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This Article is From Jul 13, 2022

Sawan 2022 :  कल से शुरू हो रहा है सावन का महीना, इस शुभ संयोग में रखेंगे व्रत तो भोलेनाथ का बरसेगा आशीर्वाद

Sawan somvaar vrat : क्या आपको पता है कल से शुरू हो रहा सावन बहुत शुभ संयोग में पड़ रहा है. अगर आप इस समय व्रत का संकल्प रखती हैं तो बहुत फलदायी होगा.

Sawan 2022 :  कल से शुरू हो रहा है सावन का महीना, इस शुभ संयोग में रखेंगे व्रत तो भोलेनाथ का बरसेगा आशीर्वाद
Sawan का पहला सावन प्रीति योग में पड़ रहा है.

Sawan shubh Muhurat : सावन का पवित्र महीना कल से शुरू होने जा रहा है. यह महीना बाबा भोलेनाथ की भक्ति के लिए समर्पित है. इस पावन माह में शिव-गौरी की पूजा की जाती है. सावन के 5 सामवारी व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. इस व्रत को कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की चाह में और विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए रखती हैं. लेकिन क्या आपको पता है कल से शुरू हो रहा सावन बहुत शुभ संयोग (shubh sanyog of sawan) में पड़ रहा है. अगर आप उस समय व्रत का संकल्प रखती हैं तो बहुत फलदायी होगा.

सावन महीना का शुभ संयोग

सावन का पहला दिन प्रीति योग में शुरू हो रहा है. 15 जुलाई सुबह 04 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 16 जुलाई सुबह 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. 

4 और हैं शुभ संयोग

ब्रह्म मुहूर्त शुरू हो रहा है सुबह 4 बजकर 11 मिनट  से 4 बजकर 52 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 तक होगा.


विजया मुहूर्त  02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक होगा. 

वहीं गोधुलि मुहूर्त शाम 7 बजकर 7 मिनट से 7 बजकर 31 मिनट तक होगा. 


ऐसे करें पूजा | puja vidhi of sawan

सुबह उठ जाएं

 सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) के दिन भगवान शिव की पूजा (Shiv Puja) के लिए भक्त सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत हो जाते हैं. 

व्रत का संकल्प करें

इसके बाद स्नान करके शिवजी की ध्यान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है. सावन शिवरात्रि की पूजा शिव मंदिर या घर में की जा सकती है. 

रुद्राभिषेक करें 

इस दिन शिवजी का रुद्रभिषेक करना शुभ होता है. इसके लिए गंगाजल, कच्चा दूध, दही, शक्कर, शहद, गन्ने का रस से भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है. 

इनको चढ़ाएं

इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, धतूरा, सफेद चंदन, रोली, फल इत्यादि अर्पित किए जाते हैं. इसके बाद शिव मंत्र, शिव स्तुति और शिव चालीसा का पाठ किया जाता है. शिवरात्रि की कथा सुनने के बाद धूप-दीप से शिव जी की आरती की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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