Santoshi Mata: शुक्रवार को इस तरह करें माता संतोषी का व्रत, पूर्ण होगी हर मनोकामना

धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन सच्ची श्रद्धा से माता संतोषी की पूजा-अर्चना और व्रत आदि करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन अगर कोई भी व्यक्ति विधिपूर्वक मां संतोषी का व्रत रखता है तो माता की कृपा से उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

Santoshi Mata: शुक्रवार को इस तरह करें माता संतोषी का व्रत, पूर्ण होगी हर मनोकामना

Santoshi Mata: शुक्रवार के दिन इस पूजन विधि से करें संतोषी मां को प्रसन्न

नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन देवी मां की उपासना को समर्पित है. बता दें कि हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन को किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है. किसी दिन एक से ज्यादा देवी-देवताओं की भी उपासना की जाती है. कहते हैं कि शुक्रवार के दिन मां दुर्गा, मां संतोषी, मां लक्ष्मी और सभी देवियों को समर्पित है. इस दिन आदिशक्ति माता के विभिन्न रूपों की पूजा उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि शुक्रवार के दिन सच्ची श्रद्धा से माता संतोषी की पूजा-अर्चना और व्रत आदि करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और दुखों का नाश होता है. इस दिन अगर कोई भी व्यक्ति विधिपूर्वक मां संतोषी का व्रत रखता है तो माता की कृपा से उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

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इस दिन व्रत के कठोर नियम होते हैं. इन कठोर नियमों का पालन करने पर ही व्रत सफल होता है, ऐसी मान्यता है. अगर आप मां संतोषी का व्रत रखना चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताई जा रही इस व्रत पूजन विधि की मदद ले सकते हैं. मान्यता है कि शुक्रवार का व्रत निश्चय ही हर तरह से फलदायी होता है. ऐसे में इस व्रत को भक्ति-भाव के साथ 16 शुक्रवार तक करना चाहिए.

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शुक्रवार व्रत की पूजा विधि  | Shukrawar Santoshi Mata Vrat Vidhi

शुक्रवार के दिन घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें.

स्वच्छ पानी से स्नान के बाद पूजा घर साफ करें.

इस दिन सफेद व गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है.

अगर आपने संतोषी माता का व्रत रखा है तो सूर्योदय से पूर्व उठें.

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घर के अंदर स्थित पूजा घर या फिर किसी साफ व पवित्र स्थान पर संतोषी माता की मूर्ति या उनकी तस्वीर स्थापित करें.

शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत का संकल्प लें.

संतोषी माता का व्रत 16 शुक्रवार तक किया जाता है.

व्रत का संकल्प लेने के बाद मंदिर में जल से भरा पात्र रखकर उसके ऊपर एक कटोरी में गुड़ व भुने हुए चने रखें.

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अब माता संतोषी के समक्ष दीपक जलाएं और हाथ में गुड़-चना लेकर कथा पढ़ें.

कथा पूरी होने के बाद माता को भोग लगाएं और आरती करें.

ख्याल रखें इस व्रत में खट्टी चीजें नहीं खाएं.

प्रसाद भी केवल घर के सदस्यों को ही बांटें

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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