Santoshi Mata: सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी ना किसी भगवान को समर्पित है. हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक शुक्रवार (Shukrawar) संतोषी माता (Santoshi Mata) को समर्पित है. इस दिन संतोषी के निमित्त व्रत रखा जाता है. संतोषी माता व्रत (Santoshi Mata Vrat) के विषय में कहा जाता है कि जो भक्त इस व्रत को विध-विधान से करता है, मां संतोषी (Maa Santoshi) उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. मान्यतानुसार, सोलह शुक्रवार (Solah Shukrawar) विधिवत व्रत करने से घर में हमेशा सुख-शांति का वास होता है. हालांकि इस व्रत को करने के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि शुक्रवार का व्रत (Shukravar Vrat Niyam) करते समय किन बातों का ध्यान रखा जाता है.
शुक्रवार व्रत के नियम | Shukrawar Vrat / Santoshi Mata Vrat Rules
-मान्यतानुसार, शुक्रवार का व्रत करने वालों को इस दिन किसी भी प्रकार की खट्टी जीजें नहीं खानी चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से मां संतोषी नाराज हो जाती हैं. इसके व्रत भंग हो जाता है. ऐसे में इस दिन व्रत करते समय कोई भी नियम तोड़ना सही नहीं माना गया है.
-संतोषी माता व्रत के दौरान माता को भोग लगाने के लिए गुड़ और चने का इस्तेमाल किया जाता है. व्रती इस प्रसाद को जरूर खाते हैं.
-शुक्रवार व्रत के दिन ना सिर्फ व्रती, बल्कि घर के बाकी सदस्यों को भी इस दिन खट्टे खाद्य प्रदार्थ खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है.
-जिस घर में शुक्रवार का व्रत किया जाता हो उस घर के किसी सदस्यो को इस दिन मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मदीरा का सेवन करने से व्रत का कोई फल नहीं मिलता है.
-कहा जाता है कि शुक्रवार को संतोषी माता व्रत के दौरान तामसिक भोजन करने से परहेज करना चाहिए. दरअसल इस दिन ऐसा करना व्रत के नियम के विरुद्ध माना गया है. मान्यता है कि व्रत करने से संतोषी माता की कृपा मिलती है. साथ ही व्रत करे वाले की मनोकामना पूरी होती है. वहीं कुंवारी कन्याओं को योग्य जीवनसाथी मिल सकता है.
संतोषी माता व्रत का महत्व | Santoshi Mata Vrat Significance
संतोषी माता व्रत का खास महत्व बताया गया है. माना जाता है कि शुक्रवार के दिन संतोषी माना का व्रत रखने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही सच्चे मन से यह व्रत करने पर माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है. वहीं, जो लड़कियां अविवाहित हैं अगर वो ये व्रत रखें तो उन्हें सुयोग्य वर शीघ्र मिल जाता है, ऐसी मान्यता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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