देशभर में मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय है. कई इलाकों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं. पहाड़ी इलाकों में ऊपर से आने वाले पानी के कारण निचले इलाके जलमग्न हैं तो मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर हैं, जिसकी वजह से कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के अलग-अलग राज्यों को लेकर बारिश और अलर्ट जारी किया है. वहीं बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्र के गंभीर अवदाब (डिप्रेशन) में तब्दील होने पर ओडिशा में अगले चार दिनों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.
आईएमडी के अनुसार, सुबह 8:30 बजे अवदाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर केंद्रित था, जो पुरी (ओडिशा) से लगभग 70 किमी दक्षिण-पूर्व में, गोपालपुर (ओडिशा) से 130 किमी पूर्व में, पारादीप (ओडिशा) से 130 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में और कलिंगपट्टनम (आंध्र प्रदेश) से 240 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व में स्थित था.
आईएमडी ने यह भी कहा कि अगले 48 घंटे के दौरान बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम-मध्य तथा उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तूफानी हवाएं चलने का अनुमान है.
The depression over NW and adjoining WC BOB off Odisha and adjoining N AP coasts at 1130 IST about 60 km S-SE of Puri (Odisha), 230 km E-NE of Kalingapatnam (AP). To cross Odisha coast near Puri as a depression during early morning hours of tomorrow, the 20th July, 2024. pic.twitter.com/HVNXCPO0sS
— India Meteorological Department (@Indiametdept) July 19, 2024
समुद्र के अशांत रहने की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले दो दिनों के दौरान बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है.
मुंबई में भारी बारिश से रेल और बस सेवाएं प्रभावित
मुंबई में शुक्रवार को सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण रेल और बस सेवाएं प्रभावित हो गईं, जिससे दफ्तर जाने वाले कामकाजी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण कुछ सड़कों और रेलवे ट्रैक पर जलभराव हो गया, जिससे परिवहन सेवाओं की रफ्तार धीमी पड़ गई. यात्रियों ने बताया कि उपनगरीय रेल सेवाएं कम से कम 15 से 20 मिनट के विलंब से चल रही हैं.
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और समुद्र में उठी ऊंची लहरों के कारण हार्बर लाइन पर चूना भट्टी में रेल की पटरियों पर पानी भर गया. समुद्र में उठी ऊंची लहरों और भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि रेलगाड़ियों का संचालन प्रभावित हो गया है.
बिहार के कई हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान
बिहार में भी करीब सभी जिलों में अच्छी बारिश हो रही है इससे जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं वज्रपात के कारण कई लोगों की मौत भी हो गई है. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश जारी रहने का अनुमान है.
आंध्र प्रदेश में जमकर हो रही बारिश
आंध्र प्रदेश में भी विभिन्न स्थानों पर भारी वर्षा हुई है. इसके कारण कई जिलों में नदियां उफान पर हैं. कई इलाके जलमग्न होने की वजह से हजारों लोग फंसे हैं, जिन्हें सुरक्षाकर्मी बचाने में जुटे हैं. आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि गुरुवार रात तक जंगारेड्डीगुडेम और कोय्यालागुडेम में क्रमशः 137 मिलीमीटर (मिमी) और 111 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि कोनसीमा जिले के मंडपेटा में 99 मिमी बारिश हुई. वहीं पूर्वी गोदावरी जिले के काडियम और निदादावोलु में क्रमशः 92 मिमी और 91 मिमी वर्षा दर्ज की गई. प्रदेश में 18 स्थानों पर भारी वर्षा और 85 स्थानों पर मध्यम वर्षा हुई.
तेलंगाना के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट
तेलंगाना में भी भारी बारिश से कई नदियां उफान पर हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को लेकर करीमनगर, पेड्डापल्ली, जयशंकर भूपलपल्ली, मुलुगु और तेलंगाना के अन्य जिलों में विभिन्न स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और अत्यधिक भारी बारिश होने का अनुमान लगाते हुए ‘‘रेड अलर्ट'' जारी किया है. विभाग ने शनिवार 20 जुलाई को आदिलाबाद, कोमाराम भीम आसिफाबाद और अन्य जिलों के लिए भी ‘‘रेड अलर्ट'' जारी किया है.
सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए 22 जुलाई तक बारिश का रेड अलर्ट
गुजरात में भी भारी बारिश से कई इलाकों में जलभराव के बाद हालात और बिगड़ने लगे हैं. जूनागढ़ में शुक्रवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है, जिसकी वजह से पूरे जिले में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. मौसम विभाग ने पूरे सौराष्ट्र क्षेत्र के लिए 22 जुलाई तक बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.
उत्तराखंड में बारिश का 34 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
उत्तराखंड में भी कई इलाकों में पिछले कुछ दिन से भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते जलभराव भी हो रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में जुलाई की शुरुआत में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है. पहले सप्ताह में ही राज्य में सामान्य से करीब तीन गुना ज्यादा बारिश हुई है. कुमाऊं में सबसे ज्यादा बारिश हुई और एक ही दिन में हुई सबसे ज्यादा बारिश का 34 साल का पुराना रिकॉर्ड टूट गया.
असम में बारिश कम होने का अनुमान
असम में बाढ़ की स्थिति में शुक्रवार को थोड़ा सुधार हुआ और राज्य के विभिन्न हिस्सों में जल स्तर घट रहा है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने दिन में पश्चिमी जिलों को छोड़कर राज्य के अधिकतर हिस्सों में बारिश नहीं होने का अनुमान जताया है. एएसडीएमए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें राज्य में भारी बारिश की आशंका नहीं है. विभिन्न जगहों पर जल स्तर भी घट रहा है. हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी.''
केरल में भारी से बहुत भारी बारिश- मौसम विभाग
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा है कि प्रायद्वीपीय भारत में मौसमी परिस्थितियों और हवा के रुख को देखते हुए अगले कुछ दिन केरल में भारी से बहुत भारी बारिश होगी. आईएमडी ने कहा कि उत्तरी केरल तट से दक्षिणी गुजरात तट तक बने एक निम्न दबाव के क्षेत्र, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और स्पष्ट रूप से चिह्नित निम्न दबाव के क्षेत्र और केरल तट पर चलने वाली तेज पश्चिमी/उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण अगले पांच दिनों तक दक्षिणी राज्य में मध्यम से भारी बारिश होगी.
राजस्थान में मेघ गर्जन व बारिश जारी रहने की संभावना
राजस्थान में मानसून का दौर जारी है और बीते चौबीस घंटे में बाड़मेर जिले में कहीं कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है. मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, बीते 24 घंटों में राज्य में कुछ स्थानों पर बादलों की गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा तथा बाड़मेर जिले में कहीं-कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई है. मौसम केंद्र के अनुसार, अगले 3-4 दिन बारिश जारी रहने की संभावना है. पूर्वी राजस्थान में 20-21 जुलाई को बारिश में बढ़ोतरी होने तथा कोटा व उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है. इसी तरह पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर व बीकानेर संभाग के कुछ भागों में आगामी दिनों में मेघ गर्जन व बारिश जारी रहने की संभावना है.
24 घंटों में 20 सेमी से अधिक बारिश होने के अनुमान पर ‘रेड अलर्ट'
‘रेड अलर्ट' 24 घंटों में 20 सेमी से अधिक, भारी से अत्यधिक भारी बारिश को इंगित करता है, जबकि ‘आरेंज अलर्ट' का मतलब छह से 20 सेमी तक बहुत भारी बारिश है. ‘यलो अलर्ट' का मतलब छह से 11 सेमी के बीच भारी बारिश है.
मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है. ये अलर्ट हैं... ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (कार्रवाई के लिए तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत है).
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