विज्ञापन

Ravidas jayanti 2025: कब मनाई जाएगी रविदास जयंती, जानें इसका इतिहास और महत्व

Importance of Guru Ravidas Jayanti : हर साल माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु रविदास जयंती मनाई जाती है, इस बार यह महत्वपूर्ण दिन कब मनाया जाएगा इसका महत्व और इतिहास क्या है, आइए आपको बताते हैं.

Ravidas jayanti 2025: कब मनाई जाएगी रविदास जयंती, जानें इसका इतिहास और महत्व
History of Guru Ravidas Jayanti : श्री गुरु संत रविदास जी 15वीं शताब्दी के दौरान भारत के एक महान संत, कवि, समाज सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे.

Ravidas jayanti 2025 : गुरु रविदास मध्यकाल में एक भारतीय संत, कवि, सद्गुरु थे, इन्हें संत शिरोमणि की उपाधि दी गई थीं. उन्होंने रविदासिया पंथ की स्थापना की थी, इसलिए हर साल माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को संत रविदास जयंती (Ravidas jayanti date) मनाई जाती है. इनका जन्म 1450 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था, कहते हैं रविदास जी की जयंती (Ravidas jayanti kyon manae jaati Hai) पर पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है, इस दिन उनके अनुयायी नगर कीर्तन करते हैं और जगह-जगह लंगर का आयोजन भी किया जाता है. आइए आपको बताते हैं गुरु रविदास जयंती का महत्व और इतिहास (Ravidas jayanti significance in Hindi).

प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल विचार सुझाते हैं जीवन की राह, जानिए वृंदावन में रहने वाले महाराज के कुछ खास उपदेश

रविदास जयंती 2025 डेट - Ravidas Jayanti 2025 date

साल 2025 में रविदास जयंती माघ महीने की पूर्णिमा तिथि यानी कि बुधवार, 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी. यह गुरु रविदास जी की 648वीं जन्म वर्षगांठ है, इस दिन संत रविदास के भक्त भजन कीर्तन करते हैं, शोभा यात्रा निकालते हैं. इसके साथ ही सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी पालन करने का संकल्प लेते हैं. संत रविदास जी बिना भेदभाव के सद्भाव और प्रेम से रहने की शिक्षा देते थे, ऐसे में उनके जन्म दिवस पर उनके अनुयायी इसका संकल्प लेते हैं.

गुरु रविदास जयंती का इतिहास - History of Guru Ravidas Jayanti

रविदास जी का जन्म 1450 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर गांव में हुआ था. उन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ युद्ध छेड़ा था. कहा जाता है कि वह पिछले जन्म में एक ब्राह्मण थे, लेकिन जब इस महान व्यक्ति की मृत्यु हुई, तो उनकी रुचि एक अन्य जाति की एक महिला में हुई. उनकी इच्छा थी कि वह सुंदर महिला उनकी मां बनें, इसलिए मृत्यु के बाद इस महिला के गर्भ से उन्होंने रविदास जी के रूप में पुनर्जन्म लिया. कहा जाता है कि गुरुजी एक ऐसे परिवार से थे, जो मृत जानवरों के साथ चमड़े के उत्पादन करने का काम करते थे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वह कबीर जी के समवर्ती थे और उन्होंने कबीर जी के साथ आध्यात्मिकता पर विशेष कार्य किए थे.

कैसे मनाएं गुरु रविदास जयंती गुरु - How to celebrate Guru Ravidas Jayanti Guru

रविदास जयंती के दिन भक्त पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं, यदि आप उनके अनुयायी हैं और इस दिन उन्हें याद करना चाहते हैं, तो आप पवित्र नदी में डुबकी लगाएं, नगर कीर्तन में हिस्सा लें और उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प ले सकते हैं.

गुरु रविदास जी के बारे में महत्वपूर्ण बातें - Important things about Guru Ravidas Ji

मान्यताओं के अनुसार, गुरु रविदास कुष्ठ रोग का इलाज कर सकते थे. कहा जाता है कि उनके पास प्राकृतिक शक्ति थी, जिससे वह कुष्ठ रोगियों का इलाज करते थे. उनका दृष्टिकोण बहुत ही सकारात्मक था, गुरु रविदास जी का विवाह श्रीमती लोना देवी से हुआ, उनका एक पुत्र था जिसका नाम विजयदास रखा गया. गुरु रविदास के भक्ति गीतों को सिख धर्म की पुस्तक गुरुग्रंथ साहिब में जोड़ा गया.

गुरु रविदास जयंती का महत्व - Importance of Guru Ravidas Jayanti

श्री गुरु संत रविदास जी 15वीं शताब्दी के दौरान भारत के एक महान संत, कवि, समाज सुधारक और ईश्वर के अनुयायी थे. वह एक दयालु, धर्मात्मा व्यक्ति के रूप में समानता और एकमात्र महाशक्ति की प्रणाली का प्रचार करते थे. उन्होंने धर्म के आधार पर कोई मतभेद नहीं किया, इसलिए उनके वचनों और उनके बताएं मार्ग का अनुसरण कई अनुयायी करते हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: