी के बीच पहली लड़ाई होगी.