
- गुजरात के बनासकांठा जिले में 18 वर्षीय चंद्रिका चौधरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई
- चंद्रिका ने अपनी मौत से कुछ घंटे पहले इंस्टाग्राम पर अपने प्रेमी को "मुझे बचाओ" का मैसेज भेजा था
- चंद्रिका का परिवार उसके प्रेम संबंध और मेडिकल पढ़ाई को 'इज्जत के खिलाफ' मानता था
गुजरात के बनासकांठा जिले से सामने आई एक दिल दहला देने वाली घटना ने ऑनर किलिंग की बहस को फिर से जिंदा कर दिया है. 18 वर्षीय चंद्रिका चौधरी, जिसने हाल ही में NEET परीक्षा पास कर MBBS में दाखिले का सपना देखा था उसकी संदेहास्पद मौत हो गई है. जानकारी के अनुसार अपनी मौत से कुछ घंटे पहले युवती ने इंस्टाग्राम पर अपने प्रेमी को संदेश भेजा था “मुझे बचाओ” लेकिन यह संदेश उसकी जान नहीं बचा सका. कुछ ही समय बाद उसकी घर में संदिग्ध हालात में मौत हो गई.
प्यार, पढ़ाई और परंपरा का टकराव
चंद्रिका का रिश्ता हरेश चौधरी नाम के युवक से था. दोनों कुछ समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में भी समय बिताया था. लेकिन परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था. बताया जाता है कि चंद्रिका के पिता और चाचा को उसकी मेडिकल पढ़ाई और प्रेम संबंध दोनों ही ‘इज्जत' के खिलाफ लगते थे. इसी खींचतान के बीच, हरेश ने गुजरात हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई घटना से मात्र दो दिन बाद होनी थी.
आखिरी मैसेज और मौत
8 अगस्त की रात चंद्रिका ने इंस्टाग्राम पर हरेश को मैसेज भेजा “मुझे बचाओ” हरेश के मुताबिक, उसने तुरंत संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उससे कोई जवाब नहीं मिला. अगले दिन सुबह चंद्रिका की मौत की खबर आई.
हत्या का शक, पिता और चाचा पर
हरेश का आरोप है कि चंद्रिका को पहले नींद की गोलियां दी गईं, फिर गला दबाकर मार दिया गया. उसे शक है कि यह सब उसके पिता और चाचा की योजना थी, ताकि अदालत में वह अपने प्रेमी के पक्ष में बयान न दे सके. FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन मुख्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.
NEET पास, MBBS का सपना अधूरा
चंद्रिका ने NEET परीक्षा पास कर ली थी और उसे MBBS में सीट मिलने की संभावना थी. न उसकी महत्वाकांक्षा और मेहनत से कहीं ज्यादा परिवार की ‘इज्जत' अहम साबित हुई.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है. हरेश और उसके परिजनों ने न्यायिक जांच और स्वतंत्र एजेंसी से मामले की तहकीकात की मांग की है. उनका कहना है कि अगर समय रहते पुलिस को सूचना दी जाती, तो चंद्रिका की जान बचाई जा सकती थी.
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