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This Article is From Dec 17, 2021

Margashirsha Purnima 2021: कब है साल 2021 की आखिरी पूर्णिमा, जानिए इस दिन लगने वाला शुभ योग

Margashirsha Purnima: पूर्णिमा की तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है. 18 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि पर बहुत ही शुभ साध्य योग बन रहा है. मान्यता है कि साध्य योग में किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य करने पर वह अवश्य ही सफल होता है.

Margashirsha Purnima 2021: कब है साल 2021 की आखिरी पूर्णिमा, जानिए इस दिन लगने वाला शुभ योग
Margashirsha Purnima 2021: जानिए कब है साल की आखिरी पूर्णिमा और शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली:

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्व है. मार्गशीर्ष माह की इस पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन का विशेष विधान है. पूर्णिमा का दिन हर महीने में एक बार आता है और पूरे साल में पूर्णिमा के 12 दिन होते हैं और इनमें से प्रत्येक दिन का एक अलग महत्व होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी महीने की पूर्णिमा के दिन जो नक्षत्र पड़ता है, उसी के आधार पर पूर्णिमा का नाम भी रखा जाता है. 18 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि पर बहुत ही शुभ साध्य योग बन रहा है. मान्यता है कि साध्य योग में किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य करने पर वह अवश्य ही सफल होता है. पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा का महत्व है, लेकिन मार्गशीर्ष के दौरान भगवान विष्णु के कृष्ण स्वरूप की पूजा का अधिक महत्व है, इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के साथ ही उनके स्वरूप भगवान श्री कृष्ण की भी उपासना करनी चाहिए.

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शुभ योग में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2021 (Margashirsha Month Shubh Yog 2021)

अगहन माह की पूर्णिमा पर शुभ योग बन रहे हैं. बता दें कि 18 दिसंबर को साध्य योग बन रहा है, जो सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा, जिसके बाद से यह शुभ योग पूर्णिमा तिथि तक बना रहेगा.

पढ़ें- Margashirsha Purnima 2021: ये है साल की आखिरी मार्गशीर्ष पूर्णिमा, जानिए चंद्रोदय का समय और महत्व

साध्य योग का काल और महत्व | Time and importance of Sadhya Yog

बताया जा रहा है कि इस दिन अत्यंत शुभ साध्य योग बन रहा है. साध्य योग में कोई भी शुभ कार्य करना या नये कार्य की शुरूआत करना हमेशा शुभ माना जाता है. बता दें कि पूर्णिमा की तिथि के साथ ही साध्य योग का संयोग सोने पे सुहागा यानि बेहद शुभ माना जाता है. पूर्णिमा के दिन साध्य योग सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शुभ योग भी नाम के अनुरूप मंगलकारी योग में गिना जाता है.

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पूर्णिमा पर शुभ साध्य योग | Auspicious Yog On Purnima

  • 18 दिसंबर को पूर्णिमा तिथि पर बहुत ही शुभ साध्य योग बन रहा है.
  • साध्य योग में किसी भी तरह का कोई कार्य करने पर वह अवश्य ही सफल होता है.
  • पूर्णिमा तिथि, शनिवार और साध्य योग के संयोग का बहुत ही शुभफलदायक माना जाता है.
  • साध्य योग पूर्णिमा की तिथि पर सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक रहेगा, ऐसे में इस योग में पूजा-पाठ और दान करना बहुत ही शुभ रहेगा.

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा विधि | Puja Vidhi Of Margashirsha Purnima

सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सफेद वस्त्र धारण करें, फिर आचमन करें. 

भगवान का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.

इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें.

विष्णु जी को पीले फूल अर्पित करें और पीले वस्त्र पहनकर उनकी पूजा करें.

अब ॐ नमोः नारायण कहकर, श्री हरि का आह्वान करें.

इसके पश्चात श्री हरि को आसन, गंध और पुष्प आदि अर्पित करें.

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Photo Credit: insta hail_lord_vishnu_god

पूजा स्थल पर वेदी बनाएं व हवन के लिए उसमें अग्नि जलाएं.

हवन में तेल, घी और भूरा की आहुति दें.

हवन समाप्त होने पर सच्चे मन में भगवान का ध्यान करें.

परिवार के सभी सदस्यों को सत्यनारायण की कहानी एक साथ पढ़नी चाहिए.

दही का पंचामृत बना लें और पंजीरी चढ़ाएं.

प्रसाद को सभी लोगों में बांटें और खुद भी खाएं.

व्रत के दूसरे दिन गरीब लोगों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा दें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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