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चक्रवात बिपरजॉय के गुरुवार को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों और पाकिस्तान के तटों से टकराने की आशंका है. मौसम विज्ञान विभाग ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है.
चक्रवात बिपरजॉय से जुड़ी ताजा अपडेट्स
गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजॉय' के संभावित आगमन से पहले अधिकारियों ने मंगलवार को तटीय क्षेत्रों से करीब 44,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की कई टीम तैयार हैं. इसके साथ ही, सेना के अधिकारियों ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ के साथ संयुक्त रूप से राहत कार्यों की योजना बनाई है. सेना ने रणनीतिक स्थानों पर बाढ़ राहत टुकड़ियों को तैयार रखा है.
चक्रवात के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सरकार से संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य तथा पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा.
राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, "हमने पहले ही तट के पास रहने वाले लोगों को निकालना शुरू कर दिया है, जिनके सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है. अब तक, विभिन्न जिला प्रशासन ने लगभग 44,000 लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है."
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), अहमदाबाद की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच पार करने की संभावना है.
आईएमडी की तरफ से सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश की चेतावनी जारी की गई है.
आईएमडी, अहमदाबाद की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा, ‘‘चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है. इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी.''
रेस्क्यू ऑपरेशन दो चरणों में चलाया जा रहा है. पहले चरण में समुद्र के किनारे 0 से 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को निकाला जा रहा है. दूसरे चरण में, तट के 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को निकाला जाएगा.
चक्रवात के मद्देनजर, 17 एनडीआरएफ और 12 एसडीआरएफ टीमों को देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड के प्रभावित जिलों में स्टैंडबाय पर रखा गया है.
पश्चिम रेलवे ने कहा कि उसने एहतियात के तौर पर अब तक 69 ट्रेन रद्द की हैं, 32 ट्रेन को गंतव्य से पहले रोक दिया है और 26 अन्य ट्रेन के कार्यक्रम में भी बदलाव किया गया.